पंजाब की जेलों में महिला कैदियों के बच्चों के लिए एक नया और अभिनव कदम उठाया जा रहा है। सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने फरीदकोट जेल के दौरे के दौरान इस बात का ऐलान किया कि महिला कैदियों के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में नामांकित कर उन्हें पोषक आहार और प्रारंभिक शिक्षा देने के प्रयास किए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य महिला कैदियों और उनके बच्चों के समग्र विकास के लिए आवश्यक संसाधन और अवसर उपलब्ध कराना है।
महिला कैदियों के बच्चों को मिलेगा आंगनवाड़ी का लाभ
पंजाब सरकार की यह पहल महिला कैदियों के बच्चों के लिए एक अहम अवसर साबित हो सकती है। डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि फरीदकोट जेल में यह कदम उठाने के बाद पंजाब की अन्य जेलों में भी इसी प्रकार के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जेलों में रह रही महिला कैदियों के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में दाखिला दिलाने और उन्हें पूरक पोषण कार्यक्रम का लाभ देने का काम तेजी से किया जाएगा। इसके अलावा, बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा से भी जोड़ा जाएगा ताकि वे अपने विकास में पिछड़ न जाएं और भविष्य में बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें।
डॉ. बलजीत कौर ने कहा, “हमारी यह पहल महिला कैदियों और उनके बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। महिलाओं के साथ-साथ उनके बच्चों के भविष्य को भी संवारने की दिशा में काम किया जा रहा है।”
कैदी महिलाओं के कौशल विकास के लिए कदम
फरीदकोट जेल में अपनी कैदी महिलाओं से मुलाकात करने के बाद, मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने यह भी बताया कि पंजाब सरकार महिला कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है। इसके तहत, जेल में महिला कैदियों को सिलाई और कढ़ाई जैसे कौशल विकास के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। इस सिलाई केंद्र के माध्यम से महिलाओं को न केवल रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, बल्कि उनके आत्म-सम्मान को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि महिला कैदियों को न केवल जेल के भीतर ही सशक्त किया जाए, बल्कि उन्हें जेल से बाहर की जिंदगी के लिए भी तैयार किया जाए। इस कौशल विकास केंद्र से उन्हें अपनी आजीविका अर्जित करने और आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।”
सांस्कृतिक कार्यक्रम और सामाजिक जागरूकता
फरीदकोट जेल में डॉ. बलजीत कौर के दौरे के दौरान एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिला कैदियों को मानसिक और भावनात्मक रूप से सशक्त बनाना था। सांस्कृतिक गतिविधियां मानसिक संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, और यह महिला कैदियों के लिए एक रचनात्मक माध्यम साबित हो सकती है।
इसके अलावा, मंत्री ने यह भी बताया कि पंजाब सरकार महिला रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता शिविरों का आयोजन कर रही है। इन शिविरों के माध्यम से महिलाएं अपनी योग्यता के अनुसार विभिन्न पेशों में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकती हैं, जिससे वे अपने परिवारों को आर्थिक रूप से मदद कर सकें।
जेलों में महिलाओं के स्वास्थ्य और बच्चों की स्थिति का निरीक्षण
फरीदकोट जेल में किए गए अपने दौरे के दौरान डॉ. बलजीत कौर ने जेल में महिला कैदियों के स्वास्थ्य की जांच की। इसके साथ ही, उन्होंने महिलाओं की शारीरिक स्थिति और उनके बच्चों को प्रदान की जा रही सुविधाओं का भी आकलन किया। यह कदम महिला कैदियों और उनके बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को समय पर पहचानने और उनका समाधान करने में मदद करेगा।
उन्होंने यह भी कहा, “पंजाब को प्रगति की ओर ले जाने के लिए हमें महिलाओं और बच्चों को भी साथ लेकर चलना होगा। महिला कैदियों के बच्चों का सही पोषण और शिक्षा उनके भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।”
सरकार की योजनाओं का विस्तार
डॉ. बलजीत कौर ने राज्य सरकार की अन्य योजनाओं का भी उल्लेख किया, जिनका उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के जीवन स्तर को सुधारना है। इनमें से एक प्रमुख योजना ‘माता-रानी-शक्ति योजना’ है, जिसके तहत राज्य सरकार महिलाओं को कौशल विकास, रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्रदान कर रही है। इसके अतिरिक्त, ‘पोषण अभियान’ के तहत राज्य भर में बच्चों और माताओं को पोषण संबंधी जानकारी और सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए लगातार नए उपाय और योजनाएं ला रही है। उनका उद्देश्य हर महिला और बच्चे को जीवन की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है, ताकि वे समाज में समान अवसरों का लाभ उठा सकें।
एसएसपी और महिला एवं बाल विकास विभाग की भागीदारी
इस दौरे के दौरान मंत्री के साथ सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक डॉ. शेना अग्रवाल और फरीदकोट की एसएसपी डॉ. प्रज्ञा जैन भी विशेष रूप से मौजूद थीं। इन अधिकारियों ने मंत्री के साथ मिलकर महिला कैदियों और उनके बच्चों के लिए भविष्य में की जाने वाली सुविधाओं और योजनाओं पर चर्चा की।
डॉ. शेना अग्रवाल ने बताया, “हमारी प्राथमिकता है कि महिला कैदियों और उनके बच्चों को समाज में पुनः स्थापित किया जाए, और उन्हें किसी भी तरह की सुविधाओं से वंचित न रखा जाए। हम लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं।”