
डीएमके सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की। यह बैठक उस बहुप्रतीक्षित विदेश यात्रा के संदर्भ में हुई, जिसमें प्रतिनिधिमंडल ने रूस, स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया और लातविया जैसे पांच देशों का दौरा किया था। बैठक के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद और प्रतिनिधिमंडल के सदस्य अशोक कुमार मित्तल ने मीडिया से बातचीत में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं।
जयशंकर को दी गई विदेश यात्रा की विस्तृत जानकारी
सांसद मित्तल ने बताया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान विदेश यात्रा के अनुभवों, प्रतिक्रियाओं और रणनीतिक फीडबैक की जानकारी मांगी। उन्होंने कहा, “विदेश मंत्री यह जानने के इच्छुक थे कि हम जिन पांच देशों में गए, वहां भारत के प्रति क्या रवैया था। हमने उन्हें बताया कि भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों की वहां भरपूर सराहना की गई।”
जयशंकर ने आश्वासन दिया कि वह इस फीडबैक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साझा करेंगे, जिससे सरकार वैश्विक मंच पर भारत की नीति को और सुदृढ़ बना सके।
“भारत शांति चाहता है, लेकिन आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा” – मित्तल
सांसद मित्तल ने अपनी प्रतिक्रिया में भारत की विदेश नीति और वैश्विक भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा, “भारत एक शांतिप्रिय देश है, जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के सिद्धांत में विश्वास करता है। हमने यह संदेश दुनिया को स्पष्ट रूप से दिया कि हम सभी के कल्याण और सहयोग में विश्वास रखते हैं, लेकिन हमारा पड़ोसी पाकिस्तान लगातार हमारे देश पर आतंकवाद थोपने की कोशिश करता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि प्रतिनिधिमंडल की हर मुलाकात—चाहे वह विदेश मंत्रियों, उप-मंत्रियों, थिंक टैंकों, सांसदों या मीडिया प्रतिनिधियों से हुई हो—भारत की नीति को स्पष्ट रूप से सामने रखा गया।
पाकिस्तान पर सख्त रुख, भारत को मिला वैश्विक समर्थन
मित्तल के अनुसार, पांचों देशों में प्रतिनिधिमंडल को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। “जब हमने भारत का पक्ष सामने रखा और पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने के सबूत साझा किए, तो सभी ने भारत के साथ सहानुभूति जताई और सहयोग की इच्छा जाहिर की,” उन्होंने कहा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब भी आतंकवाद और उग्रवाद का केंद्र बना हुआ है, लेकिन वैश्विक समुदाय अब इसे लेकर अधिक सजग और जिम्मेदार हो गया है। “यह सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि वैश्विक शांति की लड़ाई है,” उन्होंने जोड़ते हुए कहा।
ऑपरेशन सिंदूर और जीरो टॉलरेंस नीति पर मिला समर्थन
सांसद अशोक मित्तल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भी इस बैठक और विदेश यात्रा से जुड़ी जानकारियां साझा कीं। उन्होंने लिखा, “भारत शांति चाहता है, लेकिन आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा। ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। दुनिया ने भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का समर्थन किया।”
यह पहली बार नहीं है जब भारत की आतंकरोधी नीति को वैश्विक समर्थन मिला है, लेकिन इस बार यह फीडबैक एक बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से सीधे उच्च स्तर पर पहुंचाया गया, जिससे इसकी विश्वसनीयता और प्रभाव दोनों में इजाफा हुआ।