पंजाब में मानसून ने रविवार को जोरदार दस्तक दी, जिससे कई जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई। विशेष रूप से पठानकोट, अमृतसर और लुधियाना में तेज बारिश का दौर रहा, जिसने प्रदेशभर में मौसम का मिजाज बदल दिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आगामी दिनों में और अधिक इलाकों में मानसून के सक्रिय होने की चेतावनी जारी की है, साथ ही 25 जून को बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट भी घोषित किया गया है।
रविवार को मिली जानकारी के अनुसार, पठानकोट में 5.0 मिमी, अमृतसर में 39.0 मिमी और लुधियाना में 49.0 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। यह इस सीजन की अब तक की सबसे सक्रिय वर्षा मानी जा रही है। तेज बारिश से एक ओर जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली, वहीं दूसरी ओर कई इलाकों में जलभराव और यातायात में बाधा जैसी समस्याएं भी सामने आईं।
पूरे प्रदेश में फैलेगा मानसून
मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगले दो दिनों में मानसून पंजाब के अधिकांश हिस्सों को कवर कर लेगा। इसका मतलब है कि अब केवल सीमित जिलों में नहीं बल्कि समूचे राज्य में वर्षा की संभावना है। इस प्रक्रिया के तहत न सिर्फ धान की फसल को लाभ होगा, बल्कि लंबे समय से चल रही गर्म हवाओं और उमस से परेशान लोगों को भी राहत मिलेगी।
मौसम विभाग ने सोमवार से लेकर अगले छह दिनों तक पंजाब के कई जिलों में भारी बारिश और तेज़ आंधी-तूफान की चेतावनी जारी की है। विशेषकर 25 जून को संभावित बहुत भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। विभाग के अनुसार, इस दिन हवा की गति तेज होगी और बिजली गिरने की आशंका भी जताई जा रही है। प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी गई है और नागरिकों को भी घर से बाहर निकलने से पहले मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा करने की अपील की गई है।
बारिश के बाद तापमान में गिरावट
रविवार की बारिश ने तापमान में भी उल्लेखनीय बदलाव लाया। राज्य के औसत अधिकतम तापमान में 0.7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह सामान्य से 3.3 डिग्री नीचे चला गया। वहीं न्यूनतम तापमान में 1.2 डिग्री की बढ़ोतरी देखी गई, जो सामान्य से 3.2 डिग्री अधिक हो गया है।
राज्य में सबसे कम न्यूनतम तापमान गुरदासपुर में दर्ज किया गया, जहां रविवार को पारा 26.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। तापमान में यह परिवर्तन मौसमी अस्थिरता का संकेत देता है, जो मानसून की शुरुआती सक्रियता के दौरान सामान्य प्रक्रिया मानी जाती है।
किसानों के लिए राहत की खबर
मानसून की इस शुरुआत को राज्य के किसानों के लिए भी राहतकारी माना जा रहा है। विशेषकर धान की रोपाई कर रहे किसानों को बारिश का यह पानी बेहद मददगार साबित होगा। पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है और मानसून की बरसात पर यहां की खेती काफी हद तक निर्भर करती है। लंबे समय से सूखे जैसी स्थिति के चलते किसान चिंतित थे, लेकिन इस वर्षा ने उम्मीदों को नया जीवन दिया है।
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बारिश की मात्रा नियंत्रण में रही, तो यह लाभकारी होगी, लेकिन अत्यधिक और अनियमित वर्षा से फसलें प्रभावित भी हो सकती हैं। इसलिए किसानों को भी सतर्क रहकर मौसम पूर्वानुमान पर नजर बनाए रखने की सलाह दी गई है।
नागरिकों के लिए अलर्ट
राज्य प्रशासन ने मौसम विभाग की चेतावनियों को देखते हुए सभी जिला मुख्यालयों को अलर्ट रहने को कहा है। विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में जलभराव से निपटने के लिए नगर निगमों को निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, ग्रामीण इलाकों में बिजली व्यवस्था और सड़क संपर्क बनाए रखने के लिए विभागों को तैनात किया गया है।
स्थानीय नागरिकों को तेज बारिश और आंधी-तूफान के दौरान घरों में रहने, खुले में न जाएं और पेड़ों अथवा बिजली के खंभों से दूरी बनाए रखने की हिदायत दी गई है। साथ ही प्रशासनिक कंट्रोल रूम को चौबीसों घंटे सक्रिय रखने की योजना भी बनाई गई है।
मौसम का प्रभाव जनजीवन पर
बारिश के चलते रविवार को कई जगहों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। लुधियाना और अमृतसर में प्रमुख मार्गों पर पानी भरने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, कई स्कूली संस्थानों और दफ्तरों में भी उपस्थिति में गिरावट देखी गई क्योंकि लोग घरों में ही रहने को प्राथमिकता दे रहे थे।
बाजारों में भी भीड़ अपेक्षाकृत कम रही। हालांकि, ठंडी हवाओं और बारिश की फुहारों ने मौसम को सुहावना बना दिया, जिससे कई लोग परिवार संग घरों की छतों पर या बालकनियों में मौसम का आनंद लेते नजर आए।