
पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस विंग (सीआई) पटियाला और स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) मोहाली ने एक बड़ी आतंकी साजिश को विफल करते हुए बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़े तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया है। खुफिया सूचना पर आधारित इस ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने न केवल एक सक्रिय आतंकी मॉड्यूल को बेनकाब किया, बल्कि राज्य में संभावित बड़े आतंकी हमलों को अंजाम देने से पहले ही रोक दिया।
इन तीनों आतंकियों की गिरफ्तारी के साथ पुलिस ने दो हैंड ग्रेनेड, एक .30 बोर और एक .32 बोर की पिस्तौल भी बरामद की हैं। ये आतंकी 1 अप्रैल 2025 को पटियाला के बादशाहपुर और 6 अप्रैल 2025 को हरियाणा के अजीमगढ़ में पुलिस चौकियों पर हुए ग्रेनेड हमलों में भी शामिल पाए गए हैं।
बड़ी आतंकी साजिश बेनकाब
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए तीनों आतंकियों की पहचान गुप्त रखी गई है क्योंकि उनसे पूछताछ अभी चल रही है और इनके नेटवर्क को खंगालने का काम जारी है। प्रारंभिक पूछताछ में इन आतंकियों ने यह स्वीकार किया है कि वे पंजाब में पुलिस ठिकानों को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे। ये आतंकी विदेशों में बैठे आतंकियों के निर्देशों पर काम कर रहे थे, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़े हुए हैं।
विदेशी आतंकियों का हाथ
जांच में यह बड़ा खुलासा हुआ है कि ये सभी आतंकी ग्रीस में बैठे मनु अगवान और मलेशिया स्थित मनिंदर बिल्ला के संपर्क में थे। दोनों विदेशी हैंडलर इन्हें सीधे ऑनलाइन माध्यमों से निर्देश, फंडिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट उपलब्ध करा रहे थे।
इनके मॉड्यूल की निगरानी पाकिस्तान स्थित कुख्यात आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा कर रहा था, जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का संरक्षण प्राप्त है। रिंदा पहले भी कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है और भारत में वांछित अपराधी है।
पुलिस को मिली बड़ी सफलता
इस ऑपरेशन के सफल होने से न केवल एक संभावित बड़ी आतंकी घटना को रोका गया, बल्कि राज्य में सक्रिय हो रहे विदेशी निर्देशित आतंकी मॉड्यूल पर भी करारा प्रहार हुआ है। पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने इस ऑपरेशन को “सुरक्षा तंत्र की बड़ी जीत” बताया है।
उन्होंने कहा, “हमारी एजेंसियों ने एक बार फिर यह साबित किया है कि पंजाब की धरती पर किसी भी आतंकी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देश-विरोधी तत्वों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।”
मॉड्यूल का ऑपरेटिंग पैटर्न
पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस आतंकी मॉड्यूल का कार्यप्रणाली छोटे-छोटे सेल में बंटी हुई थी, ताकि किसी एक के पकड़े जाने पर पूरी संरचना उजागर न हो सके। यह मॉड्यूल पहले से ही पंजाब और हरियाणा में पुलिस और सुरक्षा बलों को निशाना बना चुका है।
इन आतंकियों को क्रिप्टोकरेंसी के जरिए फंडिंग, इंटरनेट कॉल्स द्वारा संचार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कोडेड मैसेज भेजकर दिशा-निर्देश दिए जा रहे थे। यह नेटवर्क पारंपरिक आतंकी नेटवर्क से ज्यादा हाई-टेक और अंडरग्राउंड था।
बरामद हथियार और विस्फोटक
गिरफ्तार आतंकियों के पास से जो हथियार बरामद किए गए हैं, उनमें दो हैंड ग्रेनेड, एक .30 बोर पिस्तौल, और एक .32 बोर पिस्तौल शामिल है। पुलिस को आशंका है कि इनके पास अधिक मात्रा में विस्फोटक सामग्री और हथियार हो सकते हैं, जो या तो कहीं छिपा कर रखे गए हैं या इनकी सप्लाई विदेश से होनी थी। बम निरोधक दस्ते और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम भी जांच में जुटी हुई है, ताकि बरामद हथियारों की क्वालिटी, रेंज और सोर्स की जानकारी हासिल की जा सके।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
पंजाब में इस ऑपरेशन की खबर फैलते ही राजनीतिक हलकों में भी हलचल देखने को मिली। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की और कहा, “राज्य में शांति और भाईचारे को बिगाड़ने की कोई भी कोशिश कामयाब नहीं होने दी जाएगी। हमारी सरकार हर स्तर पर कड़ी निगरानी कर रही है।” विपक्षी दलों ने भी इस कार्रवाई की सराहना करते हुए सरकार से और सतर्क रहने और युवाओं को कट्टरपंथ से दूर रखने की नीति अपनाने की मांग की है।
बब्बर खालसा की सक्रियता बढ़ी
बब्बर खालसा इंटरनेशनल एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है, जिसे भारत में सिख कट्टरपंथी एजेंडे के तहत हिंसा फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। बीते कुछ वर्षों से BKI ने विदेशों से संचालित मॉड्यूल के जरिए पंजाब में अस्थिरता फैलाने की कोशिशें तेज़ कर दी हैं। ISI की मदद से वह स्थानीय युवाओं को पैसे और सोशल मीडिया के जरिए बहकाकर आतंकी गतिविधियों में शामिल कर रहा है।