
हरियाणा के ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल विज ने मंगलवार को परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में प्रदेश की सड़कों पर बिना नंबर की गाड़ियों और बिना परमिट के चलने वाली गाड़ियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर कोई गाड़ी बिना नंबर या बिना परमिट के सड़कों पर पाई जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस बैठक में अनिल विज ने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि राज्य के सरकारी बसों को किसी भी निजी ढाबे या अवैध स्थान पर खड़ा नहीं होने दिया जाए। इस कदम का उद्देश्य राज्य की परिवहन व्यवस्था को और भी अधिक सुदृढ़ और अनुशासित बनाना है।
अनिल विज ने अधिकारियों को दिए सख्त दिशा-निर्देश
मंगलवार को परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अनिल विज ने विभागीय अधिकारियों से कहा, “प्रदेश में बिना नंबर के या बिना परमिट के चलने वाली कोई भी गाड़ी सड़कों पर नहीं दिखनी चाहिए। अगर ऐसी गाड़ियां पाई जाती हैं, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सड़क पर नियमों का पालन सुनिश्चित करें और किसी को भी नियमों का उल्लंघन करने की अनुमति न दें।”
उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि सरकारी बसों को किसी निजी ढाबे या गैर-कानूनी स्थानों पर खड़ा नहीं होना चाहिए। इससे यात्रियों को असुविधा हो सकती है और यह सड़क यातायात के प्रवाह को भी प्रभावित करता है।
बस स्टैंडों पर यात्रियों की सुविधाओं को प्राथमिकता देने का निर्देश
अनिल विज ने समीक्षा बैठक के दौरान बस स्टैंडों पर यात्रियों की सुविधा के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी बस स्टैंडों पर पीने के पानी की व्यवस्था, साफ-सफाई, बैठने के लिए बेंच, लाईट और पंखों जैसी सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त की जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि बस स्टैंड पर खाने-पीने की वस्तुओं को प्रतिदिन चेक किया जाए, ताकि गुणवत्ता में कोई कमी न हो।
“प्रदेश के सभी बस स्टैंडों पर यात्रियों के लिए अच्छी सुविधाओं का प्रबंध होना चाहिए, ताकि उनकी यात्रा को आरामदायक और सुखद बनाया जा सके। यात्रियों को साफ-सुथरी और सुरक्षित यात्रा मिलनी चाहिए,” विज ने कहा।
बस स्टैंडों पर कैंटीन बनाने की योजना
ट्रांसपोर्ट मंत्री ने बैठक के दौरान अधिकारियों से यह भी कहा कि जैसे रेलवे स्टेशन पर कैंटीन की व्यवस्था की गई है, उसी तर्ज पर हरियाणा के बस स्टैंडों पर भी कैंटीन की संभावनाएं तलाशी जाएं। यह कदम प्रदेश के यात्रियों को और बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए उठाया गया है, जिससे उन्हें यात्रा के दौरान खाना-पीना मिल सके।
उन्होंने कहा, “यदि हम बस स्टैंडों पर कैंटीन स्थापित करते हैं, तो यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और उन्हें अपनी यात्रा के दौरान भोजन के लिए परेशानी नहीं होगी। यह एक महत्वपूर्ण पहल हो सकती है।”
सड़क सुरक्षा के लिए नए कदम
अनिल विज ने प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर भी कई अहम निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश की सभी सड़कों पर स्पीड बोर्ड लगाए जाएं और दुर्घटना-प्रवण स्थानों को चिन्हित किया जाए। उनका कहना था कि यह कदम सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए महत्वपूर्ण होगा और इससे सड़क पर यात्रा करने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।
“हम सभी को मिलकर सड़क सुरक्षा के लिए कदम उठाने होंगे ताकि हरियाणा में सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। हमें यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति सड़कों पर अपनी यात्रा के दौरान जोखिम में न रहे,” विज ने कहा।
कर्मचारियों का वेतन और फिटनेस पर विशेष ध्यान
अनिल विज ने यह भी सुनिश्चित किया कि परिवहन विभाग के कर्मचारियों का वेतन समय पर दिया जाए और विभाग में किसी भी कर्मचारी का प्रमोशन नहीं रुकना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग में वाहन फिटनेस के लिए नई तकनीक का उपयोग किया जाए और नए उपकरण खरीदे जाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि बस ड्राइवर और कंडक्टर की फिटनेस पर ध्यान दिया जाए और उनकी फिटनेस से संबंधित नियमों की एक पॉलिसी तैयार की जाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बसों का संचालन सही तरीके से हो और यात्रियों की सुरक्षा कोई समझौता न हो।
प्रदेश की परिवहन व्यवस्था पर संक्षिप्त आंकड़े
मंत्री ने बैठक में अधिकारियों से हरियाणा की परिवहन व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि राज्य में कुल 4040 बसें, 24 बस डिपो और 13 सब डिपो हैं। इसके अलावा, राज्य के अंदर 649 रूट, 443 बाहरी रूट और 877 गांवों के रूट हैं।
राज्य में प्रतिदिन लगभग 11 लाख किलोमीटर बसें चलती हैं और हर दिन 10 लाख से अधिक यात्री बसों के माध्यम से यात्रा करते हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश की परिवहन व्यवस्था में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और यात्रियों को बेहतर सेवा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।