
केदारनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। यह उपचुनाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि पिछले कुछ समय में मंगलौर और बदरीनाथ उपचुनावों में भाजपा की हार के बाद पार्टी के लिए यह चुनाव जीतना अनिवार्य हो गया है। भाजपा अब केदारनाथ उपचुनाव को जीतने के लिए किसी भी प्रकार की कसर नहीं छोड़ना चाहती।
भाजपा की चुनावी तैयारी
भाजपा ने अपने उम्मीदवार को मजबूत बनाने के लिए गोपनीय सर्वेक्षण शुरू कराया है। पार्टी हाईकमान ने एक विशेष टीम को केदारनाथ क्षेत्र में भेजा है, जो स्थानीय जनसमर्थन और राजनीतिक समीकरणों का आकलन कर रही है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, उम्मीदवार का चयन आधिकारिक रूप से चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद होगा, लेकिन उससे पहले आंतरिक सर्वेक्षण और स्थानीय नेताओं की लोकप्रियता के आधार पर एक मजबूत चेहरे की तलाश की जा रही है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि भाजपा के कई नेता उपचुनाव में अपनी दावेदारी जता चुके हैं। फिलहाल, पार्टी चार संभावित उम्मीदवारों पर गंभीरता से विचार कर रही है: महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक आशा नौटियाल, दिवंगत विधायक शैलारानी रावत की बेटी ऐश्वर्या रावत, कुलदीप रावत, और दायित्वधारी चंडी प्रसाद भट्ट। इनमें से कुलदीप रावत ने पहले से ही जनता के बीच जाकर अपनी प्रचार गतिविधियां शुरू कर दी हैं, जिससे उनका नाम चर्चा में बना हुआ है।
संगठन शक्ति का उपयोग
भाजपा अपनी संगठन शक्ति और मंत्रियों की टीम को मैदान में उतारकर जीत सुनिश्चित करना चाहती है। पार्टी के कार्यकर्ता चुनावी माहौल बनाने के लिए गांव-गांव जाकर संपर्क साध रहे हैं।
कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस भी इस उपचुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार है और प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा का विश्वास है कि भाजपा के सभी प्रयासों के बावजूद कांग्रेस की जीत निश्चित है। माहरा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार चुनाव को प्रभावित करने के लिए विभिन्न विभागों के पांच कैबिनेट मंत्रियों को क्षेत्र में तैनात कर चुकी है।
माहरा ने कहा, “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले दो महीनों में केदारनाथ क्षेत्र में 38 घोषणाएं की हैं, लेकिन ये केवल चुनावी रणनीति का हिस्सा हैं। इनसे भाजपा को कोई खास लाभ नहीं होगा।” उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाया और इसे चिंताजनक बताया।
स्थानीय मुद्दों पर ध्यान
कांग्रेस ने अपने प्रचार में स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। माहरा ने कहा कि भारत से कैलास दर्शन यात्रा का जिम्मा स्थानीय ग्रामीणों को न देकर कुमाऊं मंडल विकास निगम को सौंपना गलत है। उन्होंने इसे स्थानीय लोगों के अधिकारों का हनन बताया और इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच समर्थन जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।