
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के पास स्थित पहलगाम की बायसरन घाटी में आतंकवादियों द्वारा किए गए दिल दहला देने वाले हमले, जिसमें 28 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई, के बाद पूरा पंजाब हाई अलर्ट पर आ गया है। राज्यभर में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है, खासकर भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे इलाकों में, जहां बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) ने अपनी तैनाती और निगरानी को अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ा दिया है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस घटना को “राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवता पर हमला” बताते हुए प्रदेश भर में अलर्ट जारी किया है। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को आदेश दिया है कि राज्य की सीमाओं और प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर चौकसी में कोई कमी नहीं आनी चाहिए।
बीएसएफ की तैनाती और पैनी निगरानी
घटना के तुरंत बाद, फिरोजपुर, फाजिल्का, जलालाबाद, तरनतारन और अन्य सीमावर्ती जिलों में बीएसएफ के जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है। बॉर्डर के अति संवेदनशील प्वाइंट्स पर 24×7 निगरानी, ड्रोन से हवाई निगरानी, और कुत्ता दस्ते व मेटल डिटेक्टरों की सहायता से तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं।
बीएसएफ के अधिकारी ने बताया, “हम बॉर्डर पर हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। कोई भी संदिग्ध हलचल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरहदी गांवों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।”
ग्रामीण गुरदेव सिंह और मलकीत सिंह ने बताया कि मंगलवार की रात से ही बीएसएफ की गश्त तेज कर दी गई है और सरहद के पास किसी भी अनजान व्यक्ति को देखकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा, “केवल किसान ही खेतों में जा पा रहे हैं, वो भी पहचान के बाद।”
राज्य में पुलिस अलर्ट, चप्पे-चप्पे पर नाके
घटना के बाद पंजाब पुलिस ने राज्य के भीतर भी सख्त सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी है। शहरों और कस्बों में हर चौक पर पुलिस नाकाबंदी की गई है। फाजिल्का, जलालाबाद, फिरोजपुर और अमृतसर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस वाहनों से लगातार गश्त की जा रही है।
पुलिस ने सभी प्रमुख सड़कों पर बैरिकेड्स लगाकर गाड़ियों की जांच शुरू कर दी है। हर यात्री और वाहन की गहन जांच की जा रही है ताकि कोई संदिग्ध तत्व राज्य में प्रवेश न कर सके।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमारा मकसद है कि कोई भी आतंकवादी या असामाजिक तत्व राज्य की सीमा में प्रवेश न कर सके। हम सतर्क हैं और लगातार सुरक्षा समीक्षा कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने की उच्च स्तरीय बैठक
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को आपात बैठक बुलाई, जिसमें पुलिस, खुफिया विभाग, बीएसएफ और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में राज्य भर में सुरक्षा बढ़ाने और संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी की योजना बनाई गई।
सीएम मान ने कहा, “यह हमला सिर्फ जम्मू-कश्मीर पर नहीं, बल्कि पूरे भारत पर हुआ है। पंजाब की सीमा से सटे होने के कारण हमें अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।”
ग्रामीणों में डर और सतर्कता दोनों
सीमा से सटे गांवों में रहने वाले लोग फिलहाल सतर्क हैं, पर साथ ही उनमें डर का माहौल भी है। बलविंदर सिंह, जो फिरोजपुर जिले के एक सीमावर्ती गांव में रहते हैं, ने बताया, “बीएसएफ ने यहां गश्त बढ़ा दी है। अब अनजान व्यक्ति गांव में घुस नहीं सकता। लेकिन घटना इतनी भयावह थी कि हम भी डरे हुए हैं।”
ग्रामीण लोग फिलहाल सीमित रूप से ही खेतों में जा रहे हैं और ज्यादातर समय घरों में ही रह रहे हैं। गांवों में पंचायतें भी लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस या बीएसएफ को देने की अपील कर रही हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एकजुटता
पहलगाम की घटना के बाद राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने एकजुटता दिखाते हुए केंद्र और राज्य सरकार से आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की है। पंजाब कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है। सोशल मीडिया पर भी शोक और आक्रोश की लहर है। लोग मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और आतंक के खिलाफ एकजुटता का संदेश दे रहे हैं।