उत्तराखंड में आगामी 23 जनवरी को राज्य के 100 नगर निकायों में मतदान होगा, जिसमें प्रदेशभर के 5405 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाएंगे। इस चुनाव के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनावी सभाओं और रैलियों को प्रतिबंधित कर दिया है। चुनावी प्रचार केवल घर-घर जाकर वोट की अपील करने तक सीमित किया गया है। पोलिंग पार्टियों को भी जिलों में रवाना कर दिया गया है, और मतदान प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
प्रदेशभर में 5405 प्रत्याशी मैदान में
उत्तराखंड के नगर निकाय चुनाव में कुल 5405 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इनमें 11 नगर निगमों के मेयर पद के लिए 72 प्रत्याशी, 89 नगर पालिका और नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों के लिए 445 प्रत्याशी, और सभी निकायों में पार्षद एवं वार्ड सदस्य पदों के लिए 4888 प्रत्याशी चुनावी समर में हैं। इन प्रत्याशियों का भाग्य 23 जनवरी को मतपेटियों में बंद होगा, और यह दिन प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में अहम साबित होने वाला है।
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस चुनाव में सभी मतदाताओं को अपनी जिम्मेदारी निभाने की अपील की गई है, ताकि प्रदेश में लोकतंत्र की मजबूत नींव रखी जा सके। आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष हो, ताकि हर वोट का सम्मान किया जा सके।
चुनावी प्रचार में कड़े प्रतिबंध
उत्तराखंड के नगर निकाय चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा चुनावी प्रचार में किसी भी प्रकार की सभाओं और रैलियों की अनुमति नहीं दी गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए यह निर्णय लिया है। अब प्रत्याशी केवल मतदाताओं के घर-घर जाकर अपनी वोट की अपील करेंगे। यह कदम कोविड-19 के प्रसार को रोकने और चुनावी प्रक्रिया को सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है।
चुनाव आयोग ने इस संबंध में सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि चुनावी प्रचार की प्रक्रिया पूरी तरह से नियमों के तहत हो। कोई भी प्रत्याशी अगर चुनावी सभाएं या रैलियां आयोजित करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, मतदान के दिन भी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा, ताकि सभी मतदाता सुरक्षित रूप से मतदान कर सकें।
23 जनवरी को प्रदेशभर में अवकाश
उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर 23 जनवरी को पूरे प्रदेश में सरकारी और निजी संस्थानों में अवकाश रहेगा। राज्य के सचिव विनोद कुमार सुमन ने मंगलवार को इस संबंध में संशोधित आदेश जारी किया। पहले यह आदेश केवल नगर निकाय क्षेत्रों में ही अवकाश की व्यवस्था को लेकर था, लेकिन अब यह आदेश पूरे राज्य के लिए लागू किया गया है।
इस आदेश के अनुसार, 23 जनवरी को राज्य के सभी सरकारी कार्यालय, शिक्षण संस्थान, अर्द्ध-शासकीय संस्थान, निगम, परिषद, वाणिज्यिक और निजी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। इसके साथ ही, राज्य के सभी बैंक, कोषागार और उप कोषागार भी बंद रहेंगे।
कारखानों और श्रमिकों के लिए अवकाश
सचिव श्रम डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने भी एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें बताया गया है कि कारखानों में यदि 23 जनवरी को अवकाश नहीं दिया जाता है तो कर्मचारियों को सवेतन अवकाश दिया जाएगा, ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। अविरल प्रक्रिया वाले कारखानों में यह जिम्मेदारी कारखाना प्रबंधकों की होगी कि वे अपने कर्मचारियों को मतदान का समुचित अवसर प्रदान करें। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि कोई भी व्यक्ति मतदान से वंचित न हो।
मतदान प्रक्रिया की तैयारी
जिलों में मतदान के लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है। पोलिंग पार्टियां समय से पहले ही अपने-अपने मतदान केंद्रों के लिए रवाना हो चुकी हैं। मतदान के दिन शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती की जाएगी। खासतौर पर संवेदनशील मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की जाएगी, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को टाला जा सके।
इसके अलावा, सभी मतदान केंद्रों पर कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर मास्क पहनकर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मतदान करना होगा। इसके अलावा, चुनावी अधिकारियों ने सभी मतदाताओं को मतदान के दिन अपनी पहचान प्रमाण पत्र (मतदाता पहचान पत्र) साथ लाने की सलाह दी है।