
अमृतसर जिला शहरी पुलिस ने एक बड़े हवाला रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक पंजाब पुलिस का कांस्टेबल निकला। गिरफ्तार आरोपियों के पास से 46 लाख 91 हजार रुपये की हवाला राशि बरामद की गई है। पुलिस ने इस नेटवर्क को एक ट्रैप ऑपरेशन के ज़रिए बेनकाब किया, जो कथित रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे नशा और हथियार तस्करी के सिंडिकेट से जुड़ा है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान हरमीत सिंह निवासी सदर क्वार्टर और नवजोत सिंह के रूप में हुई है। नवजोत सिंह वर्तमान में पंजाब पुलिस में बतौर कांस्टेबल कार्यरत है। दोनों आरोपी कथित रूप से अमेरिका में बैठे तस्करों—गोपी चौगावां और जोबन कालेर—के इशारे पर काम कर रहे थे।
जांच की शुरुआत: एक किलो हेरोइन से खुला राज
इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ तब हुआ जब थाना छेहरटा पुलिस ने 9 अप्रैल को सतनाम सिंह निवासी लोपोके को एक किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान सतनाम सिंह ने तीन अन्य साथियों—राजनजोत सिंह, गुरप्रीत सिंह, और अनिल सैनी (निवासी हरियाणा)—के नाम उजागर किए। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन तीनों को भी हिरासत में ले लिया।
इन चारों से जब गहन पूछताछ की गई तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। पता चला कि नशे और हथियारों की डीलिंग में इस्तेमाल होने वाली रकम का लेन-देन हवाला के ज़रिए किया जा रहा है। हवाला ट्रांजेक्शन के पीछे दो अहम चेहरे सामने आए—हरमीत सिंह और नवजोत सिंह।
हवाला ट्रैप: मौके पर ही लाखों की बरामदगी
सूचना पुख्ता होते ही अमृतसर शहरी पुलिस ने एक सुनियोजित ट्रैप बिछाया। पुलिस की विशेष टीम ने दोनों आरोपियों—हरमीत और नवजोत—को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान मौके से कुल 46 लाख 91 हजार रुपये की हवाला राशि बरामद हुई। ये रकम पूरी तरह 10-10 रुपये की नोटों में थी, जो हवाला ट्रांजेक्शन का प्रमुख तरीका माना जाता है।
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने जानकारी दी कि यह हवाला नेटवर्क न केवल स्थानीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ है। आरोपी दुबई और पाकिस्तान के रास्ते नशा व हथियारों की तस्करी कर रहे थे और उसी के बदले हवाला ट्रांजेक्शन किया जा रहा था।
अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन: दुबई और पाकिस्तान से जुड़ी डोर
पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह नेटवर्क अमेरिका में रह रहे दो तस्करों—गोपी चौगावां और जोबन कालेर—द्वारा संचालित हो रहा था। दोनों आरोपी अमृतसर के ही मूल निवासी हैं, लेकिन फिलहाल अमेरिका में रहकर ड्रग्स और हथियारों की तस्करी को अंजाम दे रहे हैं। इनका नेटवर्क पाकिस्तान और दुबई तक फैला हुआ है।
आरोपी पाकिस्तान से नशा और हथियार मंगवाते थे और उनकी बिक्री भारत में करते थे। इसके बदले में हवाला के जरिए विदेशी मुद्रा का लेन-देन होता था। दुबई इस लेन-देन का मध्यस्थ केंद्र था, जहां से रकम भारत भेजी जाती थी।
पुलिस कांस्टेबल की संलिप्तता से मचा हड़कंप
इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि एक आरोपी—नवजोत सिंह—पंजाब पुलिस में बतौर कांस्टेबल कार्यरत है। ऐसे में पुलिस विभाग में अंदरूनी सुरक्षा और विश्वास को लेकर सवाल उठने लगे हैं। नवजोत की गिरफ्तारी ने यह भी साबित कर दिया है कि अपराधी तंत्र किस तरह कानून व्यवस्था की जड़ों में सेंध लगाने की कोशिश करते हैं।
कमिश्नर भुल्लर ने बताया कि नवजोत सिंह का रोल केवल रकम लेन-देन तक ही सीमित नहीं था, बल्कि वह इस नेटवर्क का सक्रिय हिस्सा था। पुलिस अब उसके पिछले रिकॉर्ड और विभागीय भूमिका की भी जांच कर रही है।
हवाला ट्रांजेक्शन का तरीका: सिर्फ 10 रुपये के नोटों का इस्तेमाल
एक और दिलचस्प तथ्य जो पुलिस की जांच में सामने आया, वह यह है कि हवाला ट्रांजेक्शन में केवल 10 रुपये के नोटों का इस्तेमाल किया जा रहा था। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि बड़ी मात्रा में नकदी का आदान-प्रदान कम शक के घेरे में आए और ट्रैकिंग कठिन हो। 10 रुपये के नोटों में इतनी बड़ी राशि को संभालना और छुपाना आसान नहीं होता, पर यह नेटवर्क इसे बेहद सुनियोजित ढंग से अंजाम दे रहा था।
नेटवर्क की परतें खुलनी बाकी
फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है। कमिश्नर ने कहा कि अभी इस नेटवर्क की परतें खुलना बाकी हैं और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। साथ ही पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं—क्या इसमें अन्य पुलिसकर्मी, स्थानीय व्यापारी या राजनेता भी शामिल हैं?