
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुई आतंकवादी वारदात के बाद पूरे केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा हालात और ज्यादा सख्त हो गए हैं। सुरक्षा बल अब पूरी तरह से एक्शन मोड में आ चुके हैं। शनिवार को हंदवाड़ा पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत से जुड़े मामलों की जांच के सिलसिले में जिले के कई इलाकों में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया।
यह तलाशी अभियान गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम — UAPA — के तहत दर्ज एक एफआईआर के आधार पर किया गया। पुलिस को संगठन के कुछ सदस्यों की गतिविधियों और उनके प्रतिबंधों के बावजूद जारी आपराधिक संलिप्तता की पुख्ता जानकारी मिली थी, जिसके बाद यह कार्रवाई तेज़ की गई।
प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ कार्रवाई
तहरीक-ए-हुर्रियत एक अलगाववादी संगठन है जिसे केंद्र सरकार ने साल 2023 में प्रतिबंधित कर दिया था। यह संगठन लंबे समय से जम्मू-कश्मीर में भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़ा रहा है। हंदवाड़ा पुलिस का कहना है कि उनके पास संगठन से जुड़े कुछ सक्रिय सदस्यों की गतिविधियों की स्पष्ट जानकारी थी, जो घाटी में हालात को फिर से अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी के चलते शनिवार को अलग-अलग इलाकों में तलाशी ली गई और संभावित ठिकानों को खंगाला गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, तलाशी के दौरान कुछ डिजिटल उपकरण और दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं, जिन्हें अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। इसके जरिए आतंकवाद से जुड़े नेटवर्क और उसकी गहराई की जांच की जा रही है।
अनंतनाग में 175 संदिग्ध गिरफ्तार
इधर पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में भी बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया है। इस तलाशी अभियान के दौरान अब तक 175 संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ये सभी संदिग्ध इलाके के अलग-अलग गांवों और कस्बों से पकड़े गए हैं। सुरक्षा एजेंसियां इनसे लगातार पूछताछ कर रही हैं ताकि हमले से जुड़े नेटवर्क और साजिश का पर्दाफाश किया जा सके।
प्रशासन का कहना है कि यह ऑपरेशन पूरी तरह से कानून के दायरे में किया जा रहा है और इसका मकसद केवल देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। अधिकारियों ने साफ किया कि आने वाले दिनों में इस तरह के अभियान और तेज़ किए जाएंगे ताकि आतंकवादियों और उनके मददगारों की कोई भी गतिविधि पनपने न पाए।
सीमावर्ती इलाकों में बंकरों की सफाई और चौकसी
पहल्गाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में भी लोगों के बीच चिंता बढ़ गई है। खासकर परगवाल, सुचना, सांबा और राजौरी जैसे सीमावर्ती गांवों और कस्बों में तनाव का माहौल देखने को मिल रहा है। इन इलाकों में रहने वाले लोग अब फिर से अपने बंकरों की सफाई और मरम्मत कर रहे हैं, जो वर्षों पहले बनवाए गए थे लेकिन लंबे समय से इस्तेमाल में नहीं आ रहे थे।
ग्राम सुरक्षा समितियां — जिन्हें पहले सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा के लिए गठित किया गया था — अब फिर से सक्रिय हो रही हैं। गांवों में युवाओं ने खुद को स्वयंसेवक के रूप में पेश किया है और स्थानीय पुलिस तथा सेना के साथ समन्वय बनाकर किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रहे हैं।
सेना ने लगाए नाके, एक महीने का राशन जमा
परगवाल क्षेत्र में पहली बार मुख्य बाज़ारों में सेना ने जगह-जगह नाके लगाए हैं। हर आने-जाने वाले व्यक्ति की सघन जांच की जा रही है। लोगों से कहा गया है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत सुरक्षा बलों को दें। इसके साथ ही, सेना और अर्धसैनिक बलों ने एक महीने का राशन और आवश्यक वस्तुएं जमा करनी शुरू कर दी हैं, ताकि किसी भी संभावित तनाव की स्थिति में खुद को और स्थानीय लोगों को जरूरी सहायता मिल सके।