
हरियाणा के रेवाड़ी जिले के शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव को आज राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। 28 वर्षीय शहीद पायलट को उनके पैतृक गांव भालखी माजरा में अंतिम संस्कार किया गया, जहां उनके पिता सुशील यादव ने शहीद बेटे की चिता को मुखाग्नि दी। इस मौके पर भारतीय वायुसेना की एक टुकड़ी ने उल्टे हथियार से फायर कर शहीद सिद्धार्थ को श्रद्धांजलि दी, जो वायुसेना की परंपरा का हिस्सा है।
10 दिन पहले हुई थी सगाई, शहीद की मंगेतर सानिया भी अंतिम विदाई में शामिल
सिद्धार्थ यादव की सगाई मात्र 10 दिन पहले ही हुई थी। 2 नवंबर को उनकी शादी की तारीख तय की गई थी, और घर में इस खुशी के मौके की तैयारियां चल रही थीं। लेकिन सिद्धार्थ की शहादत ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। अंतिम संस्कार में शहीद की मंगेतर सानिया भी पहुंची और अपने मंगेतर के पार्थिव शरीर को देखकर गहरे दुःख में डूब गईं। वह लगातार रोते हुए सिद्धार्थ की तस्वीर को देखती रहीं और बार-बार कहती रहीं, “बेबी तू आया नहीं मुझे लेने, तूने कहा था तू आएगा।”
सानिया का दिल टूट चुका था, लेकिन वह गर्व के साथ कह रही थीं, “मुझे सिद्धार्थ पर गर्व है।” उनका कहना था कि 2 नवंबर को होने वाली शादी के लिए घर में पूरी तैयारी चल रही थी, और अब सब कुछ टूट गया था। उन्होंने कहा, “प्लीज एक बार मुझे उनकी शक्ल दिखा दो।”
शहीद की मां और परिवार का गहरा दुख
शहीद सिद्धार्थ यादव की मां सुशीला यादव और बहन खुशी भी इस कठिन समय में अपनी भावनाओं को संभाल नहीं पा रही थीं। सुशीला यादव ने कहा, “मुझे अपने बेटे पर गर्व है। मैं देश की हर मां से कहना चाहती हूं कि वे अपने बेटों को देशसेवा के लिए सेना में भेजें। मुझे उसकी जननी होने पर गर्व है। वह देश के लिए डरा नहीं।” वह अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कह रही थीं, “उसके नेचर का मैं नहीं बता सकती, वह कितना अच्छा था।”
सुशीला यादव ने कहा कि उनका पूरा परिवार सेना से जुड़ा हुआ है, और यही कारण था कि उन्होंने सिद्धार्थ को सेना में भेजा था। उनके लिए यह गर्व का पल था, और शहादत के बाद भी वह इसे सम्मान की तरह देख रही थीं।
पिता सुशील यादव का सपना: “चीफ ऑफ एयर स्टाफ बनेगा मेरा बेटा”
सिद्धार्थ के पिता सुशील यादव ने इस मौके पर अपने बेटे के बारे में कहा, “मेरा सपना था कि मेरा बेटा चीफ ऑफ एयर स्टाफ बने। यह हर एयरफोर्स अधिकारी के पिता का सपना होता है, और मेरा भी यही सपना था।” उन्होंने बताया कि सिद्धार्थ के घर से जाने के बाद घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं और 2 नवंबर की तारीख तय की गई थी। सुशील यादव ने कहा कि सिद्धार्थ एक बहादुर सैनिक था, जिसने अपने जीवन को देश की सेवा में समर्पित कर दिया।
“मेरी चार पीढ़ी सेना से जुड़ी हुई है,” सुशील यादव ने कहा, “और मैंने उसे सेना में भेजने का निर्णय गर्व से लिया था। वह बहादुर बच्चा था, जो हमेशा खुद को आगे रखता था और दूसरों के लिए भी अपनी जान जोखिम में डालता था।” उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ ने अपनी जान की बाजी लगाकर एक साथी की जान बचाई थी, और यह उसका साहस और समर्पण था।
शहीद सिद्धार्थ की वीरता और देशवासियों का सम्मान
विग कमांडर सचिन चंद्र निकाह ने सिद्धार्थ यादव को एक होनहार और जांबाज पायलट के रूप में याद किया। उन्होंने कहा, “मुझे पायलट से विशेष लगाव है, मेरा बेटा भी पायलट है, और मुझे पता है कि पायलट कितनी कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं। सिद्धार्थ यादव ने अपने देश के लिए अपना बलिदान दिया है, और हम सभी को उसकी वीरता पर गर्व है।”
सचिन चंद्र निकाह ने सिद्धार्थ की बहादुरी का उल्लेख करते हुए कहा कि वह एक बेहद जिम्मेदार और समर्पित पायलट थे। 2 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में हुए जगुआर क्रैश में सिद्धार्थ शहीद हो गए थे। इस दुर्घटना के समय उन्होंने अपने साथी की जान बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगाई।