
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य नागरिक अलंकरण समारोह-I में वर्ष 2025 के पद्म पुरस्कारों के पहले चरण के विजेताओं को सम्मानित किया। समारोह में 71 विशिष्ट हस्तियों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कारों से नवाजा गया। इस वर्ष कुल 139 लोगों को पद्म पुरस्कारों के लिए चुना गया है, जिनमें से पहले चरण में ये सम्मान वितरित किए गए।
समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, और कई अन्य गणमान्य अतिथि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। राष्ट्रपति भवन का ऐतिहासिक दरबार हॉल इस अवसर पर देशभक्ति, सम्मान और गौरव की भावना से ओतप्रोत दिखाई दिया।
पद्म विभूषण से सम्मानित हस्तियां
1. एम. टी. वासुदेवन नायर (मरणोपरांत) — साहित्य एवं सिनेमा
प्रसिद्ध मलयालम लेखक, पटकथा लेखक और निर्देशक एम. टी. वासुदेवन नायर को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। वे मलयालम साहित्य और सिनेमा में अपनी गहरी छाप छोड़ने के लिए जाने जाते हैं। नायर को उनके कथा लेखन, पटकथाओं और सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना से भरे लेखन के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया। वह अमर उजाला शब्द सम्मान के सर्वोच्च अलंकरण ‘आकाशदीप’ से भी पूर्व में सम्मानित किए जा चुके हैं। उनके परिवार की ओर से उनके बेटे ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।
2. डॉ. लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम — संगीत
विश्वविख्यात वायलिन वादक डॉ. लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम को कला और संगीत के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए पद्म विभूषण से नवाजा गया। वे कर्नाटक संगीत के उस्ताद हैं और पश्चिमी शास्त्रीय संगीत में भी निपुण हैं। उनकी रचनात्मकता और तकनीकी दक्षता ने उन्हें भारत ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विशिष्ट पहचान दिलाई है। राष्ट्रपति ने मंच पर उन्हें व्यक्तिगत रूप से सम्मानित करते हुए संगीत के क्षेत्र में उनकी विरासत को प्रणाम किया।
3. ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत) — व्यापार और उद्योग
सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन ओसामु सुजुकी को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। उन्होंने भारत में मारुति-सुजुकी के माध्यम से ऑटोमोबाइल उद्योग की दिशा बदल दी। वे भारत को अपना ‘दूसरा घर’ मानते थे और उन्होंने भारत-जापान औद्योगिक संबंधों को एक नई ऊंचाई दी। उनका यह सम्मान उनके पुत्र और मौजूदा सीईओ तोशीहिरो सुजुकी ने ग्रहण किया। राष्ट्रपति मुर्मु ने इस अवसर पर कहा, “ओसामु सुजुकी ने भारत की औद्योगिक प्रगति में सilent revolution लाया।”
पद्म भूषण सम्मानित
विनोद कुमार धाम — विज्ञान और प्रौद्योगिकी
भारतीय-अमेरिकी टेक्नोलॉजिस्ट विनोद धाम, जिन्हें दुनिया ‘पेंटियम चिप के जनक’ के नाम से जानती है, को विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। धाम ने न केवल तकनीकी नवाचार को गति दी, बल्कि भारत-अमेरिका टेक्नोलॉजिकल सहयोग को भी मजबूत किया। वह युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो विश्व मंच पर भारत की छवि को तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बनाना चाहते हैं।
पद्म श्री सम्मानित
स्टीफन नैप — साहित्य और शिक्षा
अमेरिकी लेखक और वैदिक विद्वान स्टीफन नैप को भारत की वैदिक संस्कृति और अध्यात्म पर उनके समर्पित लेखन और शोध के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया। नैप ने अपने लेखों और पुस्तकों के माध्यम से पश्चिमी समाज में हिंदू धर्म, भगवद गीता और योग दर्शन का गहन प्रचार-प्रसार किया है। उन्होंने समारोह के दौरान कहा, “भारत मेरी आत्मा से जुड़ा देश है। इस सम्मान को मैं भारत माता के आशीर्वाद के रूप में स्वीकार करता हूं।”
राष्ट्रपति मुर्मु का संदेश
राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा, “पद्म पुरस्कार न केवल सम्मान हैं, बल्कि यह प्रेरणा का स्रोत हैं। ये उन लोगों को पहचान दिलाते हैं जिन्होंने निस्वार्थ भाव से समाज और राष्ट्र के लिए कार्य किया है।” उन्होंने कहा कि देश को गर्व है कि वह ऐसे सच्चे कर्मयोगियों को सम्मानित कर रहा है जिन्होंने अपनी पहचान से अधिक समाज और संस्कृति को महत्व दिया।