
चमोली ज़िले में सोमवार की सुबह से जारी तेज बारिश ने जनजीवन को तहस-नहस कर दिया है। बदरीनाथ हाईवे पर मलबा आने से आवाजाही रुक गई, ज्योतिर्मठ क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति ठप हो गई और केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया। साथ ही, मौसम विभाग की भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सरकारी एवं अर्द्धसरकारी स्कूलों को आज के लिए अवकाश घोषित कर दिया है।
बारिश से जनजीवन प्रभावित
चमोली में पिछले 24 घंटों में रिकार्ड बारिश दर्ज की गई है। इससे पहाड़ी क्षेत्रों में मलबा और चट्टानी ढहनों की घटनाएं हुईं, जिससे मुख्य मार्गों पर यातायात बाधित हुआ। बदरीनाथ हाईवे, उमट्टा: सुबह में पहाड़ी से मलबा गिरने से कई घंटों तक मार्ग जाम रहा। बाद में पुलिया और मार्ग की सफाई की गई; उमट्टा के पास मलबा हटाने का काम तेज़ी से जारी है। नंदप्रयाग के पर्थाडीप पर सुबह करीब एक घंटे तक हाईवे पर मलबा था, लेकिन स्थानीय स्थानीय सड़क क्लियरेंस टीम के प्रयासों से मार्ग फिर से खुल गया।
ज्योतिर्मठ में बिजली आपूर्ति प्रभावित
चमोली के ज्योतिर्मठ क्षेत्र में पिटकुल के पास 66 केवी विद्युत लाइन में फॉल्ट आने से रात से ही बिजली सप्लाई बाधित है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि फॉल्ट को अभी ढूंढने और ठीक करने का कार्य जारी है, लेकिन बारिश की वजह से कार्य धीमा हुआ है। इससे घरों में अंधेरे रहने के साथ-साथ विशेष सेवा केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र और जन सुविधा स्थल प्रभावित हुए हैं।
केदारनाथ यात्रा पर रोक
भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका के चलते केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया है। प्रशासन ने यात्रियों को सोनप्रयाग और गौरीकुंड रुकने के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन की ओर से कहा गया है कि फिलहाल यात्रा पत्थर खतरा और सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित होने तक रोकी जाए, तब तक पर्यटकों को ठहरने और लौटने की व्यवस्था की गई है।
जिला स्कूलों में अवकाश की घोषणा
मौसम विभाग की चेतावनी और भूस्खलन की आशंका के मद्देनजर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने चमोली ज़िले की सभी सरकारी और अर्द्धसरकारी स्कूलों में आज अवकाश घोषित किया है। इससे बच्चों के साथ-साथ शिक्षण स्टाफ को भी राहत मिली है। वहीं, उच्च शिक्षा और कॉलेजों में संचालन जारी रहेगा, लेकिन मार्ग की स्थिति के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।
राज्य के अन्य जिलों में हालात
चमोली ही नहीं, राज्य के अन्य जिलों में भी बारिश ने उत्पात मचाया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, दो राष्ट्रीय राजमार्ग और करीब 50 ग्रामीण सड़कें बंद हैं—
- देहरादून: लखवाड़ बैंड के पास मलबा आने के कारण विकासनगर–कालसी–बड़कोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही ठप है।
- उत्तरकाशी: ऋषिकेश–यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग औजरी में बंद। इसके अलावा एक राज्य मार्ग और 11 ग्रामीण मार्ग भी अवरुद्ध।
- रुद्रप्रयाग: तीन ग्रामीण मार्ग बंद।
- नैनीताल: काठगोदाम–हैडाखान राजमार्ग बंद।
- चमोली: 13 ग्रामीण मार्ग बंद।
- पिथौरागढ़: सात ग्रामीण मार्ग बंद।
- बागेश्वर: चार मार्ग बंद।
- पौड़ी: तीन ग्रामीण मार्ग बंद।
- टिहरी: दो ग्रामीण मार्ग बंद।
इन मार्गों पर स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों को आवाजाही में समस्या हो रही है, जिससे आपूर्ति, राहत कार्य और चिकित्सकीय सेवाओं तक पहुंच प्रभावित हुई है।
पर्यटक और स्थानीय लोगों की समस्याएं
जुलाई में शुरू हुई मानसून यात्रा के दौरान चारधाम ट्रैक्स और प्रमुख ट्रैकिंग केंद्र बंद होने से स्थानीय होटल, धर्मशाला और स्थानीय व्यवसाय प्रभावित हुए हैं। इससे पर्यटन पर आर्थिक प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा आपूर्ति लाने वाले वाहन, दवाओं, खाद्यान्नों, और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कमी हो रही है। प्रशासन अतिरिक्त कर्मचारियों के माध्यम से तालाबंदी मुक्त आपूर्ति मार्गों को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने चमोली समेत पर्वतीय क्षेत्रों में आने वाले 48 घंटों में भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी जारी की है। इसके मद्देनजर इमारति संरचनाओं, डैमों, और नदी – झरनों के पास की गतिविधियों को स्थगित करने का निर्देश दिया गया है। लोगों से आकाशीय गतिविधियों तथा स्थानीय प्रशासन की सूचनाओं पर सतर्क रहने की अपील की गई है।