
New Delhi, Apr 29 (ANI): Prime Minister Narendra Modi chairs a meeting with Defence Minister Rajnath Singh (unseen), National Security Advisor Ajit Doval (unseen), Chief of Defence Staff General Anil Chauhan (unseen) and chiefs of all the Armed Forces, in New Delhi on Tuesday. (ANI Photo)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बिहार के दरभंगा में एक जनसभा के दौरान बेहद भावुक और तीखी प्रतिक्रिया दी। मामला कांग्रेस-राजद (RJD) की वोटर अधिकार रैली से जुड़ा है, जिसमें कथित तौर पर पीएम मोदी की दिवंगत मां के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि यह सिर्फ उनकी मां का नहीं, बल्कि भारत की हर मां, बहन और बेटी का अपमान है। उन्होंने जनता से भावनात्मक रूप से जुड़ते हुए कहा कि वह इस पीड़ा को अकेले नहीं सह सकते, इसलिए इसे देशवासियों के साथ साझा कर रहे हैं।
“मां ही तो हमारी दुनिया होती है”
दरभंगा की रैली में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मां ही तो हमारी दुनिया होती है, मां ही हमारा संस्कार होती है। कुछ दिन पहले बिहार में जो हुआ, उसकी न तो मैंने कल्पना की थी, न किसी बिहार के भाई-बहन ने की होगी और न ही हिंदुस्तान के किसी नागरिक ने ऐसा सोचा होगा।” उन्होंने कहा कि बिहार जैसे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य में मां के सम्मान को ठेस पहुंचाना पूरी भारतीय परंपरा का अपमान है।
राजनीति में व्यक्तिगत हमलों की नई लकीर
पीएम मोदी ने भावुक होते हुए कहा कि उनकी मां का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। “अब मेरी मां इस दुनिया में नहीं हैं। राजनीति में उनका कोई दखल नहीं था। फिर भी उन्हें अपमानित किया गया। यह सिर्फ मेरी मां का नहीं, बल्कि भारत की हर मां का अपमान है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि राजनीति में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन निजी हमले भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरनाक परंपरा की शुरुआत हैं।
बिहार की परंपरा को ठेस पहुंची
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि बिहार की परंपरा में ‘मां’ को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। “बिहार की धरती पर मां का अपमान हुआ है, ये उस भूमि का अपमान है जहां गंगा मईया और कोसी मईया की पूजा होती है। यह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा पर चोट है।” उन्होंने जनता से कहा कि वे इस अपमान को भूलें नहीं और लोकतांत्रिक तरीके से इसका जवाब दें।
“आपका दुख मेरा भी दुख है”
प्रधानमंत्री ने जनसभा में कहा कि उन्हें इस अपमान की जितनी पीड़ा हुई है, उतनी ही तकलीफ बिहार की जनता को भी हुई है। “जब इतनी सारी माताएं और बहनें मेरे साथ हैं, तो आज मैं यह दुख आप सबके साथ साझा कर रहा हूं, ताकि इसे मैं सहन कर सकूं।” प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि भारतीय संस्कृति में मां का स्थान देवताओं से भी ऊपर है। “हर मां अपने तप और त्याग से परिवार को पालती है। यह हम सभी के संस्कार हैं। ऐसे संस्कारों पर हमला देश की आत्मा पर हमला है।”
महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में योजनाएं
अपने भाषण के अंत में पीएम मोदी ने महिलाओं के लिए चल रही केंद्र सरकार की योजनाओं का भी उल्लेख किया, स्वच्छ भारत अभियान के तहत देशभर में 11 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए। उज्ज्वला योजना से करोड़ों महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला। जीविका योजना के तहत बिहार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार ने हर कदम पर महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रयास किया है। महिलाओं के सम्मान से ही समाज की शक्ति बढ़ती है।”
राजनीतिक हमले या सभ्यता का पतन?
इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—क्या भारतीय राजनीति अब उस मोड़ पर आ चुकी है जहां निजी और पारिवारिक सीमाएं भी पार की जा रही हैं? प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “राजनीति में हम एक-दूसरे की नीतियों का विरोध करें, लेकिन किसी की मां को गाली देना इस लोकतंत्र की परंपरा नहीं रही है।”
जनता से आह्वान
अपने भाषण के अंत में पीएम मोदी ने जनता से अपील करते हुए कहा, “मैं आपसे आग्रह करता हूं कि इस चुनाव में सिर्फ सरकार नहीं चुनिए, भारत की संस्कृति और सम्मान की रक्षा के लिए भी वोट करिए। ये चुनाव आपके आत्मसम्मान का चुनाव है।”