
पाक नागरिकों की देश से वापसी की प्रक्रिया जारी, 727 भारतीय लौटे अपने वतन, BSF ने सीमाओं पर बढ़ाई सतर्कता
नई दिल्ली/अटारी/पहलागाम, रविवार:
पहलागाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदमों के तहत भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी का आज अंतिम दिन है। केंद्र सरकार ने इन नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था, जो रविवार को समाप्त हो गया। इस दौरान अटारी बॉर्डर से बड़ी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक अपने देश की ओर रवाना हुए हैं, वहीं भारतीय नागरिक भी पाकिस्तान से वापस लौटे हैं।
शनिवार को 75 पाकिस्तानी नागरिकों को अटारी सीमा के रास्ते वापस भेजा गया था, और रविवार को भी यह प्रक्रिया लगातार जारी रही। अब तक कुल 294 पाकिस्तानी नागरिक भारत से वापस अपने देश लौट चुके हैं। वहीं, पाकिस्तान में रह रहे 727 भारतीय नागरिक अब तक भारत लौट आए हैं। इनमें से 335 भारतीयों ने शनिवार को भारत की सीमा में प्रवेश किया।
तीन दिन की मोहलत खत्म, सख्त कार्रवाई की चेतावनी
भारत सरकार ने तीन दिन पहले यह स्पष्ट कर दिया था कि भारत में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ना होगा। यह निर्णय विशेष रूप से कश्मीर घाटी में सुरक्षा हालात के मद्देनज़र लिया गया, जहां हाल ही में हुए पहलागाम आतंकी हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह अल्टीमेटम पाकिस्तान से आए उन नागरिकों के लिए था जो पर्यटक वीजा या पारिवारिक मुलाकात के नाम पर भारत में दाखिल हुए थे, लेकिन समय समाप्त होने के बाद भी यहां रुके रहे।
पुलिस और बीएसएफ की कड़ी निगरानी
इस प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) और राज्य पुलिस को संयुक्त रूप से जिम्मेदारी सौंपी। बीएसएफ ने पाकिस्तान से हाल ही में आए नागरिकों की सूची पुलिस को सौंपी, जिसके आधार पर भारतीय पुलिस अब घर-घर जाकर इन नागरिकों की पहचान कर रही है और उन्हें जल्द से जल्द वतन लौटने का आदेश दे रही है।
पुलिस अधिकारियों ने साफ किया है कि जिन लोगों ने अब तक देश नहीं छोड़ा है, उनके खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम (Foreigners Act) के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें डिटेंशन, जुर्माना और स्थायी प्रतिबंध शामिल हो सकता है।
सीमाओं पर बढ़ी सुरक्षा, रिट्रीट सेरेमनी भी प्रभावित
देश की पश्चिमी सीमा पर तैनात बीएसएफ ने सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक कड़ा कर दिया है। अटारी-वाघा बॉर्डर पर रोजाना आयोजित होने वाली रिट्रीट सेरेमनी इस तनावपूर्ण माहौल से अछूती नहीं रही। रविवार को लगातार चौथे दिन इस आयोजन में पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई। बीएसएफ की ओर से एहतियात के तौर पर सेरेमनी के दौरान गेट बंद रखे गए।
बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया गया है।
“हम किसी भी संभावित खतरे को हल्के में नहीं ले सकते। सीमाओं पर हर व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है,” एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया।
मानवीय पहलू और तनाव का माहौल
हालांकि यह प्रक्रिया सुरक्षा दृष्टिकोण से उचित मानी जा रही है, लेकिन इसका मानवीय पहलू भी चर्चा में है। भारत से लौटने वाले पाकिस्तानी नागरिकों में कई बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। इनमें से अधिकांश लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने भारत आए थे, लेकिन अब अचानक वापसी का अल्टीमेटम मिलने से उन्हें मजबूरी में लौटना पड़ रहा है।
अटारी बॉर्डर पर रविवार को एक बुजुर्ग पाकिस्तानी महिला की आंखों में आंसू थे। “मैं अपने बेटे से मिलने आई थी जो यहां शादी करके रहता है। अब सरकार ने कहा है कि हमें वापस जाना होगा। दिल टूट गया है,” उन्होंने कहा।