
भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक बार फिर तनाव की लहर दौड़ गई जब बुधवार देर रात पाकिस्तान की ओर से भारत के पंजाब राज्य में रॉकेट हमले किए गए। रात करीब 1:15 बजे अमृतसर जिले के चार गांवों — दुधाला, जेठूवाल, पंधेर और मक्खनविंडी — में आसमान से रॉकेटनुमा वस्तुएं गिरने की खबर सामने आई। भारतीय वायु सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने अद्भुत सतर्कता दिखाते हुए इन रॉकेटों को आसमान में ही नष्ट कर दिया, जिससे एक बड़ी त्रासदी टल गई।
गनीमत यह रही कि इस हमले में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। हालाँकि, घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। जिला प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रात 1:30 बजे से सुबह लगभग 4 बजे तक पूरे क्षेत्र की बिजली काट कर ब्लैकआउट की स्थिति बना दी, जिससे सुरक्षा एजेंसियों को कार्रवाई में सुविधा हो सके।
हाई अलर्ट पर अमृतसर: सेना और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
रॉकेट गिरने की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस तत्काल हरकत में आई और पूरे क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। साथ ही भारतीय सेना को भी सूचित किया गया, जिसने घटनास्थल पर पहुंचकर विस्तृत जांच शुरू कर दी। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला सुनियोजित तरीके से किया गया था, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली की तत्परता ने पाकिस्तान के मंसूबों को नाकाम कर दिया।
अमृतसर जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हमने पूरी रात गांवों में सघन तलाशी अभियान चलाया। सेना और बम निरोधक दस्ते भी मौके पर तैनात हैं। रॉकेटों के टुकड़े बरामद कर लिए गए हैं और उनकी जांच की जा रही है कि वे किस प्रकार के हथियार थे और कहां से दागे गए।”
ग्रामीणों की जुबानी डरावनी रात की दास्तां
जेठूवाल गांव के रहने वाले गगनदीप ने बताया, “मैं छत पर सो रहा था, तभी तेज धमाके की आवाज आई और मैं घबरा गया। जब उठकर देखा, तो आसमान से कोई रॉकेटनुमा वस्तु हमारे गांव की ओर गिरती दिखी। मैं फौरन नीचे भागा और परिवार को सुरक्षित जगह पहुंचाया।”
इसी तरह पंधेर गांव के जीवन सिंह ने कहा, “रात को जैसे ही धमाके की आवाज आई, पूरा गांव जाग गया। सुबह होने पर देखा कि एक रॉकेट का हिस्सा खेत में गिरा हुआ था। ऐसा पहली बार हुआ है, अब गांव में हर कोई डरा हुआ है।”
सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी और जांच तेज
भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियां यह जांच कर रही हैं कि पाकिस्तान की इस हरकत के पीछे मकसद क्या था। कुछ सैन्य सूत्रों का कहना है कि यह हमला भारतीय वायु सेना के हालिया ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के जवाब में किया गया हो सकता है, जिसमें भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था।
सेना ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है और हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
एयर डिफेंस सिस्टम की शानदार सफलता
इस घटना ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि भारत का एयर डिफेंस सिस्टम न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि ऑपरेशनल रूप से भी बेहद सक्षम है। वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि रडार ने रॉकेटों को समय पर ट्रैक कर लिया और तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें नष्ट कर दिया।
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने बताया, “रॉकेट का रुख और वेग देखते हुए एयर डिफेंस सिस्टम को तत्काल सक्रिय किया गया। यदि ये रॉकेट ज़मीन पर गिरते, तो बड़े पैमाने पर जनहानि हो सकती थी। लेकिन हमारे सिस्टम ने इस खतरे को टाल दिया।”
स्थानीय प्रशासन और NDRF की तत्परता
ब्लैकआउट के दौरान जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। रातभर की बिजली कटौती के दौरान अस्पतालों, आपात सेवाओं और सुरक्षाबलों के साथ लगातार समन्वय बनाए रखा गया। इसके अलावा, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों को भी तैयार रहने को कहा गया।
एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, “रॉकेट हमले की आशंका होते ही ब्लैकआउट कर दिया गया था ताकि किसी प्रकार की टारगेटिंग में मदद न मिल सके। यह एहतियात के तौर पर किया गया और इससे बहुत हद तक स्थिति को नियंत्रित करने में सहायता मिली।”