
उत्तरकाशी जनपद में पिछले छह दिनों से लगातार भूकंप के झटकों ने स्थानीय निवासियों को दहशत में डाल दिया है। शुक्रवार सुबह करीब 9 बजकर 29 मिनट पर फिर से भूकंप का झटका महसूस किया गया। यह झटका उत्तरकाशी के जनपद मुख्यालय और आसपास के इलाकों में महसूस किया गया, जिससे लोग एक बार फिर भयभीत हो गए हैं। हालांकि राहत की बात यह रही कि इस बार भी कोई जनहानि या संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ।
छह दिन में नौ बार भूकंप के झटके
उत्तरकाशी में पिछले छह दिनों में यह नौवां भूकंप का झटका था। इससे पहले गुरुवार शाम को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जनपद मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में गुरुवार शाम को करीब 7:31 बजे यह झटका महसूस किया गया, जिससे लोग अपने घरों, दुकानों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। लगातार भूकंप के झटकों से लोग दहशत में हैं, और इसने पूरे क्षेत्र में चिंता का माहौल बना दिया है।
शुक्रवार सुबह आए भूकंप की तीव्रता
शुक्रवार को आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.07 मापी गई। इसके बावजूद, किसी प्रकार के बड़े नुकसान की कोई खबर नहीं है। जिला आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र तहसील बड़कोट के सरुताल झील, फुच-कंडी और यमुनोत्री रेंज वन क्षेत्र के आसपास था।
हालांकि, भूकंप की तीव्रता कम थी, लेकिन बार-बार के झटके लोगों के बीच चिंता और भय का कारण बने हुए हैं। स्थानीय निवासियों के अनुसार, छोटे-छोटे भूकंप के झटके तो अक्सर महसूस होते हैं, लेकिन इनकी संख्या में लगातार वृद्धि ने लोगों को मानसिक रूप से तनाव में डाल दिया है।
भूकंप के कारणों और सुरक्षा उपायों पर प्रशासन का बयान
उत्तरकाशी जिले के अधिकारियों ने बताया कि भूकंप का यह सिलसिला उन क्षेत्रों में अधिक महसूस किया जा रहा है, जो भूस्खलन और भूगर्भीय गतिविधियों से प्रभावित हैं। वरुणावत पर्वत, जो कि एक भूस्खलन जोन है, हाल के दिनों में मलबा और पत्थरों के गिरने की वजह से भी चर्चा में रहा है। पिछले सप्ताह, 24 और 25 जनवरी को भी भूकंप के झटके महसूस हुए थे, और इनकी तीव्रता क्रमशः 3.0 और 2.0 रिक्टर स्केल पर मापी गई थी।
अधिकारियों का कहना है कि यह भूकंप के झटके आमतौर पर भूस्खलन और भूगर्भीय गतिविधियों के कारण होते हैं, और इनकी तीव्रता मामूली होने के बावजूद किसी बड़े नुकसान का कारण नहीं बनती। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी है और उन्हें भूकंप के दौरान सुरक्षा उपायों का पालन करने की चेतावनी दी है।
भूकंप के झटकों से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति
उत्तरकाशी जिले के जनपद मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप के लगातार झटकों से आम जनजीवन प्रभावित हो गया है। लोग हर छोटे-छोटे झटके के बाद अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकलने को मजबूर हो रहे हैं। उत्तरकाशी और बड़कोट क्षेत्र में भूकंप के झटके आना कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार इनकी संख्या में असामान्य वृद्धि देखी जा रही है। लोग अब यह सवाल कर रहे हैं कि क्या आने वाले समय में और बड़े भूकंप के झटके आ सकते हैं?
स्थानीय प्रशासन ने भूकंप के झटकों के बीच राहत कार्यों की दिशा में कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है, क्योंकि यह झटके अपेक्षाकृत कम तीव्रता वाले हैं। फिर भी, प्रशासन का कहना है कि वे हर स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं और जरूरत पड़ने पर तुरंत सहायता प्रदान की जाएगी।