
पंजाब के मोहाली जिले के जीरकपुर में एक महिला से दुष्कर्म के मामले में आरोपित पादरी बजिंदर सिंह को मोहाली की अदालत ने ताउम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत के इस फैसले ने न सिर्फ पीड़िता को न्याय दिलाया, बल्कि समाज में उन लोगों के खिलाफ कड़ा संदेश भी दिया जो धर्म और आध्यात्मिकता के नाम पर अपने दुष्कर्मों को अंजाम देते हैं।
पादरी बजिंदर सिंह के खिलाफ यह मामला तब सामने आया जब एक वायरल वीडियो में पादरी को महिला से मारपीट करते हुए देखा गया था। इसके बाद मामले में तेजी से कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई, और अब अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए ताउम्र जेल की सजा सुनाई है। अदालत का यह फैसला महिलाओं और अन्य पीड़ितों के लिए एक जीत के रूप में देखा जा रहा है।
पादरी की दरिंदगी: मामला कैसे सामने आया
पादरी बजिंदर सिंह एक आध्यात्मिक गुरु के रूप में जाना जाता था। वह अपने अनुयायियों के बीच ‘पापा जी’ के नाम से प्रसिद्ध था और उसकी छवि एक आदर्श धार्मिक नेता की थी। लेकिन, जब यह मामला सामने आया, तो उसकी असलियत सबके सामने आई।
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो में पादरी बजिंदर सिंह महिला से मारपीट करते हुए दिखाई दे रहा था। 14 फरवरी को इस वीडियो की रिकॉर्डिंग की गई थी, लेकिन यह 16 मार्च को वायरल हुआ। वीडियो में महिला को थप्पड़ मारने के बाद पादरी ने महिला के चेहरे पर एक कॉपी फेंकी थी, जो उसकी क्रूरता को दर्शाता है। इसके अलावा, इस वीडियो में महिला के साथ एक बच्चा भी था, जिससे उसकी निर्दयता और अधिक उजागर हो रही थी।
यह महिला पादरी के पास काम करती थी और इस वीडियो के वायरल होने के बाद उसकी पीड़ा को सार्वजनिक रूप से उजागर किया गया। इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पादरी को गिरफ्तार किया।
अदालत का फैसला: ताउम्र कैद की सजा
मोहाली की अदालत ने पादरी बजिंदर सिंह को महिला से दुष्कर्म करने और मारपीट करने के आरोप में दोषी करार देते हुए ताउम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि इस प्रकार के अपराधों के लिए कड़ी सजा जरूरी है, ताकि समाज में यह संदेश जाए कि धर्म और आध्यात्मिकता के नाम पर किसी को भी शोषण करने का अधिकार नहीं है।
पीड़िता के वकील, एडवोकेट अनिल सागर ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजिंदर सिंह का अपराध गंभीर था, और इसलिए उसे कठोर सजा मिलनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, “जब इस तरह का अपराध एक आध्यात्मिक गुरु के रूप में स्थापित व्यक्ति द्वारा किया जाता है, तो समाज में उसके खिलाफ संदेश जाना बहुत जरूरी है। हम इस फैसले से संतुष्ट हैं और यह साबित करता है कि न्याय प्रणाली सही दिशा में काम कर रही है।”
पीड़िता की प्रतिक्रिया: ‘मैं जीत गई हूं’
कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद, पीड़िता कोर्ट में बेहोश हो गई थी, लेकिन कुछ समय बाद जब वह होश में आई, तो उसने मीडिया से कहा कि उसे अदालत पर पूरा विश्वास था। पीड़िता ने कहा, “मैं इस फैसले से बेहद खुश हूं। यह मेरी अकेले की जीत नहीं है। आज कई लड़कियों और पीड़ितों ने जीत हासिल की है। मुझे यकीन है कि अब और महिलाएं इस तरह के अपराधों के खिलाफ आवाज उठाएंगी।”
पीड़िता ने आगे कहा, “यह फैसला सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि सभी महिलाओं के लिए एक उदाहरण है कि अगर हम आवाज उठाएंगे, तो हम न्याय पा सकते हैं।”
हालांकि, पीड़िता ने यह भी कहा कि उसे अब भी डर है कि यदि पादरी बजिंदर सिंह जेल से बाहर आता है, तो वह फिर से अपराध कर सकता है। उसने पंजाब के डीजीपी से सुरक्षा की मांग की है। पीड़िता ने कहा, “मैं और मेरा परिवार हमेशा खतरे में रह सकते हैं, और ऐसे में हमें सुरक्षा की आवश्यकता है।”