
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते डिजिटल तनाव के बीच भारत सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के यूट्यूब चैनल को ब्लॉक कर दिया है। यह अब तक का सबसे हाई-प्रोफाइल अकाउंट है, जिसे भारत में एक्सेस से रोका गया है। इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा आईएसपीआर के सोशल मीडिया खातों को भी भारत में ब्लॉक किया जा चुका है।
यह कार्रवाई सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से की गई है। सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए इन खातों और चैनलों पर रोक लगाई है।
हमले के बाद बढ़ा तनाव
22 अप्रैल को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में आतंकवादी हमले में 26 आम नागरिकों की मौत हो गई थी। इनमें से अधिकतर पर्यटक थे। इस हमले ने भारत में सुरक्षा चिंताओं को गंभीर बना दिया और इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया।
भारत सरकार का मानना है कि हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से सोशल मीडिया पर झूठ और अफवाहों का एक सुनियोजित अभियान चलाया गया, जिसका उद्देश्य भारत की छवि को नुकसान पहुंचाना और देश में सांप्रदायिक अशांति फैलाना था।
किन-किन अकाउंट्स पर गिरी गाज?
सरकार की इस कार्रवाई में केवल राजनेताओं तक ही सीमित न रहते हुए कई पाकिस्तानी खिलाड़ियों, पत्रकारों, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और न्यूज चैनलों के अकाउंट्स को भी भारत में ब्लॉक कर दिया गया है। जिन प्रमुख नामों को ब्लॉक किया गया है, वे हैं:
- पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का यूट्यूब चैनल
- पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर
- पूर्व ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी का यूट्यूब चैनल
- पाकिस्तानी ओलंपियन अर्शद नदीम का इंस्टाग्राम अकाउंट
- पत्रकार आरजू काजमी
- राजनीतिक टिप्पणीकार सैयद मुजम्मिल शाह
- यूट्यूब चैनल्स: दुनिया मेरे आगे, गुलाम नबी मदनी, हकीकत टीवी और हकीकत टीवी 2.0
इतना ही नहीं, 30 अप्रैल को पाकिस्तानी अभिनेत्रियां हनिया आमिर और माहिरा खान के इंस्टाग्राम अकाउंट्स को भी भारत में ब्लॉक कर दिया गया।