
पंजाब के मोहाली जिले के जीरकपुर क्षेत्र में महिला से दुष्कर्म मामले में पास्टर बजिंदर सिंह को अदालत ने दोषी करार दिया है। अदालत ने आरोपी पास्टर को एक अप्रैल को सजा सुनाने का निर्णय लिया है। यह मामला लंबे समय से चर्चा में था, और पास्टर बजिंदर सिंह के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज था। मोहाली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पटियाला जेल भेज दिया है, जहां वह अपनी सजा का सामना करेगा।
इस मामले में कुल सात आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें पास्टर बजिंदर सिंह के साथ अकबर भट्टी, राजेश चौधरी, जतिंदर कुमार, सितार अली, संदीप पहलवान और सुच्चा सिंह शामिल थे। हालांकि, अदालत ने सबूतों के अभाव में पांच आरोपियों को बरी कर दिया। जबकि एक आरोपी, सुच्चा सिंह की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है।
पुलिस ने किया पास्टर की गिरफ्तारी
यह मामला तब सामने आया था जब पीड़िता ने जीरकपुर पुलिस स्टेशन में पास्टर बजिंदर सिंह सहित सात अन्य आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म और अन्य गंभीर आरोप लगाए थे। पुलिस ने पास्टर को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया, जब वह इंग्लैंड के बर्मिंघम शहर में होने वाले एक सेमिनार में भाग लेने के लिए यात्रा करने जा रहा था।
इस बीच, मामले से जुड़ी एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें पास्टर महिला के साथ मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे थे। यह वीडियो 14 फरवरी को रिकॉर्ड हुई थी, और 16 मार्च को यह वायरल हुई। वीडियो में महिला को पास्टर द्वारा थप्पड़ मारे जाते हुए दिखाया गया था, और बच्चे के साथ बैठी महिला के मुंह पर पास्टर ने कॉपी फेंक कर मारी थी। यह महिला पास्टर के पास काम करती थी, और इस घटना के बाद उसकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की।
अदालत ने की सुनवाई, दोषी करार
इस मामले में अदालत ने सुनवाई के बाद पास्टर बजिंदर सिंह को दोषी करार दिया। सोमवार को आरोपी पास्टर को अदालत में पेश किया गया था, और इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पास्टर के वकील एचएस धानोआ ने अदालत से यह अनुरोध किया था कि पास्टर को 3 मार्च को अस्पताल में भर्ती होने के कारण पेशी से छूट दी जाए। हालांकि, अदालत ने उनकी याचिका खारिज करते हुए पास्टर का गैर जमानती वारंट रद्द कर दिया। इसके बाद अगली सुनवाई के लिए 24 मार्च की तारीख तय की गई थी, और अदालत ने यह फैसला सुनाया कि पास्टर को दोषी ठहराया जाता है। इस फैसले के बाद पास्टर को पुलिस हिरासत में लेकर पटियाला जेल भेज दिया गया। अदालत ने अन्य पांच आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया, जबकि एक आरोपी, सुच्चा सिंह की ट्रायल के दौरान मृत्यु हो गई।
पीड़िता ने दी प्रतिक्रिया, सुरक्षा की मांग
पास्टर बजिंदर सिंह को दोषी करार दिए जाने के बाद पीड़िता ने मीडिया से बात करते हुए अपनी खुशी का इज़हार किया। पीड़िता ने कहा, “मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं। यह सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि कई लड़कियों की जीत है। आज के फैसले से कई पीड़ित लड़कियां और लड़के भी पास्टर बजिंदर सिंह के जाल से मुक्त होंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं यह चाहती हूं कि पास्टर बजिंदर सिंह हमेशा जेल में रहे, क्योंकि वह एक साइको है और अगर वह बाहर आया तो वह फिर से अपराध करेगा। मैं डीजीपी पंजाब से अनुरोध करती हूं कि मुझे और मेरे परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए, क्योंकि हम पर भविष्य में हमला हो सकता है। ऐसे कई झूठे मामले पहले भी हमारे खिलाफ दर्ज किए जा चुके हैं, और मुझे डर है कि भविष्य में फिर से ऐसा कुछ हो सकता है।”
पीड़िता ने अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पंजाब पुलिस से मदद मांगी, ताकि उसे और उसके परिवार को कोई खतरा न हो। इसके साथ ही उसने कहा कि यह सिर्फ उसका व्यक्तिगत संघर्ष नहीं था, बल्कि यह उन सभी लड़कियों का संघर्ष है जो ऐसे अपराधों का सामना करती हैं और न्याय की उम्मीद करती हैं।
आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई
इस मामले में पुलिस ने कुल सात आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था, जिसमें दुष्कर्म (धारा 376), धोखाधड़ी (धारा 420), यौन उत्पीड़न (धारा 354), और अन्य गंभीर धाराएं शामिल थीं। हालांकि, अदालत ने पांच आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इस फैसले के बाद पीड़िता और उसके परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ी है, हालांकि पीड़िता अब भी अपने और परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।