
लुधियाना पश्चिमी विधानसभा उपचुनाव के प्रचार अभियान का अंतिम दौर मंगलवार शाम को समाप्त हो गया। प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच तीखी टक्कर देखने को मिली, जब दोनों दलों के उम्मीदवारों के रोड शो शहर की प्रमुख सड़कों से गुजरते हुए घुमारमंडी इलाके में आमने-सामने आ गए। इस दौरान समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की और माहौल कुछ समय के लिए गर्मा गया, लेकिन दोनों ओर के वरिष्ठ नेताओं ने संयम बरतते हुए टकराव को टाल दिया।
कांग्रेस के उम्मीदवार भारत भूषण आशु और AAP के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने प्रचार के आखिरी दिन लुधियाना की सड़कों पर अपनी ताकत झोंक दी। कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब कांग्रेस प्रभारी भूपेश बघेल सहित कई वरिष्ठ नेता प्रचार में शामिल हुए। वहीं AAP की ओर से दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और पंजाब प्रभारी मनीष सिसौदिया और पंजाब आप प्रमुख व कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने मोर्चा संभाला।
रोड शो से सड़कें बनीं रणक्षेत्र, घुमारमंडी बना टकराव का केंद्र
दोनों पार्टियों के रोड शो अलग-अलग स्थानों से शुरू हुए, लेकिन जैसे ही ये जुलूस घुमारमंडी मेन बाजार पहुंचे, एक तरह से शक्ति प्रदर्शन का दृश्य बन गया। समर्थकों की भारी भीड़, नारेबाजी, और ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच अचानक दोनों दलों के काफिले आमने-सामने आ गए।
एक तरफ भारत भूषण आशु के समर्थक “आशु-आशु” के नारे लगा रहे थे, तो दूसरी ओर आप समर्थक “संजीव अरोड़ा ज़िंदाबाद” के नारे लगाने लगे। माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हुआ, लेकिन स्थिति हाथ से बाहर नहीं गई। दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने मंचों से एक-दूसरे को अभिवादन कर आगे बढ़ना ही बेहतर समझा।
मंच पर एक ओर मनीष सिसौदिया वाहन की छत पर खड़े थे, वहीं दूसरी ओर चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस का झंडा हाथ में लिए समर्थकों का उत्साह बढ़ा रहे थे। जब दोनों नेताओं की गाड़ियां आमने-सामने आईं, तो शिष्टाचार का परिचय देते हुए दोनों ने हाथ जोड़कर एक-दूसरे का अभिवादन किया और आगे बढ़ गए।
कांग्रेस: ‘हवा हमारे पक्ष में है’ — भूपेश बघेल का दावा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने रोड शो के दौरान दावा किया कि लुधियाना पश्चिमी क्षेत्र में माहौल पूरी तरह कांग्रेस के पक्ष में है। उन्होंने कहा, “AAP की रैली में लोगों के चेहरे मुरझाए हुए थे। यह साफ संकेत है कि उन्होंने मैदान छोड़ दिया है। जनता अब बदलाव चाहती है और वह कांग्रेस के साथ है।”
भारत भूषण आशु, जो कि लुधियाना के जाने-माने नेता हैं, ने भारी जनसमर्थन के साथ रोड शो में भाग लिया। रोड शो का प्रारंभ उनके फिरोजपुर रोड स्थित कार्यालय से हुआ, जो आरती चौक, घुमारमंडी मेन बाजार से होते हुए घुमारमंडी चौक पर समाप्त हुआ। सड़कों पर समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा और जगह-जगह पुष्पवर्षा से प्रत्याशी का स्वागत किया गया।
AAP का पलटवार: संजीव अरोड़ा को जनता का समर्थन
वहीं AAP के प्रचार अभियान की कमान मनीष सिसौदिया और अमन अरोड़ा ने संभाली। संजीव अरोड़ा के समर्थन में निकाले गए रोड शो की शुरुआत कॉलेज रोड से हुई, जो घुमारमंडी से होते हुए पार्टी के चुनाव कार्यालय वेल्कम पैलेस तक पहुंचा। रोड शो के दौरान मनीष सिसौदिया ने कहा, “AAP की सरकार ने पंजाब में बदलाव की शुरुआत की है और जनता अब ईमानदार राजनीति की तरफ देख रही है। यह उपचुनाव पंजाब की नई दिशा तय करेगा।”
संजीव अरोड़ा ने भी विश्वास जताया कि जनता उनकी विकास योजनाओं और AAP सरकार के कामकाज पर मुहर लगाएगी। उन्होंने कहा कि वे मुद्दों की राजनीति करते हैं, न कि जाति या धर्म की। “हमें लुधियाना पश्चिम की जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है,” उन्होंने कहा।
भाजपा और अकाली दल भी मैदान में सक्रिय
हालांकि मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस और AAP के बीच माना जा रहा है, लेकिन भाजपा और अकाली दल भी मैदान में डटे हुए हैं। भाजपा प्रत्याशी जीवन गुप्ता ने जवाहर नगर कैंप इलाके में रोड शो निकाला, जिसमें पार्टी की स्थानीय लीडरशिप ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। भाजपा के नेताओं ने चुनाव को राष्ट्रवाद, विकास और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर केंद्रित रखा।
वहीं शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार परोपकार सिंह घुम्मण ने घर-घर जाकर लोगों से संपर्क साधा और वोट मांगे। अकाली दल ने अपने परंपरागत मतदाताओं को जोड़ने की पूरी कोशिश की है।
आमना-सामना के बावजूद शांति, सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद
घुमारमंडी में दोनों दलों के समर्थकों के आमने-सामने आने के बावजूद कोई बड़ा टकराव नहीं हुआ। पुलिस और प्रशासन ने पहले से ही सुरक्षा के व्यापक इंतजाम कर रखे थे। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई थी, जिससे स्थिति नियंत्रण में रही।
डीसीपी सिटी ने बताया कि रोड शो की सूचना पहले से थी और प्रशासन ने सभी दलों से समन्वय कर रूट तय कर लिए थे। उन्होंने कहा, “दोनों पक्षों ने शांति बनाए रखी, और इस तरह चुनावी परिपक्वता का उदाहरण पेश किया।”