
उत्तराखंड में गर्मी ने आखिरकार अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। बीते चार दिनों से उमस भरी गर्मी ने आम जनजीवन को बेहाल कर रखा है। सोमवार को भी सूरज ने जमकर आग उगली, और दिनभर तेज धूप तथा चिपचिपी उमस ने लोगों को परेशान किए रखा। दिन में बाहर निकलना तो जैसे नामुमकिन सा हो गया है। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो दो दिन बाद राहत की बौछारें शुरू हो सकती हैं। प्री-मानसून की पहली बारिश 12 जून से दस्तक दे सकती है, और 20 जून को पूरे उत्तराखंड में मानसून के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
तपती गर्मी से जनजीवन अस्त-व्यस्त
हल्द्वानी, देहरादून और नैनीताल जैसे मैदानी और पहाड़ी इलाकों में गर्मी का प्रकोप इस कदर बढ़ गया है कि लोग दिन में बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। खासतौर पर दिन का समय मानो तपते तवे पर चलने जैसा हो गया है। तेज धूप, गर्म हवाएं और उमस भरे मौसम ने लोगों की दिनचर्या को प्रभावित कर दिया है। लोग जरूरी कामों को भी सुबह या देर शाम के समय निपटाने को मजबूर हो गए हैं।
मौसम विशेषज्ञों की चेतावनी: अगले 48 घंटे रहेंगे चुनौतीपूर्ण
पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ डॉ. आर.के. सिंह के अनुसार, 11 जून की दोपहर तक गर्मी का प्रभाव चरम पर रहेगा। इसके बाद मौसम में बदलाव की शुरुआत होगी। 12 से 14 जून के बीच प्री-मानसून की बारिश उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में देखने को मिलेगी, जो थोड़ी राहत पहुंचा सकती है। डॉ. सिंह ने बताया कि इस समय क्षेत्र में नमी 36 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। पूर्वी हवाएं चल रही हैं जिससे नमी और अधिक बढ़ रही है। तापमान में वृद्धि के साथ मिलकर यह नमी वातावरण में भारी उमस पैदा कर रही है।
हल्द्वानी बना ‘हॉट स्पॉट’, देहरादून से भी गर्म रातें
राज्य की अस्थायी राजधानी देहरादून की तुलना में हल्द्वानी का तापमान ज्यादा दर्ज किया गया है, खासतौर पर रात के समय। हल्द्वानी में सोमवार को अधिकतम तापमान 39 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो देहरादून के अधिकतम 38.7 डिग्री और न्यूनतम 25.3 डिग्री से कहीं अधिक है। विशेषज्ञों का मानना है कि तराई क्षेत्र में कम हवा चलने और अधिक नमी के कारण तापमान देर रात तक बना रहता है, जिससे रातें भी गर्म बनी रहती हैं।
पहाड़ी इलाकों में भी गर्मी ने किया परेशान
गर्मी का असर केवल मैदानी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रहा। अबकी बार पहाड़ी क्षेत्रों में भी दिन का तापमान लगातार बढ़ रहा है। मुक्तेश्वर जैसे शांत और ठंडे माने जाने वाले क्षेत्रों में भी तापमान में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिली है। मुक्तेश्वर का अधिकतम तापमान 26.2 डिग्री और न्यूनतम 15.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से लगभग दो डिग्री अधिक है। स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए यह स्थिति असामान्य और असहज हो गई है।
नैनीताल में भी महसूस हुई गर्मी की चुभन
झीलों के शहर नैनीताल में सोमवार को दिन चढ़ते-चढ़ते तेज धूप ने लोगों को गर्मी का एहसास करा दिया। सुबह के समय आसमान में कुछ बादल जरूर थे, लेकिन दोपहर के बाद धूप ने अपना पूरा असर दिखाया। जिला मौसम विज्ञान केंद्र प्रभारी नवीन धूसिया ने बताया कि नैनीताल में सोमवार को अधिकतम तापमान 30 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह तापमान आमतौर पर शहर की जलवायु के मुकाबले काफी अधिक है।
झील नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रमेश गैड़ा के अनुसार, झील का जलस्तर एक फीट आधा इंच दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में एक इंच अधिक है। यह संकेत देता है कि जल स्रोतों पर अभी असर नहीं पड़ा है, लेकिन अगर मानसून देर से पहुंचता है या बारिश कम होती है, तो आने वाले समय में जल संकट की स्थिति बन सकती है।