
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल माता वैष्णो देवी के मार्ग पर मंगलवार को भीषण भूस्खलन हुआ, जिसमें 32 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई और करीब 20 अन्य घायल हो गए। यह हादसा अर्द्धकुंवारी गुफा मंदिर के पास इंद्रप्रस्थ भोजनालय के समीप हुआ, जब लगातार हो रही मूसलधार बारिश के चलते त्रिकुटा पर्वत का एक हिस्सा भरभराकर नीचे आ गिरा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारी बारिश के कारण पहाड़ दरक गया और तीर्थ मार्ग का एक बड़ा हिस्सा मलबे में दब गया। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, भूस्खलन इतनी तेजी और व्यापकता से हुआ कि श्रद्धालुओं को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
राहत एवं बचाव कार्य जारी, सेना और एनडीआरएफ मोर्चे पर
हादसे की खबर मिलते ही स्थानीय प्रशासन, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), सेना और पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया। रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा, लेकिन मलबे के नीचे और लोगों के दबे होने की आशंका के चलते चुनौती लगातार बनी हुई है।
ड्रोन कैमरों और स्निफर डॉग्स की मदद से रेस्क्यू टीमें मलबे में जीवित लोगों की तलाश कर रही हैं। घायलों को पास के कटरा और जम्मू के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
यात्रा मार्ग पूरी तरह बंद, श्रद्धालुओं को लौटाया गया
हादसे के बाद वैष्णो देवी यात्रा को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौजूदा स्थिति को देखते हुए यात्रा पर न निकलें और अगले आदेश का इंतजार करें।
अर्द्धकुंवारी से भवन तक का मार्ग पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इस मार्ग से रोज़ाना हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए जाते हैं। फिलहाल, कटरा स्थित बेस कैंप पर यात्रियों को रोककर उन्हें सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
2014 जैसी तबाही, जम्मू संभाग में फिर आई बाढ़ की विभीषिका
हादसा ऐसे समय में हुआ है जब जम्मू-कश्मीर में पिछले चार दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है। जम्मू संभाग में हालात इतने खराब हो गए हैं कि 2014 की विनाशकारी बाढ़ की यादें ताजा हो गई हैं।
जम्मू क्षेत्र की प्रमुख नदियाँ तवी, चिनाब और बसंतार खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। तीन पुल बह गए हैं, जबकि बिजली और मोबाइल नेटवर्क भी कई इलाकों में ठप पड़ गया है।
जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे बंद, ट्रेनों और उड़ानों पर असर
बारिश और भूस्खलन के चलते जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग करीब 12 स्थानों पर बाधित हो गया है। इसके कारण जम्मू से श्रीनगर जाने वाली 18 ट्रेनें रद्द कर दी गईं हैं और दो घरेलू उड़ानों को भी रद्द किया गया है।
पठानकोट के चक्की पुल पर बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिससे जम्मू, उधमपुर और कटरा की रेल सेवाएं प्रभावित हुई हैं। अनेक सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क भी कट गया है।
उपराज्यपाल ने जताया शोक, दिए त्वरित सहायता के निर्देश
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस भीषण हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “जम्मू संभाग के विभिन्न हिस्सों में हो रही भारी बारिश की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। आपातकालीन प्रतिक्रिया दलों को सतर्क कर दिया गया है और युद्धस्तर पर राहत कार्य किए जा रहे हैं।” उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे प्रभावित श्रद्धालुओं को हर संभव सहायता प्रदान करें और ज़रूरतमंदों के लिए भोजन, दवाइयों और ठहरने की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें।
श्रद्धालुओं के लिए हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम स्थापित
कटरा और जम्मू में प्रशासन ने आपातकालीन कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि परिजन अपने अपनों की स्थिति जान सकें। श्रद्धालुओं की मदद के लिए स्थानीय स्वयंसेवी संगठन और मंदिर बोर्ड के सदस्य भी सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।