
भारत में छिपे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के जासूसी नेटवर्क पर अब नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने अपनी पड़ताल तेज़ कर दी है। पंजाब में हाल के दिनों में गिरफ्तार किए गए 11 जासूसों, यूट्यूबरों और ब्लॉगरों के तार सीधे पाकिस्तान से जुड़ते पाए गए हैं, जिनमें से कई भारतीय सेना की संवेदनशील जानकारी लीक करने में शामिल थे। अब इन मामलों की गंभीर और समन्वित जांच NIA के हाथों में सौंप दी गई है।
एक वरिष्ठ एनआईए अधिकारी के मुताबिक, इन गिरफ्तारियों के बाद केंद्र सरकार ने एजेंसी को इन मामलों में गहन जांच करने का आदेश दिया है। इन गिरफ्तारियों का संबंध सिर्फ सीमावर्ती राज्यों तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय जासूसी नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं, जिसकी कमान पाकिस्तान के आईएसआई के हाथों में है।
NIA की एंट्री: पंजाब पुलिस से साझा होंगे सबूत
एनआईए के वरिष्ठ अधिकारी और आईजी रैंक के आईपीएस सदानंद दाते ने इस केस की निगरानी शुरू कर दी है। उन्होंने पंजाब के डीजीपी गौरव यादव से इस मुद्दे पर विस्तृत बातचीत की है। अब जल्द ही पंजाब पुलिस द्वारा पकड़े गए जासूसों से जुड़ी सभी जांच रिपोर्ट, तकनीकी सबूत और पूछताछ के ब्योरे NIA के साथ साझा किए जाएंगे।
एनआईए का फोकस इस पूरे जासूसी नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने और इसके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन को उजागर करने पर है। एजेंसी यह भी जांच करेगी कि क्या इन लोगों को पाकिस्तान से धन, संसाधन या अन्य सहयोग प्राप्त हो रहा था।
कौन-कौन हैं ये जासूस? पंजाब पुलिस की बड़ी कार्रवाई
1. जसबीर सिंह (रूपनगर, 4 जून को गिरफ्तार)
यूट्यूबर जसबीर सिंह अपने चैनल के जरिए सोशल मीडिया पर एक्टिव था, लेकिन परदे के पीछे वह आईएसआई एजेंट्स के संपर्क में रहकर संवेदनशील सूचनाएं साझा करता था। उसके पास से बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में कई संदिग्ध डेटा और संपर्क नंबर मिले हैं।
2. गगनदीप सिंह उर्फ गगन (तरनतारन, 3 जून को गिरफ्तार)
गगन का संपर्क सीधे पाकिस्तानी एजेंट गोपाल सिंह चावला से था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वह सेना की मूवमेंट से संबंधित जानकारी लीक कर रहा था। उसके मोबाइल से 20 आईएसआई पीआईओ (पर्सनल इंटेलिजेंस ऑपरेटिव) के संपर्क नंबर मिले हैं।
3. सुखप्रीत सिंह और करनबीर सिंह (गुरदासपुर, 15 मई को गिरफ्तार)
ये दोनों पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सेना की गतिविधियों पर नजर रखकर जानकारी पाकिस्तान को भेजते थे। प्रारंभिक पूछताछ में इन्होंने कई सैन्य स्थलों की फोटोग्राफी और वीडियो रिकॉर्डिंग की बात स्वीकार की है।
4. दो अज्ञात जासूस (मलेरकोटला, 11 मई को गिरफ्तार)
इनकी पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन पुलिस सूत्रों के अनुसार ये नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन में कार्यरत अधिकारियों के संपर्क में थे। इनका काम भारतीय रक्षा मंत्रालय से जुड़ी सूचनाएं जुटाना और विदेश भेजना था।
5. पलक शेर मसीह और सूरज मसीह (अमृतसर, 3 मई को गिरफ्तार)
दोनों अमृतसर एयरबेस और कैंट इलाके की तस्वीरें और वीडियो पाकिस्तान भेज रहे थे। इनके पास से ड्रोन्स, स्पाइ कैमरा और अन्य जासूसी उपकरण भी बरामद हुए हैं