दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दलित समाज के बच्चों के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि दिल्ली सरकार अब दलित समाज के बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए पूरी वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, चाहे वह शिक्षा विदेश में हो या किसी भी प्रमुख भारतीय विश्वविद्यालय में। इस योजना का नाम ‘अंबेडकर स्कॉलरशिप’ रखा गया है, और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी दलित बच्चे को आर्थिक कारणों से शिक्षा में कोई विघ्न न आए।
केजरीवाल ने इस ऐलान के दौरान कहा, “दिल्ली में दलित समाज का कोई भी बच्चा यदि दुनिया के किसी भी टॉप विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रवेश लेना चाहता है, तो दिल्ली सरकार उसका पूरा खर्च उठाएगी।”
यह योजना उन छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकती है, जिनके पास अच्छी शिक्षा प्राप्त करने का सपना है लेकिन आर्थिक प्रतिबंध उनके मार्ग में रोड़ा डालते हैं। अब दिल्ली सरकार का यह कदम उन्हें अपने सपनों को पूरा करने का मौका देगा।
‘बाबा साहेब के रास्ते पर चलेंगे बच्चे’ – अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का नाम लेते हुए कहा, “बाबा साहेब ने अपनी जिंदगी में दो-दो विषयों में पीएचडी की, लेकिन इस दौरान उन्हें पैसे की किल्लत का सामना करना पड़ा। आज हम आजाद भारत में सांस ले रहे हैं, और दलित समाज के किसी भी बच्चे को पढ़ाई में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए।”
केजरीवाल ने यह भी कहा कि बाबा साहेब ने जो शिक्षा के लिए संघर्ष किया था, वह आज भी हमें प्रेरणा देता है। उन्होंने यह साफ किया कि अगर कोई बच्चा अंबेडकर के दिखाए रास्ते पर चलना चाहता है, तो दिल्ली सरकार उसका पूरा साथ देगी। यह कदम एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था की ओर बढ़ने का प्रतीक है, जहां समाज के हर वर्ग को समान अवसर मिलें।
केजरीवाल का यह बयान उस समय आया है जब देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में असमानता और अवसरों की कमी की बात होती रहती है। उनकी इस घोषणा से दिल्ली सरकार की शिक्षा नीति में एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा मिलता है, जिसमें हर बच्चे को अपनी योग्यताओं के आधार पर अवसर प्राप्त हो।
अमित शाह के बयान पर केजरीवाल की प्रतिक्रिया
इस ऐलान के दौरान, अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हालिया बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “तीन दिन पहले संसद में अमित शाह ने बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया। उन्होंने अंबेडकर का मजाक उड़ाया, और मुझे इस पर बहुत दुख हुआ। मैं खुद को बाबा साहेब का भक्त मानता हूं, और ऐसे में मैं अंबेडकर के सम्मान में यह योजना ला रहा हूं।”
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि, “अगर संसद में कोई भी पार्टी या नेता अंबेडकर का अपमान करता है, तो हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस योजना के माध्यम से बाबा साहेब अंबेडकर के संघर्षों और योगदान को याद करने का एक प्रयास कर रहे हैं।
केजरीवाल का यह बयान इस तथ्य पर जोर देता है कि उनकी पार्टी अंबेडकर के विचारों को सम्मान देती है और उनका मार्गदर्शन मानती है, खासकर दलित समाज के कल्याण के संदर्भ में। उनकी योजना, जो अब तक का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है, इसका उद्देश्य अंबेडकर के समर्पण और संघर्ष को सम्मान देना है।
‘अंबेडकर स्कॉलरशिप’ योजना के तहत, दिल्ली के किसी भी दलित परिवार का बच्चा उच्च शिक्षा के लिए पूरी दुनिया में कहीं भी पढ़ने के लिए जा सकता है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए एक सुनहरा अवसर साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें सभी प्रकार के खर्चों की भरपाई दिल्ली सरकार करेगी। इस स्कॉलरशिप योजना का उद्देश्य उन बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए एक समान अवसर प्रदान करना है, जो गरीबी या अन्य सामाजिक समस्याओं के कारण शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ हैं। यह पहल भारत में शिक्षा के क्षेत्र में असमानताओं को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जहां गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों को हमेशा ही अधिक संघर्ष करना पड़ता है।
केजरीवाल ने इस स्कॉलरशिप की घोषणा करते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दलित समाज का कोई बच्चा आर्थिक वजह से शिक्षा प्राप्त करने में पीछे न रहे। जो भी बच्चा उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दुनिया के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश लेगा, उसकी सारी खर्चे दिल्ली सरकार उठाएगी।”