
जालंधर पुलिस ने एक बड़े ऑपरेशन के तहत फर्जी डिग्री बनाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने दो आरोपियों, पुष्कर गोयल और वरिंदर कुमार, को गिरफ्तार किया और उनके पास से 196 फर्जी डिग्रियां, 53 स्टांप, 16 पासपोर्ट, छह लैपटॉप, तीन प्रिंटर, एक स्टांप बनाने की मशीन और आठ मोबाइल फोन बरामद किए हैं। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश समेत दस राज्यों में फैला हुआ है।
गिरोह की गतिविधियों का खुलासा
डीसीपी हेडक्वार्टर आदित्य ने जानकारी दी कि पुलिस को सूचना मिली थी कि जालंधर में एक गिरोह सक्रिय है, जो फर्जी डिग्रियों का कारोबार कर रहा है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने जालंधर के ग्रीन पार्क में कोठी नंबर 96ए पर छापा मारा। छापे के दौरान पुलिस ने न केवल फर्जी डिग्रियों को बरामद किया, बल्कि आरोपियों के पास से कई अन्य सामग्रियां भी मिलीं।
पुलिस ने बताया कि बरामद की गई फर्जी डिग्रियों में इंजीनियरिंग, मेडिकल, और मैनेजमेंट समेत विभिन्न कोर्स की डिग्रियां शामिल हैं। डीसीपी ने यह भी बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में पुष्कर गोयल के खिलाफ पहले से ही दो मामले लंबित हैं, जो उनके आपराधिक इतिहास को दर्शाते हैं।
गिरोह का नेटवर्क
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि यह गिरोह विभिन्न राज्यों में होने वाली भर्ती के हिसाब से डिग्रियां तैयार करता था। इन डिग्रियों की कीमत कोर्स के अनुसार मनमर्जी से निर्धारित की जाती थी। इस प्रक्रिया में, अभ्यर्थियों की मांग के अनुसार डिग्री में अंक भी दिए जाते थे।
डीसीपी आदित्य ने कहा, “यह मामला जालंधर के सदर थाने में दर्ज किया गया है और हम गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रहे हैं।”
फर्जी डिग्रियों का सामाजिक प्रभाव
फर्जी डिग्रियों का कारोबार न केवल युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि यह समाज में भी गलत संदेश फैला रहा है। ऐसे अपराध न केवल शिक्षा के प्रति अवमानना का संकेत देते हैं, बल्कि बेरोजगारी की समस्या को भी बढ़ाते हैं। जब युवा अपनी मेहनत से अर्जित योग्यताओं को नजरअंदाज करके फर्जी डिग्रियों का सहारा लेते हैं, तो इससे समाज में अन्याय और असमानता बढ़ती है।
भविष्य की कार्रवाई
जालंधर पुलिस ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस प्रकार के फर्जी मामलों के प्रति जागरूक रहें। यदि उन्हें किसी फर्जी डिग्री के कारोबार की जानकारी मिले, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। डीसीपी आदित्य ने कहा, “हम सभी को मिलकर इस तरह के अपराधों के खिलाफ खड़ा होना होगा।”