
रविवार की सुबह बाबा केदार के दर्शन कर लौट रहे सात श्रद्धालुओं के लिए जिंदगी का आखिरी दिन बन गया। रुद्रप्रयाग ज़िले के गौरीकुंड क्षेत्र में एक बड़ा हादसा हो गया, जब श्रद्धालुओं को लेकर लौट रहा एक हेलिकॉप्टर क्रैश होकर जल गया। हादसे में सवार सभी सात लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में एक 23 महीने की मासूम बच्ची भी शामिल है।
यह हादसा श्रद्धालुओं के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण क्षण था — जिनके लिए केदारनाथ दर्शन एक आध्यात्मिक उपलब्धि थी, वह महज कुछ ही क्षणों में शोक में बदल गई। इस त्रासदी ने न केवल पीड़ित परिवारों को, बल्कि पूरे प्रदेश को गहरा आघात पहुंचाया है।
हादसे की भयावहता: पल भर में राख हुई सात जिंदगियां
घटना सुबह करीब 5:30 बजे घने कोहरे के बीच हुई। हेलिकॉप्टर आर्यन एविएशन कंपनी का था और यह केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहा था। हेलिकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे—छह यात्री और एक पायलट। जैसे ही उड़ान भरी गई, कुछ ही मिनटों के भीतर हेलिकॉप्टर दृष्टि बाधित होने के कारण गौरीकुंड क्षेत्र के पास पहाड़ी से टकरा गया। टक्कर के साथ ही हेलिकॉप्टर में आग लग गई और वह जलकर राख हो गया।
हेलिकॉप्टर नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया, “हादसे के समय विजिबिलिटी शून्य थी। घना कोहरा था और पायलट को दिशा का सही अंदाज़ नहीं लग पाया। अत्यधिक खराब मौसम ने हादसे को टालने का कोई मौका नहीं दिया।”
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू किया गया, लेकिन तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था।
मासूम की मौत ने झकझोरा
हादसे में 23 महीने की एक बच्ची की मौत ने सभी का दिल दहला दिया। अधिकारियों ने बताया कि बच्ची अपने माता-पिता के साथ केदारनाथ दर्शन कर लौटी थी। पूरा परिवार एक साथ इस धार्मिक यात्रा को स्मरणीय बनाने निकला था, लेकिन नियति ने कुछ और ही तय कर रखा था।
हेलिकॉप्टर हादसे में मारे गए सातों लोगों के शव बुरी तरह से जल चुके थे, जिससे उनकी पहचान भी मुश्किल हो रही है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और डीएनए जांच के जरिए पहचान की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
हेलिकॉप्टर सेवा अस्थायी रूप से बंद
हादसे के बाद प्रशासन ने अगले आदेश तक के लिए हेलिकॉप्टर सेवाओं को तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। विशेष रूप से चारधाम यात्रा के दौरान चल रही हेली सेवाओं की समीक्षा की जा रही है। रुद्रप्रयाग प्रशासन ने सभी ऑपरेटिंग कंपनियों को सुरक्षा मानकों की समीक्षा और जांच के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने जताया शोक, दिए सख्त निर्देश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह एक अत्यंत पीड़ादायक हादसा है। मृतकों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। प्रदेश सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी।”
मुख्यमंत्री धामी ने इस दुखद घटना को लेकर हेलिकॉप्टर संचालन पर सख्त एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अब से हेली सेवाओं के संचालन से पहले निम्नलिखित मापदंडों का कड़ाई से पालन करना होगा:
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हेलिकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की गहन जांच।
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उड़ान से पहले मौसम की सटीक जानकारी।
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कम विजिबिलिटी या खराब मौसम में उड़ान की सख्त मनाही।
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अनुभवी और विशेष प्रशिक्षण प्राप्त पायलटों की नियुक्ति।
मुख्यमंत्री ने आपात बैठक बुलाई जिसमें सिविल एविएशन, पर्यटन, और आपदा प्रबंधन विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया।