
उत्तराखंड में विकास और पर्यावरण संरक्षण को लेकर राज्य सरकार ने एक बार फिर ठोस कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में कुल छह महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। इन फैसलों में कृषि, खनन, जैव प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, स्वास्थ्य शिक्षा और महिला एवं बाल विकास से जुड़े विषयों को प्राथमिकता दी गई है। कैबिनेट के इन निर्णयों को राज्य के दीर्घकालिक विकास और स्थिरता के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
जैव प्रौद्योगिकी को मिली मजबूती
बैठक का एक महत्वपूर्ण निर्णय राज्य की जैव प्रौद्योगिकी परिषद से जुड़ा रहा। कैबिनेट ने जैव प्रौद्योगिकी परिषद के दो केंद्रों में पहले से सृजित 46 पदों के संचालन के लिए नियमावली को मंजूरी दे दी। यह निर्णय उत्तराखंड में जैव प्रौद्योगिकी और अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है।
राज्य में जैव विविधता और प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता को देखते हुए जैव प्रौद्योगिकी में शोध और नवाचार की अपार संभावनाएं हैं। परिषद के माध्यम से युवाओं और वैज्ञानिकों को एक संगठित प्लेटफॉर्म मिलने की उम्मीद है, जिससे वैज्ञानिक खोजों को उद्योग से जोड़ा जा सकेगा।
खनन विभाग में नए पदों की स्वीकृति
कैबिनेट ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में खनन विभाग में 18 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी है। यह कदम विभाग के संचालन में पारदर्शिता और प्रभावशीलता लाने के लिए उठाया गया है। उच्च न्यायालय ने खनन गतिविधियों की निगरानी और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने की दिशा में ये निर्देश दिए थे, जिसके बाद राज्य सरकार ने कार्रवाई की है।
इन पदों के सृजन से खनन नीति के क्रियान्वयन में तेजी आएगी और अवैध खनन गतिविधियों पर भी सख्ती से लगाम लगाई जा सकेगी।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम: आसन बैराज घोषित होगा वेटलैंड जोन
राज्य सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए आसन बैराज के दोनों ओर के क्षेत्र को ‘वेटलैंड जोन’ के रूप में घोषित करने को मंजूरी दी है। आसन नदी के इस हिस्से की कुल लंबाई 53 किलोमीटर है। यह क्षेत्र जैव विविधता से भरपूर है और प्रवासी पक्षियों के लिए महत्वपूर्ण आश्रय स्थल माना जाता है।
इस प्रस्ताव पर पहले आपत्तियां आमंत्रित की गई थीं, जिन्हें निस्तारित करने के बाद अब अंतिम रूप से मंजूरी दी गई है। यह निर्णय न केवल राज्य के पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में सहायक होगा, बल्कि इको-टूरिज्म को भी बढ़ावा देगा। पर्यावरणविदों ने इस कदम को भविष्य की दृष्टि से सराहनीय करार दिया है।
रिस्पना-बिंदाल के फ्लड जोन में बुनियादी ढांचे को मिली हरी झंडी
देहरादून की दो प्रमुख नदियों, रिस्पना और बिंदाल, के फ्लड जोन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के निर्माण को भी कैबिनेट ने स्वीकृति दी है। इसमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP), मोबाइल टावर, रोपवे टावर, और एलीवेटेड रोड जैसी संरचनाओं के निर्माण की अनुमति दी गई है।
यह निर्णय शहरी विकास और जल प्रबंधन के बीच संतुलन साधने का प्रयास है। फ्लड जोन में बिना योजना के हुए निर्माण कार्यों के चलते अतीत में जलभराव और बाढ़ की घटनाएं सामने आती रही हैं। अब सरकार की मंशा है कि इन क्षेत्रों में आधुनिक और पर्यावरण-संवेदनशील संरचनाओं का विकास किया जाए।
महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य शिक्षा को लेकर भी फैसले
कैबिनेट बैठक में महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य शिक्षा से जुड़े कुछ प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है। हालांकि इनका विस्तृत विवरण अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन अधिकारियों के अनुसार जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना जारी की जाएगी।
सूत्रों का मानना है कि ये फैसले महिला सशक्तिकरण, बाल पोषण, और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से जुड़े हो सकते हैं। इसके तहत आंगनवाड़ी केंद्रों के आधुनिकीकरण और स्वास्थ्य शिक्षा अभियानों के सशक्तीकरण पर जोर दिए जाने की संभावना है।
इन फैसलों के व्यापक प्रभाव
1. आर्थिक और सामाजिक विकास में तेजी:
खनन विभाग में नए पदों की नियुक्ति और जैव प्रौद्योगिकी परिषद को मिली स्वीकृति राज्य के आर्थिक विकास में गति लाएगी। ये दोनों क्षेत्र रोजगार सृजन में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
2. पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता:
आसन बैराज को वेटलैंड जोन घोषित करना और फ्लड जोन में नियोजित विकास करना दर्शाता है कि सरकार विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों के बीच संतुलन साधने को लेकर सजग है।
3. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संतुलित विकास:
जहां एक ओर जैव प्रौद्योगिकी और पर्यावरण से जुड़ी योजनाएं पर्वतीय क्षेत्रों को लाभ पहुंचाएंगी, वहीं दूसरी ओर बुनियादी ढांचे से जुड़ी योजनाएं शहरी विकास को मजबूती देंगी।
मुख्यमंत्री का संदेश
कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। कैबिनेट के ये निर्णय प्रदेश की जनता को बेहतर जीवन और सुरक्षित भविष्य देने की दिशा में मजबूत कदम हैं। जैव प्रौद्योगिकी, पर्यावरण संरक्षण और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में विकास से उत्तराखंड को एक नई पहचान मिलेगी।”