महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दकी हत्याकांड के मुख्य शूटर गुरमेल को जिला अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह सजा उस पर 2019 में एक युवक की हत्या के मामले में सुनाई गई है। हत्या के बाद गुरमेल ने अपराध की दुनिया में कदम रखा और फिर लारेंस गैंग से जुड़ गया था। यह मामला 2019 में कैथल जिले के गांव नरड़ निवासी युवक सुनील की हत्या से जुड़ा हुआ है। इस हत्याकांड के बाद आरोपी गुरमेल पर हत्या का मामला दर्ज हुआ था, और हाल ही में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंदिता कौशिक ने छह दोषियों को उम्रकैद की सजा और जुर्माना लगाया है।
2019 में हुई हत्या की कहानी
यह घटना 31 मई 2019 को हुई थी, जब सुनील नामक युवक अपनी गाड़ी में कैथल के पास स्थित ग्यारह रुद्री मंदिर पहुंचा। वहां दो मोटरसाइकिलों पर सवार पांच अज्ञात युवक पहुंचे और उसे गाड़ी से खींचकर बाहर निकाल लिया। फिर इन आरोपियों ने सुनील पर तेज धार हथियारों और डंडों से हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने मामले में आरोपी गुरमेल, विक्की उर्फ सुल्तान, अशोक कुमार उर्फ शोकी, अंकित, संदीप और राजकुमार को गिरफ्तार किया था। अदालत ने अपने 80 पेज के फैसले में दोषी गुरमेल, अंकित, संदीप, राजकुमार, विक्की को उम्रकैद और 60,500 रुपये का जुर्माना, जबकि आरोपी अशोक को उम्रकैद और 70,500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर इन दोषियों को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
गुरमेल की आपराधिक गतिविधियाँ और लारेंस गैंग से जुड़ाव
गुरमेल के अपराध की दुनिया में कदम रखने की शुरुआत इस हत्या से हुई थी। हत्या के बाद वह लारेंस गैंग से जुड़ गया और अपना आपराधिक नेटवर्क फैलाने में लग गया। 12 अक्टूबर 2019 को दशहरा पर्व की रात गुरमेल ने लारेंस गैंग के संपर्क में आने के बाद इस हत्या को अंजाम दिया। उसके बाद, उसने गैंग के अन्य सदस्य के रूप में कई अपराध किए और धीरे-धीरे गैंग का हिस्सा बन गया।
गुरमेल की गिरफ्तारी के बाद, उसे कैथल जेल में रखा गया था, लेकिन 25 मार्च 2022 को जेल में उसके पास एक मोबाइल फोन मिला, जिसके बाद उसके खिलाफ एक और केस दर्ज किया गया। इस मामले में सोनीपत और करनाल के कुछ अन्य युवकों का भी नाम सामने आया था। इसके बाद, 7 जुलाई 2023 को गुरमेल को हरियाणा हाईकोर्ट से नियमित जमानत मिल गई।
हालाँकि जमानत मिलने के बाद वह न तो घर वापस आया और न ही अदालत में पेशी पर गया। इसके परिणामस्वरूप, अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। बाद में 12 अगस्त 2024 को तितरम थाना में गुरमेल के खिलाफ एक और केस दर्ज हुआ, जिसमें उस पर एक युवक से मारपीट का आरोप था।
कैथल जेल में पंजाब गैंगस्टर से संपर्क
पुलिस का मानना है कि वर्ष 2020-21 में जब कैथल जेल में पंजाब के गैंगस्टर आए थे, तब गुरमेल ने लारेंस बिश्नोई गैंग से संपर्क किया होगा। इससे पहले वह जेल में बंद था, लेकिन जमानत मिलने के बाद उसकी गतिविधियाँ संदिग्ध हो गईं। जमानत के बाद, वह कहीं भी नहीं दिखा और उसकी गतिविधियों का कोई भी ठोस सुराग नहीं मिला।
अदालत का ऐतिहासिक फैसला
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंदिता कौशिक ने अपने फैसले में दोषियों को कड़ी सजा देने का निर्णय लिया। न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई और साथ ही साथ जुर्माना भी लगाया। अदालत का यह फैसला इस बात का संकेत है कि अपराधी चाहे जो भी हों, उन्हें कानून से बचने नहीं दिया जाएगा। इस मामले में पुलिस और न्यायालय दोनों की अहम भूमिका रही, जिन्होंने मिलकर दोषियों को सजा दिलवाने में सफलता प्राप्त की। अदालत के इस फैसले से यह संदेश गया है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और अपराधियों को उनके किए गए अपराधों का परिणाम भुगतना पड़ता है।
मामले में अदालत द्वारा सजा का ऐलान
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंदिता कौशिक ने छह आरोपियों को सजा सुनाते हुए कहा कि हत्या की घटना ने न केवल पीड़ित परिवार के लिए अपूरणीय क्षति पहुंचाई, बल्कि समाज में अपराधियों के बीच भय का माहौल भी पैदा किया। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि इस तरह के अपराध समाज में असुरक्षा और भय का वातावरण उत्पन्न करते हैं इसलिए दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
अदालत ने यह भी कहा कि जुर्माना केवल दोषियों को वित्तीय दंड देने के लिए नहीं, बल्कि यह समाज में एक संदेश भेजने के लिए है कि अपराधियों को उनके कृत्यों का परिणाम भुगतना ही पड़ेगा।