
महाराष्ट्र के पुणे ज़िले में रविवार को एक बड़ा हादसा हो गया, जब पिंपरी-चिंचवड़ क्षेत्र के कुंदामाला गांव के पास इंद्रायणी नदी पर बना एक लोहे का पुल अचानक ढह गया। इस दर्दनाक हादसे में अब तक दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि लगभग 20 से 25 लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। पुल गिरने के तुरंत बाद बचाव कार्य शुरू कर दिया गया, और अब तक पांच से छह लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
हादसा पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। पुलिस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), अग्निशमन विभाग और अन्य बचाव टीमें मौके पर तैनात हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है।
कैसे हुआ हादसा?
रविवार दोपहर करीब 2 बजे यह हादसा उस समय हुआ जब कुंदामाला क्षेत्र में भारी भीड़ पिकनिक मनाने के लिए जुटी हुई थी। इंद्रायणी नदी पर बने इस पुल का एक हिस्सा लोहे का था, जो कि नदी के दूसरी तरफ जाने के लिए प्रयोग होता था। इसी लोहे के हिस्से के अचानक ढह जाने से यह भीषण हादसा हुआ।
तालेगांव दाभाड़े पुलिस थाने के एक अधिकारी के मुताबिक, पुल ढहने की जानकारी मिलते ही राहत और बचाव दल तुरंत सक्रिय हो गए। प्रारंभिक जानकारी में बताया गया कि पुल का लोहे वाला हिस्सा ही ढहा है, जबकि सीमेंट वाला हिस्सा सुरक्षित है। पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि एक व्यक्ति के बह जाने की भी आशंका है, हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
रेस्क्यू टीम की रिपोर्ट: 25 लोग हो सकते हैं फंसे
घटना के तुरंत बाद एनडीआरएफ की टीमों को अलर्ट किया गया और घटनास्थल पर भेजा गया। एक बचावकर्मी ने बताया कि, “रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। अब तक कुछ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन मलबे में करीब 20 से 25 लोगों के फंसे होने की आशंका बनी हुई है। हमें सटीक संख्या की जानकारी नहीं है, लेकिन स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों से मिली सूचना के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है।”
रेस्क्यू टीमों के अलावा स्थानीय ग्रामीण और स्वयंसेवक भी राहत कार्य में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। प्रशासन ने आसपास के इलाकों में चेतावनी जारी की है और पुल के आसपास के इलाके को पूरी तरह सील कर दिया गया है।
भीड़भाड़ और बारिश बनी हादसे की वजह?
हादसे के पीछे संभावित कारणों में भारी बारिश और पिकनिक मनाने आई भीड़ को माना जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से पुणे और आसपास के इलाकों में लगातार बारिश हो रही है, जिससे नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है। साथ ही, रविवार होने के कारण बड़ी संख्या में लोग इंद्रायणी नदी के किनारे सैर और पिकनिक के लिए पहुंचे थे।
पुल की क्षमता से अधिक लोगों के उस पर चढ़ने के कारण उसकी संरचना पर अतिरिक्त भार पड़ा और अंततः वह ढह गया। स्थानीय प्रशासन ने स्वीकार किया है कि पुल की मरम्मत या सुरक्षा जांच पिछले कुछ महीनों में नहीं की गई थी।
NDRF और प्रशासन की सक्रियता
जैसे ही हादसे की सूचना मिली, प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की। पुणे जिला प्रशासन ने बचाव कार्यों के लिए विशेष हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं ताकि लोग अपने परिजनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।
NDRF की टीमें अत्याधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित जवानों के साथ घटनास्थल पर पहुंची। गोताखोरों को भी बुलाया गया है ताकि नदी में बह चुके संभावित पीड़ितों की तलाश की जा सके। अग्निशमन विभाग और आपदा प्रबंधन की टीमें भी लगातार मलबा हटाने और लोगों को सुरक्षित निकालने का काम कर रही हैं।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र सरकार ने हादसे को गंभीरता से लेते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बचाव और राहत कार्यों में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी।
राज्य सरकार ने पुल के ढहने की तकनीकी जांच के आदेश भी दिए हैं ताकि यह पता चल सके कि हादसा किस लापरवाही या तकनीकी खामी के चलते हुआ।