
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में उपजी सैन्य तनातनी के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय सेना की कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने अदम्य साहस, वीरता, बहादुरी और कुशल रणनीति के दम पर पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। सीएम धामी ने पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा की गई निर्णायक कार्रवाई को ‘एक नया इतिहास’ करार दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी इस सशक्त नेतृत्व के लिए आभार जताया।
सीएम धामी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “मैं भारतीय सेना का आभारी हूं, जिसने न केवल पहलगाम हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया, बल्कि सीमा पार जाकर दुश्मन के आतंकी ठिकानों का सफाया कर यह दिखा दिया कि भारत अब हर हमले का जवाब उसी की भाषा में देना जानता है।” उन्होंने आगे कहा कि देश की सशस्त्र सेनाएं अब एक नए युग में प्रवेश कर चुकी हैं, जहां निर्णायक कार्रवाई और स्पष्ट संदेश प्राथमिकता बन चुकी हैं।
सेना की जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान को किया पस्त
पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में भारतीय सुरक्षाबलों के कई जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ बताया जा रहा है। इसके बाद भारतीय सेना ने सीमापार जाकर एक सर्जिकल ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसमें कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया।
धामी ने कहा कि यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत की राजनीतिक इच्छाशक्ति और रणनीतिक कौशल का भी प्रमाण है। उन्होंने कहा, “हमारी सेना ने जिस तरह से दुस्साहसिक मिशन को अंजाम दिया, वह न केवल पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश देता है, बल्कि आने वाले समय में होने वाले किसी भी दुस्साहस को रोकने के लिए एक चेतावनी भी है।”
मोदी सरकार की भूमिका की सराहना
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी जमकर सराहना की। उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं, जिनके मजबूत और स्पष्ट नेतृत्व ने हमारी सेना को खुली छूट दी, जिससे पाकिस्तान को सिर्फ चार दिन में युद्ध विराम की अपील करनी पड़ी। यह मोदी सरकार की रणनीतिक क्षमता और निर्णायक सोच का नतीजा है कि आज भारत अपने दुश्मनों को उनकी ही भाषा में जवाब दे रहा है।”
धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की सुरक्षा नीति में एक मूलभूत परिवर्तन आया है। पहले जहां आतंकवादी हमलों के बाद सिर्फ निंदा और शोक व्यक्त किया जाता था, वहीं अब हर हमले का जवाब ठोस सैन्य कार्रवाई से दिया जाता है।