
चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का उत्साह चरम पर है और इसका सीधा असर पंजीकरण प्रणाली पर पड़ रहा है। ऑनलाइन स्लॉट्स के फुल हो जाने के बाद अब श्रद्धालु बड़ी संख्या में ऑफलाइन पंजीकरण की ओर रुख कर रहे हैं। बीते बृहस्पतिवार को पहली बार एक ही दिन में रिकॉर्ड 27,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने ऑफलाइन पंजीकरण कराया, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
पर्यटन विभाग के अनुसार, अब तक कुल 31 लाख से अधिक तीर्थयात्री इस वर्ष के चारधाम यात्रा सत्र के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पंजीकरण करा चुके हैं। इनमें से 12 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम के दर्शन भी कर चुके हैं। तीर्थ यात्रियों की लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
मई-जून के ऑनलाइन स्लॉट फुल, ऑफलाइन विकल्प बना सहारा
चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 20 मार्च से शुरू किया गया था। लेकिन मई और जून जैसे व्यस्त महीनों के लिए सभी ऑनलाइन स्लॉट बहुत पहले ही बुक हो चुके हैं। ऐसे में हजारों श्रद्धालु अब ऑफलाइन पंजीकरण केंद्रों की ओर रुख कर रहे हैं। 28 अप्रैल से हरिद्वार, ऋषिकेश, हरबर्टपुर और नया गांव (विकासनगर) में विशेष केंद्रों के माध्यम से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई।
नोडल अधिकारी योगेंद्र गंगवार ने बताया, “ऑफलाइन पंजीकरण में तेजी आई है और हम इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। हमारी कोशिश है कि किसी भी श्रद्धालु को पंजीकरण में कोई परेशानी न हो, इसके लिए सभी केंद्रों पर पर्याप्त स्टाफ और तकनीकी व्यवस्थाएं तैनात की गई हैं।”
भीड़ नियंत्रण के लिए डिजिटल और फिजिकल सिस्टम दोनों पर फोकस
इस बार राज्य सरकार और पर्यटन विभाग ने भीड़ नियंत्रण को लेकर हाईटेक उपाय अपनाए हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से लेकर ट्रैकिंग सिस्टम और ऑफलाइन काउंटर तक हर स्तर पर योजनाबद्ध व्यवस्था लागू की गई है।
ऑनलाइन प्रणाली में सफलता के बाद अब ऑफलाइन व्यवस्था को भी डिजिटल टूल्स से जोड़ा गया है। रजिस्ट्रेशन केंद्रों पर कंप्यूटरीकृत सिस्टम लगाए गए हैं जिससे हर यात्री का डेटा तुरंत अपडेट किया जा सके।
योगेंद्र गंगवार ने बताया, “हमारी टीम हर रजिस्ट्रेशन को डिजिटल फॉर्मेट में स्टोर कर रही है ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत जानकारी हासिल की जा सके। किसी भी केंद्र पर 10 मिनट से ज्यादा की प्रतीक्षा न हो, इसके लिए अलग-अलग खिड़कियों पर श्रेणियों के अनुसार लाइनें लगाई गई हैं।”
प्रभाव: तीर्थाटन के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी संजीवनी
चारधाम यात्रा उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिए एक रीढ़ की हड्डी मानी जाती है। पर्यटन, होटल व्यवसाय, ट्रांसपोर्ट, और स्थानीय बाजार इस यात्रा के दौरान सक्रिय हो जाते हैं। तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या ने स्थानीय व्यापार को भी एक नई ऊर्जा दी है।
हरिद्वार और ऋषिकेश के होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि इस बार मई और जून के लिए होटल बुकिंग 90% से अधिक हो चुकी है। वहीं टैक्सी यूनियन ने बताया कि चारधाम मार्गों पर 50% से अधिक गाड़ियां लगातार बुक चल रही हैं।
आने वाले दिनों में और बढ़ेगा दबाव
गंगवार ने बताया कि आगामी जून में गर्मी की छुट्टियों के चलते और अधिक तीर्थयात्री उत्तराखंड का रुख करेंगे। ऐसे में ऑफलाइन पंजीकरण की संख्या में और बढ़ोतरी संभावित है। “हमारी कोशिश है कि यात्रा मार्गों पर यातायात सुचारु बना रहे और किसी भी तीर्थयात्री को असुविधा न हो।”
प्रशासन ने इन रूटों पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए विशेष पुलिस टीम और ड्रोन निगरानी भी शुरू की है। चारधाम यात्रा मार्गों पर हेल्थ पोस्ट, फूड स्टेशन, मोबाइल टॉयलेट्स जैसी बुनियादी सुविधाओं को भी सुदृढ़ किया गया है।
रजिस्ट्रेशन के बिना प्रवेश नहीं
सरकार की नीति स्पष्ट है कि बिना रजिस्ट्रेशन के किसी को चारधाम यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। चेक पोस्ट पर यात्रियों के पंजीकरण की जांच की जा रही है और बिना पंजीकरण वाले यात्रियों को प्रवेश से रोका जा रहा है। इससे यात्रा मार्गों पर अनावश्यक भीड़ कम करने में मदद मिल रही है।