
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने हाल ही में इजरायल के साथ संघर्ष में पीछे न हटने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो ईरान इजरायल पर फिर से हमला करने से हिचकेगा नहीं। खामेनेई ने 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के द्वारा इजरायल पर किए गए हमले का समर्थन करते हुए कहा कि “अपनी धरती की रक्षा का अधिकार सभी को है।”
कुरान की आयतों का हवाला
खामेनेई ने मुसलमानों से एकजुट होने का आह्वान करते हुए कुरान की आयतों का भी उल्लेख किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ईरान, हिज्बुल्लाह और हमास का साथ देता रहेगा।
भारत पर संभावित असर
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव का सीधा असर भारत पर भी पड़ सकता है। भारत और ईरान के बीच व्यापारिक संबंध काफी पुराना है, जिसमें बासमती चावल और चाय जैसी वस्तुओं का निर्यात शामिल है।
बासमती चावल का निर्यात
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2023-24 में ईरान को 680 मिलियन डॉलर का बासमती चावल निर्यात किया था, जो कि भारत में उत्पादित बासमती चावल का लगभग 19 प्रतिशत है। यदि ईरान और इजरायल के बीच युद्ध होता है, तो यह निर्यात प्रभावित हो सकता है।
चाय और अन्य वस्तुओं का निर्यात
इसके अलावा, भारत ने 2023-24 में ईरान को 32 मिलियन डॉलर की चाय का निर्यात किया है। भारत ईरान से सनफ्लावर ऑयल का भी आयात करता है, और यदि तनाव बढ़ता है, तो इसकी कीमतों में भी उछाल आ सकता है।
लेबनान में इजरायली सैन्य कार्रवाई
इस बीच, लेबनान में इजरायली सेना की हवाई हमले जारी हैं। लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में इन हवाई हमलों में 37 लोगों की जान जा चुकी है और 151 लोग घायल हुए हैं। यह हमले इजरायल द्वारा हमास और हिज्बुल्लाह के खिलाफ की जा रही सैन्य कार्रवाइयों का हिस्सा हैं।
ईरान की सक्रियता
ईरान ने हाल ही में इजरायल पर 181 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया, जो कि लगभग 25 मिनट में किया गया। इसके जवाब में इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की कसम खाई है और चेतावनी दी है कि ईरान को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।