
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद दिल्ली और आसपास की ट्रैवल इंडस्ट्री पर इसका गहरा असर देखने को मिला है। पर्यटन कंपनियों ने बुधवार को बताया कि कश्मीर के लिए लगभग 90 प्रतिशत बुकिंग रद्द कर दी गई हैं। इस हमले ने जहां घाटी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं पर्यटकों में डर का माहौल भी बना दिया है।
मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे, आतंकियों ने पहलगाम की प्रसिद्ध बायसरन घाटी में घात लगाकर हमला किया। सुरक्षाबलों के अनुसार, आतंकी पहाड़ियों से उतरकर आए और घाटी में सैर कर रहे पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। इस हमले में कम से कम 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। मृतकों में दो स्थानीय नागरिक और दो विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
दिल्ली की ट्रैवल इंडस्ट्री पर पड़ा सीधा असर
दिल्ली की कई प्रमुख ट्रैवल एजेंसियों ने इस घटना के बाद बुकिंग कैंसलेशन की बाढ़ की जानकारी दी है। कॉनॉट प्लेस स्थित स्वान ट्रैवलर्स के मालिक गौरव राठी ने बताया कि उनकी कंपनी को कम से कम 25 पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद्द करने को कहा है। “लोग डरे हुए हैं। मई में बहुत से परिवार गर्मियों की छुट्टियों में कश्मीर की सैर की योजना बना रहे थे, लेकिन अब कोई भी वहां जाने को तैयार नहीं है,” राठी ने बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ बुकिंग नॉन-रिफंडेबल थीं, लेकिन हालात को देखते हुए उन्होंने अधिकतर ग्राहकों को रिफंड देने का फैसला किया है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
अधिकांश पर्यटन स्थलों की बुकिंग रद्द
दिल्ली के ही एक अन्य ट्रैवल ऑपरेटर कर्तिक वर्मा, जो गुड गाइड टूर्स एंड ट्रैवल्स चलाते हैं, ने बताया कि उनकी कंपनी के पास मई और जून के लिए कश्मीर की 20 से अधिक बुकिंग थीं। “लगभग सभी बुकिंग्स रद्द हो गई हैं। लोग कह रहे हैं कि वे अपने परिवार को ऐसी जगह नहीं ले जा सकते जहां जान का भरोसा न हो। लोगों की पहली मांग है कि उनका पूरा पैसा वापस किया जाए,” वर्मा ने बताया।
उन्होंने यह भी बताया कि फ्लाइट और होटल की बहुत सी बुकिंग्स नॉन-रिफंडेबल थीं, जिससे ट्रैवल कंपनियों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
धार्मिक यात्राएं भी प्रभावित
स्वास्तिक ट्रैवल्स के मालिक ने बताया कि अब लोग जम्मू जाने से भी डरने लगे हैं। उन्होंने बताया कि “केवल कश्मीर ही नहीं, अब माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए कटड़ा जाने वाले सात परिवारों ने भी अपनी बुकिंग रद्द कर दी है। जम्मू तक की यात्रा भी अब लोगों को असुरक्षित लग रही है।”
उनका मानना है कि एक बार जब ऐसा हमला होता है, तो उसका असर केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहता। पूरा पर्यटन सेक्टर इस डर की लहर से प्रभावित होता है।
परिवहन सेवाएं और बुकिंग पर रोक
दिल्ली स्थित AJ टूर्स एंड ट्रैवल्स के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि श्रीनगर ट्रैवल एसोसिएशन ने एक आपात बैठक कर जम्मू-कश्मीर में सभी ट्रैवल टिकट बुकिंग और परिवहन सेवाओं को अस्थायी रूप से रोकने के निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत हवाई, रेल और सड़क मार्ग से कश्मीर जाने वाली बुकिंग्स पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
घाटी में पर्यटन उद्योग को गहरा झटका
कश्मीर को अक्सर ‘धरती का स्वर्ग’ कहा जाता है और गर्मियों में हजारों की संख्या में पर्यटक दिल्ली और अन्य मैदानी क्षेत्रों से यहां आते हैं। बायसरन घाटी, गुलमर्ग, हजन वैली और श्रीनगर के ट्यूलिप गार्डन जैसे स्थान मई-जून में सैलानियों से गुलजार रहते हैं।
लेकिन अब ट्रैवल कंपनियों और होटल व्यवसायियों के लिए यह सीजन निराशा लेकर आया है। सिर्फ दिल्ली ही नहीं, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु जैसे शहरों से भी कैंसलेशन की खबरें आने लगी हैं। कश्मीर के होटल एसोसिएशन के अनुसार, इस हमले के बाद बुकिंग में 85-90% की गिरावट आई है।
आर्थिक नुकसान और रोजगार पर प्रभाव
घाटी में पर्यटन उद्योग लाखों लोगों के रोजगार का मुख्य साधन है। टैक्सी चालकों, होटल कर्मचारियों, स्थानीय गाइड्स, हस्तशिल्प विक्रेताओं और हाउसबोट संचालकों का जीवन इसी उद्योग पर निर्भर है। अब जब पर्यटक रद्दीकरण कर रहे हैं, तो यह वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है।
दिल्ली की ट्रैवल कंपनियों ने बताया कि उन्हें 20-30% का तात्कालिक आर्थिक नुकसान हुआ है। और यदि यह रुझान जारी रहा, तो नुकसान करोड़ों में पहुंच सकता है।
सरकारी प्रतिक्रिया और सुरक्षा उपाय
हमले के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उच्च स्तरीय बैठक की। घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं। पहलगाम, गुलमर्ग और श्रीनगर जैसे पर्यटन स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है। साथ ही, केंद्र सरकार ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि “आतंकवाद को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस हमले की जांच NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को सौंपी गई है और जल्द ही इसमें शामिल आतंकियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने की कोशिश की जा रही है।