
मेघालय के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच में मंगलवार को एक बड़ा मोड़ आया, जब हत्या में इस्तेमाल किए गए दूसरे हथियार — ‘दाव’ — को बरामद कर लिया गया। यह बरामदगी क्राइम सीन रिकंस्ट्रक्शन के दौरान हुई, जिसमें आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने हथियार को एक खाई में फेंक दिया था। मौके पर मौजूद एसडीआरएफ (SDRF) की टीम ने मेटल डिटेक्टर की मदद से तलाशी अभियान चलाया और आखिरकार उस खतरनाक हथियार को ढूंढ निकाला।
यह बरामदगी इस मामले की जांच में अहम साबित हो सकती है, क्योंकि यह उस पुख्ता सबूत की तरह देखा जा रहा है जिससे आरोपियों के खिलाफ केस और भी मजबूत हो सकेगा।
हत्या में दो हथियारों का इस्तेमाल, दूसरा अब मिला हाथ
राजा रघुवंशी की निर्मम हत्या में कुल दो हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। पहला हथियार पुलिस को पहले ही 2 जून को मिल गया था, जब राजा की लाश मिली थी। लेकिन दूसरा हथियार, जिसे ‘दाव’ बताया जा रहा है — एक धारदार औजार — लगातार गायब था। इसकी तलाश में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
आखिरकार, मंगलवार को शिलांग पुलिस की एसआईटी टीम द्वारा कराए गए क्राइम सीन रिकंस्ट्रक्शन के दौरान आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने वह हथियार एक खाई में फेंक दिया था। इस सूचना के आधार पर SDRF की टीम को भी मौके पर बुलाया गया, और कुछ घंटों की सघन तलाशी के बाद वह हथियार बरामद कर लिया गया।
क्राइम सीन का पुनर्निर्माण: सच को सामने लाने की कोशिश
17 जून की सुबह, पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने इस हत्याकांड के हर पहलू को समझने और सबूतों को दोबारा परखने के लिए क्राइम सीन का रिकंस्ट्रक्शन किया। सुबह 10:30 बजे के करीब सोनम और तीनों मुख्य आरोपी — विशाल, आनंद और आकाश — को सदर थाना से रवाना किया गया। करीब सवा 12 बजे पुलिस दल मावलखियात गांव पहुंचा, जो डबल डेकर ब्रिज ट्रेल का प्रवेश द्वार है।
यह वही इलाका है जहां राजा रघुवंशी की हत्या की गई थी और जहां से उसका शव मिलने तक की पूरी कहानी जुड़ी हुई है।
होमस्टे से लेकर हत्या तक: घटनाक्रम की पूरी कहानी
पुलिस के मुताबिक 22 मई को सोनम, राजा और तीनों आरोपी इस ट्रेल की ओर रवाना हुए थे। सोनम और राजा एक होमस्टे में ठहरे थे जबकि विशाल, आनंद और आकाश एक अलग होमस्टे में कुछ दूरी पर रुके थे। 23 मई को सभी ने चेकआउट किया और मावलखियात पार्किंग में इकट्ठा हुए। वहां से वे डबल डेकर ब्रिज की ओर निकले, लेकिन झरने के पास स्थित एक व्यू पॉइंट पर राजा रघुवंशी की बेरहमी से हत्या कर दी गई।
हत्या की योजना और तीन बार की कोशिशें
क्राइम सीन रिकंस्ट्रक्शन के दौरान पुलिस ने अलग-अलग पांच लोकेशनों पर आरोपियों को ले जाकर पूछताछ की। यह जानने की कोशिश की गई कि कौन कहां खड़ा था, स्कूटी कहां खड़ी की गई थी, हत्या की पहली और दूसरी असफल कोशिशें कहां की गईं, और आखिरकार हत्या कैसे हुई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपियों ने बताया कि राजा को मारने की योजना पहले से थी और दो बार पहले भी कोशिश की गई थी, लेकिन तब वह बच गया। तीसरी बार, जब वह व्यू पॉइंट पर खड़ा था, तब सोनम ने इशारा किया और विशाल ने पहला और सबसे घातक वार किया। इसके बाद आनंद और आकाश ने दो और वार किए, जिससे राजा की मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या के बाद तीनों ने मिलकर राजा की लाश को एक खाई में फेंक दिया था। यह लाश 2 जून को बरामद की गई थी, जिससे मामले का खुलासा हुआ।
‘राजा’ का रोल प्ले, पुलिस ने किया सटीक निरीक्षण
पुलिस ने घटनाक्रम को पुनः समझने के लिए एक व्यक्ति को ‘राजा’ का रोल प्ले करने को कहा। इस दौरान घटनास्थल पर हत्याकांड का पूरा क्रम फिर से दोहराया गया — कब किसने किस पर वार किया, कैसे शव को घसीट कर ले जाया गया और खाई में फेंका गया।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया न केवल आरोपियों के बयानों की पुष्टि के लिए ज़रूरी थी, बल्कि घटनास्थल से बरामद सबूतों के साथ उनका मेल भी स्थापित किया जा रहा था।
इंदौर में भी जारी है जांच, सोनम के फ्लैट की ली गई तलाशी
इधर, इंदौर में भी पुलिस की एक टीम सक्रिय है। जिस फ्लैट में सोनम फरारी के दौरान छिपी थी, उसकी तलाशी ली गई, लेकिन वहां से कोई महत्वपूर्ण सुराग नहीं मिला। टीम अब सोनम और अन्य आरोपियों के परिवारजनों से पूछताछ कर रही है। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि हत्या की योजना में किसका कितना दखल था और क्या इस हत्याकांड के पीछे और भी लोग शामिल हैं।
हत्या का मकसद अभी भी रहस्य, पुलिस जुटा रही है और सबूत
अब तक की जांच में यह तो स्पष्ट हो गया है कि हत्या योजनाबद्ध थी और इसमें सोनम की भूमिका भी संदिग्ध है। हालांकि पुलिस ने अभी तक हत्या के पीछे के असली मकसद का खुलासा नहीं किया है। सूत्रों की मानें तो मामला आपसी संबंधों, धोखे और पैसे से जुड़ा हो सकता है, लेकिन पुलिस किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सारे सबूत जुटा लेना चाहती है।
राजा रघुवंशी: एक युवा की निर्मम हत्या
इंदौर निवासी राजा रघुवंशी अपने दोस्तों के साथ मेघालय घूमने गया था, लेकिन उसकी यह यात्रा जानलेवा साबित हुई। एक सुनियोजित साजिश में उसकी जान ले ली गई। 23 मई को उसकी हत्या हुई और 2 जून को उसका शव बरामद हुआ।
राजा के परिवार ने न्याय की गुहार लगाई है और लगातार पुलिस पर मामले की गंभीर जांच का दबाव बना रखा है।