हरियाणा विधानसभा चुनावों में जींद की जुलाना सीट सुर्खियों में है, जहां पहलवान विनेश फोगाट अपनी उम्मीदवारी के चलते चर्चा का विषय बने हुए हैं। लेकिन इस बार अंबाला कैंट सीट पर भी राजनीतिक तापमान बढ़ गया है, जहां बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनिल विज और पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी चित्रा सरवारा के बीच जोरदार मुकाबला होने की उम्मीद है।
चित्रा सरवारा की चुनावी यात्रा
चित्रा सरवारा ने 2019 के विधानसभा चुनावों में अनिल विज को कड़ी टक्कर दी थी। इस बार, चित्रा एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं, और उनकी कोशिश है कि वह इस बार जीत हासिल कर सकें। उनका अभियान पहले से अधिक मजबूत दिख रहा है, खासकर जब फिल्म अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह ने उन्हें समर्थन देने का ऐलान किया है।
चित्रांगदा सिंह का समर्थन
चित्रांगदा सिंह ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने अंबाला के लोगों से चित्रा सरवारा को वोट देने की अपील की। उन्होंने चित्रा को एक परिवार के सदस्य के रूप में वर्णित करते हुए कहा, “मैं चित्रा को सालों से जानती हूं और मुझे विश्वास है कि उन्होंने पिछले पांच सालों में बहुत मेहनत की है। उनका टिकट कटा है, लेकिन वह फिर भी अपनी जीत के लिए लड़ रही हैं।”
चित्रांगदा ने यह भी कहा कि यदि चित्रा जीतती हैं, तो वह निश्चित तौर पर एक प्रगतिशील और फारवर्ड लुकिंग पॉलिटिशियन साबित होंगी। इस समर्थन ने चित्रा के लिए एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया है।
अंबाला कैंट का राजनीतिक समीकरण
इस बार कांग्रेस ने अंबाला कैंट से परिमल परी को टिकट दिया है, जबकि अनिल विज बीजेपी से मैदान में हैं। इसके अलावा, जेजेपी के राजकुमार गिल और आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट भी चुनावी दौड़ में शामिल हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला अनिल विज और चित्रा सरवारा के बीच होने की संभावना है।
2019 चुनावों का संदर्भ
2019 के विधानसभा चुनावों में अनिल विज को 64,571 वोट मिले थे, जबकि चित्रा सरवारा ने निर्दलीय चुनाव लड़कर 44,406 वोट हासिल किए थे। विज ने चित्रा को लगभग 20 हजार वोटों से हराया था। उस समय कांग्रेस की कैंडिडेट रेनु सिंगला को केवल 8,534 वोट मिले थे। इस बार, चित्रा के समर्थकों की संख्या में वृद्धि हो सकती है, जो उन्हें विज के खिलाफ बेहतर स्थिति में ला सकती है।
पारिवारिक संबंध और चुनावी राजनीति
चित्रा सरवारा, चित्रांगदा सिंह के भाई दिग्विजय सिंह की पत्नी हैं, जिससे उनका समर्थन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस पारिवारिक संबंध ने चित्रा की चुनावी संभावनाओं को और मजबूत किया है।