
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गुरुवार सुबह एक भीषण हवाई हादसा हुआ, जिसमें एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में पायलट समेत छह लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ है, जिसे एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है। यह हादसा राज्य में चल रही चारधाम यात्रा के दौरान हुआ है, जब श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी आवाजाही हो रही है।
सुबह करीब 8:45 बजे यह हादसा गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित गंगनानी के पास हुआ। दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर एयरोट्रांस कंपनी का था, जिसने आज सुबह सहस्त्रधारा हेलीपैड (देहरादून) से उड़ान भरी थी और इसका गंतव्य हर्षिल था।
हादसे की जानकारी मिलते ही रेस्क्यू टीम हरकत में
दुर्घटना की खबर मिलते ही एसडीआरएफ, पुलिस, फायर ब्रिगेड, मेडिकल टीम और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर रवाना हुईं। स्थानीय लोगों की मदद से तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। भारी बारिश और दुर्गम इलाके के बावजूद राहत कार्य युद्धस्तर पर चलाया गया।
उत्तरकाशी के जिला अधिकारी ने जानकारी दी कि, “हेलिकॉप्टर में पायलट सहित कुल सात लोग सवार थे। दुर्घटना में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक यात्री को गंभीर अवस्था में रेस्क्यू कर ऋषिकेश भेजा गया है।”
मृतकों में चार यात्री मुंबई और दो आंध्रप्रदेश से
प्राप्त जानकारी के अनुसार, चार यात्री मुंबई से जबकि दो यात्री आंध्रप्रदेश से थे। यह सभी यात्री चारधाम यात्रा के हिस्से के तौर पर गंगोत्री जा रहे थे और उन्होंने हेलिकॉप्टर सेवा का उपयोग किया था। हादसे में मारे गए लोगों की पहचान और उनके परिजनों को सूचित करने की प्रक्रिया जारी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया शोक
हेलिकॉप्टर हादसे की जानकारी मिलते ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “उत्तरकाशी में हेलिकॉप्टर दुर्घटना का अत्यंत दुःखद समाचार मिला है। दिवंगतों की आत्मा को शांति और उनके परिजनों को यह असीम दुःख सहने की शक्ति ईश्वर प्रदान करें।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रशासन को घायलों को हर संभव सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं और हादसे की विस्तृत जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
हेलिकॉप्टर सेवा पर फिर उठे सवाल
यह हादसा एक बार फिर हेली सेवा की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में हर साल चारधाम यात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु हेली सेवा का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मौसम की मार और ऊंचे पर्वतीय मार्गों के कारण अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं।
इससे पहले भी केदारनाथ और बदरीनाथ मार्गों पर हेली सेवा दुर्घटनाओं की घटनाएं सामने आती रही हैं। इस बार भी हादसे की वास्तविक वजहों का खुलासा जांच के बाद ही हो पाएगा, लेकिन प्राथमिक जानकारी के अनुसार खराब मौसम और तकनीकी खराबी को हादसे की प्रमुख वजह माना जा रहा है।
चारधाम यात्रा के बीच बढ़ी चिंता
गौरतलब है कि इस समय उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जोरों पर है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा पर पहुंच रहे हैं। जबकि कुछ श्रद्धालु पैदल यात्रा कर रहे हैं, हजारों लोग हेली सेवाओं का भी उपयोग कर रहे हैं।
गंगोत्री और यमुनोत्री मार्गों पर लगातार बढ़ते यात्री भार और बदलते मौसम ने प्रशासन की चुनौतियों को बढ़ा दिया है। ऐसे में इस हादसे ने पूरे राज्य में यात्रा सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
प्रशासन ने बढ़ाई सतर्कता
हादसे के बाद, उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने हेली सेवाओं की समीक्षा और निरीक्षण के निर्देश जारी कर दिए हैं। सभी ऑपरेटरों से कहा गया है कि वे अपने उपकरणों और हेलिकॉप्टर की तकनीकी जांच पूरी पारदर्शिता से करवाएं, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) ने भी आपातकालीन मोड में अपनी तैयारी तेज कर दी है। चारधाम मार्गों पर अधिक रेस्क्यू टीम और मोबाइल मेडिकल यूनिट को तैनात किया गया है।