
भारत में रोजाना लाखों लोग फ्लाइट से यात्रा करते हैं। जब किसी को लंबा सफर तय करना होता है, तो वह फ्लाइट को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि यह समय की बचत करने का सबसे तेज़ तरीका है। फ्लाइट से यात्रा करते समय यात्रियों को कुछ नियमों का पालन करना होता है, जो उनकी सहूलियत के लिए बनाये गए हैं। लेकिन क्या होगा अगर आपकी कंफर्म टिकट होने के बावजूद, आपको फ्लाइट से उतार दिया जाए? क्या ऐसी स्थिति में मुआवजा मिलता है? आइए, हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
कंफर्म टिकट होने के बाद फ्लाइट से निकालने की स्थिति
कई बार ऐसा होता है कि किसी यात्री को कंफर्म टिकट मिलने के बावजूद फ्लाइट से उतार दिया जाता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब एयरलाइन कंपनियां अधिक टिकट बेच देती हैं। कभी-कभी यात्री फ्लाइट को मिस कर देते हैं, और कुछ यात्रियों को फ्लाइट से उतारना पड़ता है। इसके अलावा, कभी-कभी तकनीकी या सुरक्षा कारणों से भी कुछ यात्रियों को फ्लाइट से उतारने की आवश्यकता होती है। लेकिन अगर आपके साथ ऐसा होता है, तो क्या आपको मुआवजा मिलना चाहिए? इसके बारे में जानना बहुत ज़रूरी है।
मुआवजा मिलने का अधिकार
अगर आपने कंफर्म टिकट बुक किया है, और फिर एयरलाइन कंपनी आपको फ्लाइट से उतार देती है, तो आपको मुआवजा पाने का अधिकार होता है। हालांकि, मुआवजे की शर्तें एयरलाइन की नीति और समय पर निर्भर करती हैं। आइए जानते हैं कि किन परिस्थितियों में आपको मुआवजा मिलेगा और कितनी राशि दी जाएगी।
अगर एयरलाइन 1 घंटे के भीतर दूसरी फ्लाइट देती है
अगर एयरलाइन कंपनी आपको कंफर्म टिकट के बावजूद फ्लाइट से उतार देती है, और फिर 1 घंटे के भीतर आपको दूसरी फ्लाइट की टिकट दे देती है, तो आपको मुआवजा नहीं मिलेगा। यानी अगर एयरलाइन आपको जल्द ही दूसरी फ्लाइट का विकल्प देती है, तो इस स्थिति में मुआवजे का दावा नहीं किया जा सकता।
1 घंटे से ज्यादा का समय हो तो
अगर एयरलाइन कंपनी आपको एक घंटे के भीतर दूसरी फ्लाइट की टिकट नहीं देती है, तो फिर आपको मुआवजा मिलने का अधिकार होता है। इस स्थिति में, एयरलाइन कंपनी को आपको 24 घंटे तक इंतजार करने की स्थिति में ₹10,000 तक का मुआवजा देना होता है। यह मुआवजा एयरलाइन कंपनी की ओर से आपकी असुविधा और समय की हानि के लिए प्रदान किया जाता है।
24 घंटे के बाद मुआवजा
यदि 24 घंटे तक एयरलाइन कंपनी आपको दूसरी फ्लाइट की टिकट नहीं देती है, तो मुआवजा की राशि बढ़कर ₹20,000 तक हो सकती है। यानी अगर आपको 24 घंटे के बाद तक दूसरी फ्लाइट का विकल्प नहीं दिया गया, तो आपको ₹20,000 तक का मुआवजा दिया जाएगा।
यह सुनिश्चित करना आपके अधिकार में है कि एयरलाइन कंपनी आपको मुआवजा दे रही है या नहीं। यदि आपको तय समय में दूसरी फ्लाइट की टिकट नहीं दी जाती है, तो यह आपकी यात्रा में बहुत बड़ी असुविधा हो सकती है, और आपको इसके लिए उचित मुआवजा मिलना चाहिए।
मुआवजे के लिए कहां करें शिकायत?
यदि एयरलाइन कंपनी तय समय में मुआवजा नहीं देती या आपको दूसरी फ्लाइट की टिकट नहीं देती, तो आप डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से शिकायत कर सकते हैं। DGCA भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन काम करता है और नागरिक उड्डयन से संबंधित शिकायतों को सुनता है।
अगर एयरलाइन आपकी शिकायत पर उचित कार्रवाई नहीं करती, तो आप DGCA के पास जाकर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। DGCA इस मामले में जरूरी कार्रवाई करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि एयरलाइन कंपनी ने कानून के अनुसार आपको मुआवजा दिया है या नहीं।
इसके अलावा, आप उपभोक्ता अदालत में भी अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। यदि आपको मुआवजा न मिलने पर एयरलाइन के खिलाफ उपभोक्ता अदालत में मामला दर्ज किया जाता है, तो अदालत आपकी असुविधा और नुकसान का उचित मुआवजा निर्धारित कर सकती है।
एयरलाइन कंपनियों के लिए नियम
भारत में नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा एयरलाइन कंपनियों को यात्री सुरक्षा और अधिकारों के संदर्भ में कड़े दिशा-निर्देश दिए गए हैं। एयरलाइन कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होता है कि वे यात्रियों के साथ निष्पक्ष व्यवहार करें और उनके अधिकारों का उल्लंघन न करें। यदि किसी यात्री को कंफर्म टिकट के बावजूद फ्लाइट से उतारा जाता है, तो एयरलाइन को यह सुनिश्चित करना होता है कि यात्री को मुआवजा मिले या उसकी यात्रा में कोई अन्य वैकल्पिक उपाय दिया जाए।
एयरलाइंस के लिए आगे के कदम
अब एयरलाइन कंपनियों के लिए यह भी ज़रूरी है कि वे अधिक टिकट बेचने से बचें। कई एयरलाइनों ने पहले से ही टिकटों की बिक्री को सीमित करने के उपाय किए हैं ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न उत्पन्न हों। अगर एयरलाइनों के लिए इस प्रकार के नियमों का पालन करना मुश्किल हो रहा है, तो उन्हें अपनी नीतियों में सुधार करने की आवश्यकता हो सकती है।
वहीं नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एयरलाइन कंपनियां अपनी नीतियों और नियमों का पालन कर रही हैं, ताकि यात्री यात्रा के दौरान असुविधा से बच सकें। इसके अलावा, यात्रियों को इस बारे में जागरूक करने के लिए सरकार को जागरूकता अभियान चलाने चाहिए, ताकि लोग अपने अधिकारों के बारे में जान सकें और किसी भी अनहोनी के मामले में मुआवजा प्राप्त कर सकें।