प्रयागराज के महाकुंभ मेला क्षेत्र में शनिवार को एक भीषण आग लगने की घटना सामने आई, जिसने क्षेत्र में अफरातफरी मचा दी। यह आग इतनी भीषण थी कि इसका गुबार दूर से दिखाई दे रहा था। आग ने बड़े पैमाने पर फैलते हुए कई टेंटों को अपनी चपेट में ले लिया और सिलेंडरों के धमाके से स्थिति और भी भयावह हो गई। आग बुझाने के लिए मौके पर दमकल की गाड़ियाँ भेजी गई हैं और राहत-बचाव कार्य तेजी से चल रहा है।
आग की वजह और उसकी तीव्रता
महाकुंभ के क्षेत्र में यह भीषण आग अखाड़े से आगे वाली सड़क पर स्थित लोहे के ब्रिज के नीचे लगी। आग ने पहले विवेकानंद शिविर को अपनी चपेट में लिया, जिसके बाद आसपास के अन्य शिविर भी आग की चपेट में आ गए। किसी चिंगारी या बिजली के शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जताई जा रही है। आग ने लगभग 10000 वर्ग फीट का क्षेत्रफल जलाकर राख कर दिया है। इस भीषण आग के चलते 20 से 25 टेंट जल गए हैं और उनमें रखे सिलेंडर बार-बार ब्लास्ट होते रहे। इस दौरान शिविरों में अफरातफरी मच गई और लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए तत्काल शिविर खाली कर दिए।
दमकल की टीम ने किया दमदार बचाव कार्य
आग की सूचना मिलने के बाद, स्थानीय प्रशासन और फायर ब्रिगेड की टीमों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू किया। आग पर काबू पाने के लिए लगभग 20 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंची और कई घंटों तक प्रयासों के बाद आग पर काबू पाया। आग से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य के दौरान अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी व्यक्ति फंसा न हो और सभी श्रद्धालु सुरक्षित बाहर निकल सकें।
राहत और बचाव कार्य में प्रशासन की तत्परता
राज्य सरकार ने इस घटना का संज्ञान लिया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत और बचाव कार्यों की निगरानी के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर भेजा। मुख्यमंत्री ने घायलों के समुचित उपचार का निर्देश दिया और घटनास्थल पर तत्काल मदद सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को सक्रिय किया। प्रशासन ने राहत कार्यों को तेज कर दिया और प्रत्येक टेंट के अंदर फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन
घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने राज्य के उच्च अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि आग से प्रभावित सभी श्रद्धालुओं को हर संभव सहायता दी जाए और उनके इलाज में कोई कसर न छोड़ी जाए। यह कदम राहत कार्यों में गति लाने और घायलों को तुरंत उपचार उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया था।
शिविरों में सिलेंडर फटने के कारण आग ने अधिक विकराल रूप लिया
महाकुंभ क्षेत्र में लगी आग में सिलेंडरों के फटने से स्थिति और भी भयावह हो गई। निर्मल आश्रम के स्वामी श्री गोपी हरि जी महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि आग लगने के कारण छह सिलेंडर फट गए थे और बाकी सिलेंडरों को निकाला गया। उन्होंने कहा कि आग ने लगभग 10000 वर्ग फीट के क्षेत्र को अपनी चपेट में लिया और इस क्षेत्र का कपड़ा पूरी तरह जलकर राख हो गया, केवल बांस और बल्ली ही बच पाए।
यह स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर हो गई थी, लेकिन फायर ब्रिगेड की टीमों ने तत्परता दिखाते हुए आग पर काबू पाया। स्वामी जी ने बताया कि आग को बुझाने के लिए लगभग 20 दमकल गाड़ियाँ घटनास्थल पर थीं, जिन्होंने कई घंटों तक संघर्ष करते हुए आग पर काबू पाया।
महाकुंभ क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था
महाकुंभ मेला हमेशा से ही लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ आकर्षित करता है, और ऐसे में इस प्रकार की घटनाओं से सुरक्षा की गंभीरता पर सवाल उठते हैं। प्रशासन ने इस घटना के बाद मेला क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर समीक्षा की और इसे और भी कड़ा करने की योजना बनाई। अब तक की रिपोर्ट्स के अनुसार, इस आग की घटना में किसी श्रद्धालु के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं मिली है, लेकिन आग ने बड़ा नुकसान जरूर किया है।
सुरक्षा की दृष्टि से, पुलिस और प्रशासन ने मेला क्षेत्र में अतिरिक्त निगरानी के उपाय किए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना फिर से न घटित हो। साथ ही, टेंट और शिविरों में सिलेंडर के इस्तेमाल पर भी कड़ी निगरानी रखने की योजना बनाई गई है।