
पंजाब के सीमावर्ती जिले फिरोजपुर से एक बार फिर पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हो रही हेरोइन तस्करी का बड़ा खुलासा हुआ है। फिरोजपुर रेंज की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने कार्रवाई करते हुए चार किलो 25 ग्राम हेरोइन के साथ दो नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि ये गिरोह पिछले डेढ़ साल से पाकिस्तान से ड्रोन द्वारा हेरोइन की खेप मंगवा रहा था।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान आकाशदीप सिंह और मनप्रीत सिंह उर्फ कालू, निवासी गांव मंसूरदेवा, जीरा (फिरोजपुर) के रूप में हुई है, जबकि गिरोह का तीसरा सदस्य फरार होने में कामयाब हो गया। पुलिस उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है।
कैसे हुआ खुलासा?
ANTF के एआईजी सोहन लाल सेठी ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि गांव मंसूरदेवा में दो युवक पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हेरोइन मंगवा कर पंजाब के विभिन्न हिस्सों में इसकी सप्लाई कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने मनप्रीत सिंह के घर पर छापेमारी की, जहां अलमारी से 4 किलो 25 ग्राम हेरोइन बरामद की गई।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी पिछले 18 महीनों से पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से नशीले पदार्थों की खेप मंगवा रहे थे। एआईजी ने बताया कि आरोपी इस हेरोइन को स्थानीय स्तर पर छोटे तस्करों को सप्लाई करते थे।
पाकिस्तान से ड्रोन द्वारा तस्करी: बढ़ता खतरा
पुलिस अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि बाढ़ के बाद से पाकिस्तान से हेरोइन की तस्करी में इज़ाफा हुआ है, और ड्रोन एक अहम जरिया बन गया है। ड्रोन से न सिर्फ हेरोइन बल्कि हथियार, गोला-बारूद और अन्य गैरकानूनी सामग्री भी सीमापार से भारत में गिराई जा रही है।
तकनीकी सहयोग बना हथियार
एआईजी सोहन लाल सेठी ने बताया कि टेक्निकल टीम की सहायता से आरोपियों की लोकेशन, कॉल डिटेल्स और मोबाइल डेटा का विश्लेषण कर उन्हें गिरफ्तार करने में सफलता मिली। साथ ही यह भी संकेत मिले हैं कि इस नेटवर्क का दायरा सीमित नहीं बल्कि अंतरराज्यीय हो सकता है।
तीसरा आरोपी फरार, पुलिस कर रही दबिश
गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उनके साथ एक और व्यक्ति शामिल था, जो इस तस्करी नेटवर्क का संचालन करता था और ड्रोन की लोकेशन तय करता था। फिलहाल वह फरार है।
पुलिस ने तीसरे आरोपी की पहचान उजागर नहीं की है, लेकिन बताया है कि उसे पकड़ने के लिए फिरोजपुर, फाजिल्का, और अमृतसर सहित कई जगहों पर छापेमारी जारी है।
और भी हेरोइन होने की आशंका
प्रारंभिक पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया है कि कुछ दिन पहले ही उन्होंने पाकिस्तान से छह किलो से अधिक हेरोइन मंगवाई थी। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि और भी खेप कहीं छिपा कर रखी गई है, जिसकी बरामदगी के लिए पुलिस प्रयासरत है।
एआईजी सेठी ने कहा, “गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कई नए सुराग मिले हैं। हमें उम्मीद है कि आगे की जांच में हेरोइन की अन्य खेप, नेटवर्क से जुड़े अन्य सदस्य और ड्रोन की मदद से हुई अन्य तस्करियों का भी पता चलेगा।”
गांव मंसूरदेवा बना नशे का गढ़?
गांव मंसूरदेवा का नाम इस तरह के मामलों में पहली बार सामने नहीं आया है। इससे पहले भी इसी क्षेत्र से ड्रोन से गिराई गई नशीली सामग्री की बरामदगी हो चुकी है। पुलिस का कहना है कि सीमावर्ती गांवों में स्थानीय युवाओं को लालच देकर इस नेटवर्क में शामिल किया जा रहा है।
गांव के एक बुजुर्ग ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमारे गांव के कुछ लड़कों को नशा बहुत बर्बाद कर रहा है। बाहर के लोग आते हैं, पैसे का लालच देते हैं और ये लड़के इस धंधे में फंस जाते हैं। हमें डर है कि अब गांव की छवि पूरी तरह खराब हो चुकी है।”
ड्रोन तस्करी: बड़ी चुनौती
भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन से होने वाली तस्करी अब सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है। बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) और पंजाब पुलिस लगातार इस पर रोक लगाने के लिए एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी, ग्राउंड सेंसर, और नाइट विजन ड्रोन का इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन तस्करों के तकनीकी हथकंडे और बदलती रणनीतियाँ उन्हें पकड़ना मुश्किल बना रही हैं।