शारदीय नवरात्रि, देवी दुर्गा और उनके नौ दिव्य रूपों की पूजा का एक विशेष पर्व है, जो पूरे भारत और दुनिया भर में भक्तों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 3 अक्तूबर से 17 अक्तूबर 2024 तक चलेगा। इस दौरान भक्तगण न केवल भक्ति भाव से देवी की आराधना करते हैं, बल्कि अपने जीवन में शुद्धता और स्वास्थ्य के प्रति भी सजग रहते हैं। उपवास इस दौरान का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसे कई भक्तगण अपनाते हैं।
उपवास का तात्पर्य केवल भोजन से परहेज करना नहीं है, बल्कि यह एक आत्म-नियंत्रण, शुद्धता और ध्यान की प्रक्रिया भी है। भक्तगण उपवास के माध्यम से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को प्रोत्साहित करने का प्रयास करते हैं। लेकिन इस दौरान कई लोग एसिडिटी और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करते हैं।
उपवास और एसिडिटी: एक स्वास्थ्य संबंधी दृष्टिकोण
उपवास के दौरान भोजन नहीं करने से गैस्ट्रिक एसिड का निर्माण बढ़ सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, यह एसिड सीधे एसोफैजियल म्यूकोसा को परेशान कर सकता है, जिससे हार्टबर्न या रेट्रोस्टर्नल जलन की समस्या हो सकती है।
हालांकि, कुछ अध्ययन यह भी बताते हैं कि उपवास, विशेष रूप से आंतरायिक उपवास, एसिडिटी और हार्टबर्न में सुधार कर सकता है। ‘जर्नल ऑफ क्लिनिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी’ में प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि एक निर्धारित पैटर्न में खाना या उपवास करने से गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) के लक्षणों में सुधार हो सकता है। जैसे कि 16 घंटे का उपवास और उसके बाद 8 घंटे में भोजन करना।
उपवास के दौरान स्वास्थ्य को बनाए रखने के उपाय
उपवास के दौरान यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आप भरपूर मात्रा में पानी और जूस का सेवन करें। पानी से भरपूर फल जैसे तरबूज और खीरे शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं। इसके साथ ही छाछ और ठंडा दूध इलेक्ट्रोलाइट्स का एक प्राकृतिक स्रोत प्रदान करते हैं, जो पाचन तंत्र पर सुखदायक प्रभाव डालते हैं।
हार्टबर्न और उल्टी को कम करने के उपाय
रिसर्च के अनुसार, यदि उपवास के दौरान लोग कुछ विशेष नियमों का पालन करें, तो वे एसिड के संपर्क में कमी और हार्टबर्न और उल्टी के लक्षणों में राहत पा सकते हैं। गुनगुना पानी पीने से हाइड्रेशन और पाचन में सहायता मिलती है। इसके अलावा, पुदीना या कैमोमाइल चाय को अपने उपवास के बाद की दिनचर्या में शामिल करने पर विचार करें, क्योंकि ये हर्बल इन्फ्यूजन असुविधा को कम करने और पेट के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
उपवास को तोड़ने का सही तरीका
जब आप अपना उपवास तोड़ते हैं, तो आसानी से पचने वाले, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे फलों और सब्जियों पर ध्यान देना चाहिए। बादाम और अन्य जटिल कार्बोहाइड्रेट निरंतर ऊर्जा प्रदान करते हैं और स्वस्थ पाचन में सहायता करते हैं।
पाचन समस्याओं से निपटने के लिए प्राकृतिक उपाय
गर्म पानी में एक चम्मच सौंफ के बीज, काला जीरा या लौंग मिलाकर पीने से सूजन, अपच, मतली और कब्ज को नियंत्रित