
भारत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक बन गया जब भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 (Ax-4) मिशन के तहत तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ सफलतापूर्वक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में प्रवेश किया। इस मिशन का नेतृत्व कर रहे शुक्ला ने अंतरिक्ष में कदम रखते हुए कहा, “मेरी यात्रा, देशवासियों की यात्रा है।”
डॉकिंग से लेकर स्वागत तक
स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल, जो एक्सिओम-4 मिशन के तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर गया था, गुरुवार को भारतीय समयानुसार शाम 4:05 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से सफलतापूर्वक जुड़ गया। यह डॉकिंग निर्धारित समय से 20 मिनट पहले पूरी हो गई, जो इस मिशन की उच्च तकनीकी सफलता को दर्शाती है। इसके बाद वायुरोधी सील और दबाव की स्थिरता की पुष्टि के लिए पूरी तरह से जांच की गई, ताकि स्टेशन में सुरक्षित एंट्री सुनिश्चित हो सके।
जैसे ही चारों अंतरिक्ष यात्रियों ने ISS में प्रवेश किया, वहां पहले से मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्हें ‘वेलकम ड्रिंक’ भी पेश की गई, जो इस पारंपरिक स्वागत की एक खास विशेषता है। यह पल न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि मानवीय भावनाओं का भी केंद्र बना।
भारत में जश्न का माहौल
इस गौरवपूर्ण क्षण को लेकर भारत में जश्न का माहौल है। शुभांशु शुक्ला के परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई है। उनकी मां ने डॉकिंग का लाइव प्रसारण देखा और भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि यह पल उनके लिए सपने जैसा है, जिसे उन्होंने वर्षों से संजोया था।
शुक्ला के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “हमें बहुत खुशी है। सफल डॉकिंग के लिए हम भगवान का धन्यवाद करते हैं। हमें यह देखकर बहुत अच्छा लगा और हमें अपने बेटे पर गर्व है।” वहीं, उनकी बहन शुचि मिश्रा ने कहा, “यह केवल मेरे लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। मैं प्रार्थना करती हूं कि यह चरण भी जल्दी से गुजर जाए और वे सुरक्षित लौटें।”
उड़ान से पहले और बाद की बातें
शुभांशु शुक्ला और उनके तीन साथियों को लेकर स्पेसएक्स का फाल्कन-9 रॉकेट 25 जून को दोपहर 12:01 बजे अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से रवाना हुआ था। करीब 28.5 घंटे की यात्रा के बाद यान ने सफलतापूर्वक ISS से डॉकिंग की।
उड़ान भरने के कुछ घंटों बाद ही शुभांशु ने अंतरिक्ष से अपना पहला संदेश भेजा। उन्होंने कहा, “वाह… अद्भुत सफर था। सच कहूं तो जब मैं कल लॉन्चपैड पर कैप्सूल ग्रेस में बैठा था, तो मेरे दिमाग में एक ही विचार था – चलो बस चलते हैं।”
उनका यह बयान न केवल मिशन की रोमांचक शुरुआत को दर्शाता है, बल्कि यह भावनाओं से भरपूर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री की सरल अभिव्यक्ति भी है, जो करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
मिशन की खास बातें
- मिशन का नाम: एक्सिओम-4 (Ax-4)
- स्पेस एजेंसी: एक्सिओम स्पेस (Axiom Space)
- लॉन्च वाहन: स्पेसएक्स फाल्कन-9
- ड्रैगन कैप्सूल का नाम: ग्रेस
- उड़ान की अवधि: लगभग 28.5 घंटे
- लॉन्च स्थल: कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा
- मिशन अवधि: 14 दिन
- नेतृत्वकर्ता: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (भारत)