पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने महिलाओं के लिए टू-व्हीलर पर हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सिख महिलाओं को भी हेलमेट पहनने से छूट नहीं होगी, सिवाय उन महिलाओं के जो पगड़ी पहनती हैं। यह निर्णय उस याचिका के संदर्भ में आया था जिसमें टू-व्हीलर पर महिलाओं के लिए हेलमेट पहनने को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इस फैसले के साथ ही अब यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी महिलाओं, विशेष रूप से वे सिख महिलाएं जो पगड़ी नहीं पहनती हैं, उन्हें हेलमेट पहनना पड़ेगा और अगर वे ऐसा नहीं करती हैं तो ट्रैफिक पुलिस उन पर चालान लगा सकती है।
हाई कोर्ट का आदेश: हेलमेट पहनना सुरक्षा के लिए जरूरी
हाई कोर्ट ने महिलाओं के लिए हेलमेट पहनने के मुद्दे पर अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि यह केवल महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि यह समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी धर्म को सुरक्षा के प्रावधानों से ऊपर नहीं रखा जा सकता। इस फैसले के साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि सिख महिलाएं जो पगड़ी पहनती हैं, उन्हें हेलमेट पहनने से छूट दी जाएगी, लेकिन अन्य सभी महिलाओं को यह आवश्यक होगा कि वे टू-व्हीलर चलाते समय हेलमेट पहनें।
पिछली घटनाओं से हुई यह स्थिति उत्पन्न
यह निर्णय एक पत्र के बाद लिया गया था, जिसमें पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट से टू-व्हीलर पर महिलाओं के लिए हेलमेट पहनने की अनिवार्यता को लेकर कार्रवाई की मांग की गई थी। पत्र में एक दुखद घटना का जिक्र किया गया था, जिसमें अरोमा होटल के सामने एक युवती को हरियाणा रोडवेज की बस ने टक्कर मार दी, जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई। पत्र में यह भी कहा गया कि केंद्र और राज्य सरकारें सिखों को हेलमेट पहनने से छूट देती हैं यदि वे पगड़ी पहनते हैं, लेकिन किसी धर्म को सुरक्षा नियमों से ऊपर नहीं रखा जा सकता।
यह पत्र हाई कोर्ट में दाखिल किया गया था, जिसमें कहा गया था कि सभी महिलाओं, खासकर उन सिख महिलाओं को हेलमेट पहनने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जो पगड़ी नहीं पहनती हैं। पत्र में यह भी कहा गया कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 4 साल से अधिक आयु के बच्चों के लिए भी हेलमेट अनिवार्य है और इसका पालन करवाना चाहिए।
हाई कोर्ट की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की अपील
हाई कोर्ट ने इस मामले पर गंभीरतापूर्वक विचार किया और यह स्पष्ट किया कि महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित यह मामला संवेदनशील है। कोर्ट ने यह भी कहा कि हेलमेट पहनने से न केवल महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होती है, बल्कि यह कानून और सुरक्षा के प्रावधानों का पालन करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। अदालत ने यह भी कहा कि राज्य सरकारों और केंद्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस आदेश का पालन हर जगह किया जाए और कोई भी सुरक्षा नियमों से ऊपर नहीं हो सकता।
हाई कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि हेलमेट पहनने के नियम का पालन सुनिश्चित किया जाए और जिन जगहों पर इसका उल्लंघन हो रहा है, वहां ट्रैफिक पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इस निर्णय के बाद अब ट्रैफिक पुलिस को अधिकार होगा कि वे उन महिलाओं पर चालान लगाए जो हेलमेट पहनने के नियम का पालन नहीं करतीं।
चार साल से अधिक बच्चों के लिए भी हेलमेट अनिवार्य
हाई कोर्ट ने यह भी पुष्टि की कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 4 साल से अधिक आयु के बच्चों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है। कोर्ट ने राज्य सरकारों और केंद्र से यह अपेक्षा की है कि वे इस प्रावधान का पालन सुनिश्चित करें और बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़ी कार्रवाई करें। यह आदेश तब आया है जब कई रिपोर्ट्स में बच्चों की सड़कों पर सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उठाई गई थीं।
सिख महिलाओं के लिए विशेष छूट
सिख महिलाओं के लिए हेलमेट पहनने से छूट जारी रखने के मुद्दे पर हाई कोर्ट ने कहा कि पगड़ी पहनने वाली सिख महिलाओं को हेलमेट पहनने से छूट दी जाएगी। हालांकि, यह छूट उन सिख महिलाओं के लिए होगी जो अपनी पारंपरिक पगड़ी पहनती हैं, जबकि अन्य सभी महिलाओं को हेलमेट पहनना होगा। इस निर्णय को लेकर समाज में मिश्रित प्रतिक्रियाएं आईं हैं, क्योंकि कई लोग मानते हैं कि सभी महिलाओं को समान सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए।