नवंबर महीने की शुरुआत होते ही हरियाणा समेत उत्तर भारत में ठंड का एहसास होना आम बात है, लेकिन इस बार स्थिति कुछ अलग नजर आ रही है। हाल के दिनों में खासकर दिन के समय गर्मी का एहसास हो रहा है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में इस बार नवंबर की शुरुआत के साथ ठंड की एंट्री नहीं हो रही है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार हरियाणा में 6 नवंबर तक मौसम में कोई बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। हालाँकि 6 नवंबर के बाद तापमान में गिरावट आने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि 8 नवंबर के आसपास ठंड की शुरुआत हो सकती है।
हरियाणा में बढ़ता प्रदूषण
इस बीच, हरियाणा में वायु प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश के लगभग 20 शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के ऊपर पहुंच गया है। हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि हिसार में AQI 500 तक पहुंच गया, जबकि जींद में यह 400 के ऊपर चला गया।
पराली जलाने के मामले
रविवार को हरियाणा में पराली जलाने के 19 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे कुल मामले 857 तक पहुँच गए हैं। इससे पहले शुक्रवार को 35 मामले सामने आए थे। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि हरियाणा में पराली जलाने की समस्या लगातार बनी हुई है।
पराली जलाने के कारण
रिपोर्ट्स के अनुसार, हिसार और जींद के आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाएं सबसे अधिक दर्ज की गई हैं। इसके अतिरिक्त, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, वाहनों का उत्सर्जन, और टूटी-फूटी सड़कों के कारण भी प्रदूषण में वृद्धि हो रही है।
दिवाली के बाद का प्रदूषण
दिवाली के बाद, पटाखों से होने वाले प्रदूषण ने भी हवा की गुणवत्ता को और खराब कर दिया है। नमी बढ़ने के कारण कई क्षेत्रों में स्मॉग की चादर भी देखने को मिल रही है। इससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन, और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य पर असर
हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण का असर स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, हवा में प्रदूषण के बढ़ने से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। लोग श्वसन संबंधी बीमारियों, जैसे अस्थमा और एलर्जी, का शिकार हो रहे हैं। विशेषकर बच्चे और बुजुर्ग इस समस्या से अधिक प्रभावित हो रहे हैं।