पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को राज्य में पराली जलाने के 65 नए मामलों के साथ कुल गिनती 1510 तक पहुंच गई है। इस दौरान राज्य में अब तक 383 रेड एंट्रियों का भी रिकॉर्ड दर्ज किया गया है, और पराली जलाने के आरोप में 136 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए कड़े कदम उठाते हुए 384 किसानों पर 10 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें से 8 लाख 85 हजार रुपये की राशि की रिकवरी भी कर ली गई है।
वायु गुणवत्ता प्रभावित
पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं के लगातार बढ़ने से सोमवार को राज्य के छह शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) येलो जोन में पहुँच गया। इनमें लुधियाना और अमृतसर का AQI सबसे अधिक 156 दर्ज किया गया। अन्य शहरों में जालंधर का AQI 131, खन्ना का 150, मंडी गोबिंदगढ़ का 136, पटियाला का 115 और बठिंडा का 84 रहा। बठिंडा को छोड़कर बाकी सभी शहरों का AQI मध्यम श्रेणी में है, जो कि स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है।
नए मामलों का विवरण
सोमवार को रिपोर्ट किए गए 65 नए मामलों में सबसे अधिक 15 मामले जिला तरनतारन से सामने आए। इसके बाद फिरोजपुर में 14 मामले, संगरूर में 8, पटियाला में 7, और रुपनगर, मानसा, फरीदकोट, व कपूरथला में 2-2 मामले सामने आए। अन्य जिलों में एसएएस नगर, जालंधर, फाजिल्का, और बरनाला में एक-एक मामला और फतेहगढ़ साहिब में 5 मामले दर्ज किए गए।
पिछले साल की तुलना
इस साल के आंकड़ों की तुलना यदि पिछले साल से की जाए तो स्थिति स्पष्ट होती है। 15 सितंबर से लेकर अब तक, 2022 में 3114 मामले और 2023 में 1764 मामले दर्ज हुए थे। पिछले साल की तुलना में इस साल अभी तक के मामले कम हैं, लेकिन पराली जलाने की घटनाएँ अभी भी चिंताजनक स्तर पर बनी हुई हैं।
अमृतसर में सबसे अधिक मामले
अमृतसर इस मामले में सबसे आगे है, जहाँ अब तक कुल 438 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद तरनतारन में 311, संगरूर में 138, मालेरकोटला में 25, बरनाला में 9, बठिंडा में 6, फतेहगढ़ साहिब में 37, फिरोजपुर में 110, गुरदासपुर में 47, कपूरथला में 66, लुधियाना और मानसा में 27-27, और पटियाला में 188 मामले प्रमुख रूप से दर्ज हुए हैं।