
पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से सांसद और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत की अवधि एक साल और बढ़ाई जा सकती है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, पंजाब की भगवंत मान सरकार ने यह निर्णय लिया है, जिसकी आधिकारिक घोषणा जल्द की जा सकती है।
यह फैसला ऐसे समय में सामने आ रहा है जब अमृतपाल सिंह की डिब्रूगढ़ जेल में NSA के तहत हिरासत की अवधि 22 अप्रैल को पूरी हो रही है। यदि हिरासत बढ़ाई जाती है, तो यह उनकी दूसरी लगातार सालाना नजरबंदी होगी।
कौन हैं अमृतपाल सिंह?
32 वर्षीय अमृतपाल सिंह, 2023 में चर्चाओं में तब आए जब उन्होंने खालिस्तान समर्थक नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले की तरह खुद को प्रस्तुत करना शुरू किया। वह ‘वारिस पंजाब दे’ नामक संगठन के प्रमुख हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में खडूर साहिब से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की।
अमृतपाल की 23 अप्रैल, 2023 को मोगा जिले के रोडे गांव से गिरफ्तारी हुई थी। उस समय उन्होंने वेश बदल रखा था और वे करीब एक महीने तक फरार रहे थे। उन्हें डिब्रूगढ़ की उच्च सुरक्षा जेल में NSA के तहत रखा गया, जहां वह आज भी बंद हैं।
NSA के तहत हिरासत की पृष्ठभूमि
अमृतपाल सिंह और उनके नौ सहयोगियों को 23 फरवरी 2023 को अजनाला पुलिस स्टेशन हमले के बाद गिरफ्तार किया गया था। इस घटना में अमृतपाल के समर्थकों ने पंजाब पुलिस थाने पर हमला कर अपने एक साथी की रिहाई की मांग की थी। यह घटना राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करने वाली मानी गई थी।
इस हमले के बाद राज्य सरकार ने अमृतपाल और उसके सहयोगियों को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार कर असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेजा था, जो कि पंजाब से हजारों किलोमीटर दूर है।
सहयोगी वापस लाए जा चुके हैं पंजाब
हाल ही में, NSA के तहत गिरफ्तार अमृतपाल सिंह के नौ सहयोगियों की नजरबंदी समाप्त हो चुकी है और उन्हें पंजाब वापस लाया जा चुका है। इनकी पहचान इस प्रकार है:
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बसंत सिंह
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भगवंत सिंह उर्फ प्रधान मंत्री बाजेके
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गुरमीत सिंह गिल उर्फ गुरमीत बुक्कनवाला
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सरबजीत सिंह कलसी उर्फ दलजीत सिंह कलसी
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गुरिंदरपाल सिंह औजला उर्फ गुरी औजला
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हरजीत सिंह उर्फ चाचा कुलवंत सिंह
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धालीवाल उर्फ कुलवंत सिंह
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वरिंदर जोहल
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पप्पलप्रीत सिंह
हालांकि अमृतपाल को अभी भी असम की जेल में ही रखा गया है, जिससे साफ संकेत मिलता है कि सरकार उनकी गतिविधियों को लेकर अधिक सतर्क है और उनकी रिहाई को लेकर गंभीर सुरक्षा आशंकाएं हैं।
लोकसभा चुनाव में चौंकाने वाली जीत
NSA के तहत हिरासत में होने के बावजूद अमृतपाल सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव में खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भाग लिया और चौंकाने वाली जीत दर्ज की। इस जीत ने न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई, बल्कि पंजाब की सामाजिक-सांस्कृतिक स्थिति पर भी गंभीर प्रश्न उठाए।
उनकी जीत को पंजाब में बढ़ते अलगाववादी रुझानों और युवाओं के असंतोष से भी जोड़कर देखा गया। यह पहला अवसर था जब एक हिरासत में बंद नेता संसद के लिए निर्वाचित हुआ।