
केदारनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए राहत की खबर है। मंगलवार 17 जून से केदारनाथ के लिए हेलिकॉप्टर सेवाएं फिर से बहाल की जा रही हैं। डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) ने इसके लिए सभी छह हेली कंपनियों को निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत उड़ान भरने की मंजूरी दे दी है। हालांकि अब हर एक शटल पर डीजीसीए की कड़ी निगरानी रहेगी और मौसम के बदलते मिजाज पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
गौरतलब है कि 15 जून को गौरी माई खर्क में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसके बाद एहतियातन दो दिनों के लिए सभी हेली सेवाओं को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। इस हादसे के बाद अब उड़ानों को सुरक्षा मानकों के दायरे में लाने के लिए DGCA ने ओसी-2-2023 मानक के तहत उड़ानों की अनुमति दी है।
छह कंपनियों को मिली संचालन की अनुमति
केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं उत्तराखंड के विभिन्न हेलीपैड जैसे फाटा, सिरसी और गु्प्तकाशी से संचालित होती हैं। डीजीसीए द्वारा जिन छह कंपनियों को हरी झंडी दी गई है, वे पहले से ही चारधाम यात्रा के तहत हेली सेवाएं संचालित कर रही थीं।
इन कंपनियों को नए सिरे से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे नए मानकों और उड़ान प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करें। हर कंपनी को अपने पायलट्स, ग्राउंड स्टाफ और तकनीकी टीमों को नए दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रशिक्षित करना अनिवार्य कर दिया गया है।
उड़ानों की होगी रीयल टाइम मॉनिटरिंग
डीजीसीए ने घोषणा की है कि हर एक शटल पर उसकी सीधी नजर रहेगी। उड़ान की ट्रैकिंग रीयल टाइम में की जाएगी और किसी भी असामान्य गतिविधि या मानक से हटकर ऑपरेशन पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की निगरानी का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उड़ानों में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखना है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अब कोई भी उड़ान बिना रीयल टाइम निगरानी और मौसम पूर्वानुमान के नहीं भरी जाएगी। यह यात्रियों और ऑपरेटर्स दोनों के हित में है।”
मौसम बना सबसे अहम कारक
जून का महीना प्री-मानसून सीजन की शुरुआत को दर्शाता है और इस दौरान मौसम अचानक खराब हो सकता है। डीजीसीए ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि मौसम की स्थिति प्रतिकूल हो, तो कोई भी उड़ान नहीं भरी जाएगी। उड़ानों को केवल उन्हीं परिस्थितियों में अनुमति दी जाएगी जब दृश्यता, पवनगति और अन्य मानक पैरामीटर सामान्य हों।
इस बारे में केदारनाथ हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया, “17 जून से तय समय के अनुसार उड़ानें शुरू हो जाएंगी, लेकिन हर उड़ान के लिए मौसम की समीक्षा अनिवार्य होगी। यात्रियों को भी समय-समय पर मौसम की स्थिति के अनुसार अपनी यात्रा की योजना बनानी चाहिए।”
15 जून की दुर्घटना ने बढ़ाई थी चिंता
15 जून को हुए हेलिकॉप्टर हादसे ने चारधाम यात्रा को लेकर यात्रियों और प्रशासन दोनों में चिंता बढ़ा दी थी। घटना में हालांकि बड़ी जनहानि नहीं हुई, लेकिन इससे हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठे। डीजीसीए की त्वरित प्रतिक्रिया में दो दिनों के लिए उड़ानों को रोका गया और एक जांच समिति का गठन भी किया गया है।
हादसे के बाद हेलिकॉप्टर सेवाओं को फिर से शुरू करने से पहले प्रशासन ने सभी तकनीकी उपकरणों की जांच, पायलट फिटनेस और मार्ग स्थितियों की समीक्षा की। इसके बाद ही सेवाएं 17 जून से फिर शुरू करने का निर्णय लिया गया।