
पंजाब इन दिनों भयंकर बाढ़ की चपेट में है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही मूसलधार बारिश के चलते राज्य की प्रमुख नदियों — सतलुज, ब्यास और रावी — में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। इन नदियों के साथ-साथ मौसमी नालों के उफान का असर पूरे पंजाब में देखा जा रहा है, जिससे सामान्य जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
बाढ़ के कारण राज्य के सात जिलों में हालात बेहद गंभीर हैं। इस संकट की घड़ी में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्र से त्वरित मदद की मांग की है। मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्य के हजारों करोड़ रुपये की धनराशि रोके बैठी है, जिसे तत्काल जारी किया जाना चाहिए।
1,000 गांव बाढ़ से प्रभावित, लाखों लोग संकट में
मुख्यमंत्री मान ने अपने पत्र में लिखा कि पंजाब इस समय भीषण बाढ़ आपदा से गुजर रहा है, जिसमें करीब एक हजार गांवों और लाखों की आबादी पर इसका प्रभाव पड़ा है। बाढ़ का सबसे ज़्यादा असर गुरदासपुर, कपूरथला, अमृतसर, पठानकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का और होशियारपुर जिलों में देखा गया है। इन जिलों में भारी बारिश के साथ-साथ पहाड़ी राज्यों से छोड़े गए पानी ने तबाही मचा दी है। सीएम मान ने चेतावनी दी कि “अगर हालात पर जल्द काबू नहीं पाया गया, तो आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो सकती है।”
तीन लाख एकड़ कृषि भूमि जलमग्न, फसलों को भारी नुकसान
पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है, और बाढ़ ने इसकी रीढ़ माने जाने वाली धान की फसल को भीषण नुकसान पहुंचाया है। सीएम मान ने जानकारी दी कि करीब तीन लाख एकड़ कृषि भूमि पानी में डूब गई है, जिससे कटाई से ठीक पहले फसलें बर्बाद हो गई हैं। इसका सीधा असर राज्य की आर्थिक व्यवस्था और खाद्य सुरक्षा पर पड़ सकता है। किसानों को इस बर्बादी के कारण करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।
इसके अलावा, पशुधन की व्यापक हानि की भी रिपोर्टें सामने आई हैं। हजारों गाय, भैंस और अन्य पालतू जानवर बाढ़ में बह गए या बीमार हो गए हैं। यह स्थिति ग्रामीण परिवारों की आजीविका पर सीधा प्रभाव डाल रही है।
राजस्व नुकसान और फंड रोकने के आरोप
मुख्यमंत्री मान ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में दावा किया कि केंद्र सरकार पंजाब सरकार की 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि रोक कर बैठी है, जिसे तत्काल जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि “जीएसटी और वैट प्रणाली में बदलाव के कारण राज्य को 49,727 करोड़ रुपये का स्थायी नुकसान हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक कोई मुआवजा नहीं दिया है।”
इसके अलावा, उन्होंने ग्रामीण विकास निधि (RDF) और मंडी विकास निधि (MDF) में कटौती को लेकर भी नाराजगी जताई। उनके अनुसार, इन दोनों मदों में कटौती से राज्य को 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
PMGSY के 828 करोड़ के प्रोजेक्ट रद्द करने पर आपत्ति
मुख्यमंत्री मान ने केंद्र की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत पंजाब में स्वीकृत 828 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को रद्द करने के फैसले पर भी कड़ी आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा, “इन परियोजनाओं के रद्द होने से राज्य की ग्रामीण कनेक्टिविटी पर गंभीर असर पड़ेगा। बाढ़ के बाद पुनर्निर्माण और राहत कार्यों में ग्रामीण सड़कों की अहम भूमिका होती है। ऐसे समय में केंद्र की यह कार्रवाई असंवेदनशील प्रतीत होती है।”