भीमताल (उत्तराखंड): उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के भीमताल में आज एक बड़ा हादसा हुआ, जब एक रोडवेज बस, जो अल्मोड़ा से हल्द्वानी जा रही थी, भीमताल-रानीबाग मोटर मार्ग के आमडाली के पास 1500 फीट गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में बस में सवार 27 लोग घायल हो गए, जिनमें से 3 की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
यह हादसा सुबह लगभग 10 बजे के आसपास हुआ जब बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए, और स्थानीय लोगों की मदद से बचाव कार्य शुरू किया गया।
बस के खाई में गिरने से यात्रियों में मची अफरा-तफरी
घटनास्थल पर मौजूद eyewitnesses के मुताबिक, हादसा काफी भयंकर था। बस के खाई में गिरते ही सवार यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ यात्री बस से बाहर गिर गए, जबकि कुछ बस के अंदर ही फंसे रहे। हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, घायलों को रस्सियों के जरिए और कंधों पर लादकर सड़क तक लाया गया। घायल यात्रियों को प्राथमिक उपचार के लिए भीमताल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) भेजा गया, और गंभीर घायलों को हल्द्वानी के हायर सेंटर में रेफर किया गया है।
रेस्क्यू अभियान और प्रशासन का तत्परता से कार्य
हादसे के तुरंत बाद पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई और बचाव कार्य शुरू किया। एसपी (सिटी), नैनीताल, डॉ. जगदीश चंद्र ने बताया कि रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है। उन्होंने कहा, “हमने 15 एम्बुलेंस हल्द्वानी भेजी हैं और घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए बड़े स्तर पर बचाव कार्य चल रहा है। इस इलाके की खड़ी चढ़ाई और असहज रास्तों के कारण घायलों को लाने में थोड़ी परेशानी हो रही है, लेकिन बचाव दल पूरी तरह से तत्पर है।”
स्थानीय पुलिस और राहत बचाव दल द्वारा अब तक 24 घायल यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू किया गया है। इनमें से कुछ गंभीर घायल यात्रियों को हल्द्वानी के मेडिकल कॉलेज भेजा गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
प्रशासन की ओर से किए गए इंतजाम
घायलों के इलाज और रेस्क्यू कार्य को देखते हुए प्रशासन ने अपनी पूरी मशीनरी को अलर्ट कर दिया है। जिलाधिकारी नैनीताल, सुशील तिवारी को विशेष तौर पर घटनास्थल पर रखा गया है। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही प्रशासन ने एंबुलेंस की पर्याप्त संख्या भेजी है और गंभीर घायलों के लिए एक मेडिकल टीम हल्द्वानी भेजी गई है। इलाके में भारी बरसात और खड़ी चढ़ाई के कारण रेस्क्यू में अतिरिक्त मुश्किलें आ रही हैं, लेकिन प्रशासन और स्थानीय टीम पूरी ताकत से काम कर रही है।
हादसे के कारणों की जांच शुरू
हालांकि, हादसे के कारणों का पता अभी नहीं चल पाया है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार रोडवेज बस के चालक का नियंत्रण खो बैठा था, जिसके कारण बस खाई में गिर गई। दुर्घटना की जांच के लिए पुलिस ने एक टीम गठित की है, जो घटना के कारणों का पता लगाएगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह क्षेत्र अक्सर खतरनाक रहता है, और यहां सड़क सुरक्षा की स्थिति भी अच्छी नहीं है। स्थानीय लोग सड़क के खराब हालात और अनियंत्रित गति को इस हादसे के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं। पुलिस और प्रशासन इस दिशा में जांच कर रहे हैं और क्षेत्र की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाने का वादा किया है।
प्रभावित परिवारों को सहायता
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हादसे पर गहरी चिंता व्यक्त की है और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से सभी आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, उन्होंने प्रशासन को हादसे में घायल हुए लोगों के इलाज में कोई कसर न छोड़ने की हिदायत दी है।
राज्य सरकार की ओर से राहत कार्य के लिए समुचित धनराशि की घोषणा की गई है और साथ ही मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की भी बात कही गई है। मुख्यमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल
यह हादसा उत्तराखंड में सड़क सुरक्षा के मुद्दे को फिर से उठाता है। स्थानीय लोग और विशेषज्ञ मानते हैं कि इस इलाके में सड़क की स्थिति और सुरक्षा के उपायों को सुधारने की जरूरत है। पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाले सड़क हादसों के कारणों में खड़ी चढ़ाई, खराब सड़कें, मौसम की खराब स्थिति और नासमझी से तेज गति में गाड़ी चलाना प्रमुख कारण होते हैं।
अब यह देखा जाएगा कि सरकार और प्रशासन इस हादसे के बाद सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए क्या कदम उठाते हैं, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके।