
उत्तराखंड में मानसून की दस्तक के साथ ही चारधाम यात्रा के प्रमुख स्थलों—केदारनाथ, बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब—की हेलीकॉप्टर सेवाएं फिलहाल के लिए रोक दी गई हैं। सुरक्षा कारणों और मौसम की प्रतिकूलता को देखते हुए नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हेली सेवा संचालन की अनुमति फिलहाल स्थगित कर दी है। इसके चलते 22 जून 2025 से आगे के लिए ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग बंद कर दी गई है।
मौसम की मार से थमी रोटर की गूंज
मानसून ने उत्तराखंड में आधिकारिक रूप से दस्तक दे दी है। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश, बादल फटना, भूस्खलन और घने कोहरे जैसी स्थितियां हेलीकॉप्टर सेवाओं के लिए गंभीर जोखिम पैदा करती हैं। इन्हीं आशंकाओं को देखते हुए, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और राज्य की उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) ने मिलकर यह निर्णय लिया है कि आगामी आदेश तक हेलीकॉप्टर सेवाओं को स्थगित किया जाएगा।
हेलीकॉप्टर संचालन का टाइमलाइन:
- केदारनाथ धाम के लिए: 2 मई से हेली सेवा गुप्तकाशी, सिरसी और फाटा हेलिपैड से संचालित की जा रही थी।
- हेमकुंड साहिब के लिए: 25 मई से गोविंदघाट से घांघरिया तक हेली सेवा शुरू हुई थी।
हादसों के बाद बढ़ी सतर्कता
इस बार की चारधाम यात्रा में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं ने चिंताओं को बढ़ा दिया है। 15 जून 2025 को केदारनाथ घाटी में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना हुई थी, जिसमें तकनीकी खामी और मौसम को मुख्य कारण माना गया। उस घटना के बाद से अब तक कोई भी हेलिकॉप्टर केदारनाथ के लिए उड़ान नहीं भर पाया है।
DGCA और यूकाडा (UCADA) ने इस बार ऑपरेटरों पर कड़ी निगरानी रखी है:
- हेली ऑपरेटरों को विस्तृत प्री-फ्लाइट चेकलिस्ट फॉलो करने के निर्देश दिए गए।
- सभी पायलटों और ऑपरेटरों के लिए स्पेशल ब्रिफिंग आयोजित की गई।
- रियल-टाइम वेदर मॉनिटरिंग और फ्लाइट ट्रैकिंग सिस्टम को मजबूत किया गया।
लेकिन इन उपायों के बावजूद, मौसम की अनिश्चितता के चलते सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई और हेली सेवाएं रोक दी गईं।
चारधाम यात्रियों को झटका
चारधाम यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवा, खासकर वरिष्ठ नागरिकों, बीमार यात्रियों और सीमित समय वाले श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी राहत मानी जाती है। अब इन सेवाओं के स्थगन से:
- यात्रियों को पैदल यात्रा का सहारा लेना होगा।
- बढ़ती भीड़ के कारण व्यवस्थाओं पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा।
- खासकर केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे कठिन ट्रैकिंग स्थलों पर यात्रा थोड़ी और कठिन हो सकती है।
उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे अपनी यात्रा की योजना को मौसम और प्रशासन की सलाह के अनुरूप बनाएं।
हेली टिकट बुकिंग पर तत्काल असर
चारधाम हेली सेवा के लिए ऑनलाइन टिकट IRCTC और अन्य सरकारी प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध थे। लेकिन 22 जून के बाद की सभी बुकिंग अस्थायी रूप से रोक दी गई हैं। यात्रियों को ईमेल और मैसेज के जरिए सूचित किया जा रहा है कि:
- आगे की बुकिंग रद्द कर दी गई है।
- जिन यात्रियों ने पहले से टिकट बुक कर लिए थे, उन्हें रिफंड दिया जाएगा।
- हेली सेवा 15 सितंबर 2025 के बाद मौसम की स्थिति सामान्य होने पर दोबारा शुरू की जाएगी।
प्रशासन की तैयारी और चेतावनी
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग, जिला प्रशासन, और यात्रा नियंत्रण कक्षों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
साथ ही, स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि:
- यात्रियों को समय पर मौसम की जानकारी दी जाए।
- ट्रैकिंग रूट्स पर मेडिकल और लॉजिस्टिक सपोर्ट बढ़ाया जाए।
- भूस्खलन संभावित स्थानों पर विशेष निगरानी रखी जाए।
केदारनाथ और हेमकुंड साहिब: मौसम की दृष्टि से संवेदनशील
केदारनाथ धाम (3,583 मीटर ऊंचाई)
- अक्सर घने कोहरे, अचानक बारिश और ओलावृष्टि का सामना करता है।
- रनवे और हेलिपैड पर फिसलन बढ़ जाती है।
हेमकुंड साहिब (4,329 मीटर ऊंचाई)
- हिमालय की गोद में स्थित इस पवित्र स्थल तक पहुंचना बेहद कठिन है।
- जुलाई-अगस्त में यहां भारी बारिश और तापमान में भारी गिरावट होती है।
इन कारणों से इन दोनों स्थलों पर हवाई सेवाओं का संचालन मानसून में जोखिम भरा होता है।
राज्य सरकार का रुख
उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही कहा था कि: “हमारी पहली प्राथमिकता श्रद्धालुओं की सुरक्षा है। हेलीकॉप्टर सेवाओं की समीक्षा लगातार हो रही है और हम डीजीसीए के दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन कर रहे हैं।” राज्य सरकार ने यात्रियों को ऑफलाइन यात्रा के विकल्प अपनाने और ट्रैकिंग गाइड्स व पोर्टर्स की सहायता लेने की सलाह दी है।